मंडीः प्रदेश में इस बार फायर सीजन 1 अप्रैल पहले ही शुरू हो गया है. मंडी जिला में अभी 82 के करीब आगजनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. आगजनी की इन घटनाओं में 1100 हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए हैं, जिसमें 920 प्राकृतिक क्षेत्र व 120 प्लांटेशन एरिया शामिल है. फायर सीजन के दौरान वन विभाग ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया है.
आगजनी की घटनाओं से निपटने की तैयारियां मुकम्मल
वन मंडल अधिकारी मंडी एसएस कश्यप ने कहा कि जिला में अभी तक 82 आगजनी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसमें विभाग को 37 लाख 80 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए विभाग ने पूरी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. डीएफओ ने बताया कि रेंज स्तर पर विभाग ने रैपिड फॉरेस्ट फायर टीम का गठन किया है. वहीं, डिवीजन स्तर पर कंट्रोल रूम का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि वन विभाग के सभी कर्मचारी आगजनी की घटनाओं पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
वन विभाग की माने तो आमतौर पर फायर सीजन 15 अप्रैल के बाद ही शुरू होता है, जोकि 15 जुलाई तक चलता है, लेकिन इस बार बारिश कम होने की वजह से जंगलों में आग की घटनाएं पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गई है.
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