ETV Bharat / state

मंडी में निर्माणाधीन टनलों की सुरक्षा जांच शुरू, NHAI ने सुरंगों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का लिया निर्णय - एनएचएआई टनल जांच

एनएचएआई ने हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. सभी निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा जांच के सख्त निर्देश दिए हैं. इसी के तहत मंडी जिले में संयुक्त निरीक्षण समिति ने टनलों की जांच शुरू कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

tunnels inspection mandi
सिलक्यारा टनल हादसे के बाद मंडी में सुरंगों की सुरक्षा जांच शुरू
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 9:25 PM IST

Updated : Dec 30, 2023, 10:48 PM IST

एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार का बयान

मंडी: उत्तराखंड में हुए सिलक्यारा टनल हादसे से सीख लेते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. किरतपुर मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने एक दर्जन के करीब टनलों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें से अधिकतर टनलों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है. शनिवार को मंडी जिले में फोरलेन परियोजना में निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन की जांच को लेकर गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने इन टनलों की निरीक्षण करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि एडीएम मंडी मदन कुमार की अध्यक्षता गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण किया. समिति ने मौके पर जाकर निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा की दृष्टि से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने वहां कार्यरत कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी ली और उससे जुड़ी संपूर्ण व्यवस्था को बारीकी से जांचा. समिति ने फोरलेन पर सुरंगों की योजना, डिजाइन, निर्माण, सुरक्षा और रखरखाव की समीक्षा की. किसी आपदा या हादसे के दौरान आपातकालीन योजना के संबंध में भी कंपनी प्रबंधन से जानकारी ली. सुरंग में प्रकाश व्यवस्था, वायु की गुणवत्ता, कार्य कर रहे मजदूरों को दिए सुरक्षा उपकरणों की गुणवत्ता, दो तरफा सुरंगों के मध्य अंतर कनेक्टिविटी की व्यवस्था समेत प्रत्येक पहलू को गहनता से जांचा गया.

समिति ने श्रमिकों से बातचीत कर आपातकालीन निकासी योजना के संबंध में उनके जानकारी स्तर को भी परखा. सायरन बजने का क्या अर्थ है, आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी मार्ग कौन सा है, सुरक्षित निकासी के बाद कहां एकत्र होना है, इसे लेकर श्रमिकों से संवाद किया. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारी और मजदूरों के बचाव और सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा भी लिया गया.

एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के निर्देशानुसार समिति ने मंडी जिला में फोरलेन पर निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा एवं बचाव मानकों के अनुपालन को लेकर निरीक्षण किया है. वहां वर्तमान में सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल से जुड़े हर पहलू को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को जांचा गया है. समिति सशक्त सुरक्षा प्रबंधों व उपायों के साथ ही निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों और सुझावों के संबंध में जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को भेजेगी.

बता दें कि नवंबर माह में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का निरीक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि आगे कहीं भी इस प्रकार की घटना ना हो. इसी उद्देश्य के साथ संयुक्त निरीक्षण समिति ने शनिवार को निरीक्षण की शुरुआत मंडी में वृंदावनी बाईपास सुरंग से की. उसके बाद सोली खड्ड और पंडोह के पास निर्माणाधीन सुरंगों का निरीक्षण किया.

ये भी पढ़ें: स्पीति में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 14 प्रोजेक्ट को केंद्र से मिली मंजूरी, क्षेत्र के विकास के लिए खर्च होंगे 3.87 करोड़

एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार का बयान

मंडी: उत्तराखंड में हुए सिलक्यारा टनल हादसे से सीख लेते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश में निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. किरतपुर मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत एनएचएआई ने एक दर्जन के करीब टनलों का निर्माण किया जा रहा है. इसमें से अधिकतर टनलों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है. शनिवार को मंडी जिले में फोरलेन परियोजना में निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन की जांच को लेकर गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने इन टनलों की निरीक्षण करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि एडीएम मंडी मदन कुमार की अध्यक्षता गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने निर्माणाधीन टनलों का निरीक्षण किया. समिति ने मौके पर जाकर निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा की दृष्टि से जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने वहां कार्यरत कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा प्रोटोकॉल की जानकारी ली और उससे जुड़ी संपूर्ण व्यवस्था को बारीकी से जांचा. समिति ने फोरलेन पर सुरंगों की योजना, डिजाइन, निर्माण, सुरक्षा और रखरखाव की समीक्षा की. किसी आपदा या हादसे के दौरान आपातकालीन योजना के संबंध में भी कंपनी प्रबंधन से जानकारी ली. सुरंग में प्रकाश व्यवस्था, वायु की गुणवत्ता, कार्य कर रहे मजदूरों को दिए सुरक्षा उपकरणों की गुणवत्ता, दो तरफा सुरंगों के मध्य अंतर कनेक्टिविटी की व्यवस्था समेत प्रत्येक पहलू को गहनता से जांचा गया.

समिति ने श्रमिकों से बातचीत कर आपातकालीन निकासी योजना के संबंध में उनके जानकारी स्तर को भी परखा. सायरन बजने का क्या अर्थ है, आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी मार्ग कौन सा है, सुरक्षित निकासी के बाद कहां एकत्र होना है, इसे लेकर श्रमिकों से संवाद किया. किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारी और मजदूरों के बचाव और सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा भी लिया गया.

एडीएम मंडी डॉ मदन कुमार ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के निर्देशानुसार समिति ने मंडी जिला में फोरलेन पर निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा एवं बचाव मानकों के अनुपालन को लेकर निरीक्षण किया है. वहां वर्तमान में सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल से जुड़े हर पहलू को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को जांचा गया है. समिति सशक्त सुरक्षा प्रबंधों व उपायों के साथ ही निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों और सुझावों के संबंध में जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम को भेजेगी.

बता दें कि नवंबर माह में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा प्रोटोकॉल का निरीक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि आगे कहीं भी इस प्रकार की घटना ना हो. इसी उद्देश्य के साथ संयुक्त निरीक्षण समिति ने शनिवार को निरीक्षण की शुरुआत मंडी में वृंदावनी बाईपास सुरंग से की. उसके बाद सोली खड्ड और पंडोह के पास निर्माणाधीन सुरंगों का निरीक्षण किया.

ये भी पढ़ें: स्पीति में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 14 प्रोजेक्ट को केंद्र से मिली मंजूरी, क्षेत्र के विकास के लिए खर्च होंगे 3.87 करोड़

Last Updated : Dec 30, 2023, 10:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.