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IIT मंडी के वैज्ञानिकों का नया अविष्कार, पानी से हाइड्रोजन को किया जा सकेगा अलग

अब सूरज की रोशनी में पानी से वैकल्पिक इंधन हाइड्रोजन अलग किया जा सकेगा. धूप की मदद से पानी विभाजित कर हाइड्रोजन बनाने का अनूठा अविष्कार आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने किया है.

IIT Mandi
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Published : Jan 7, 2020, 10:32 AM IST

मंडी: अब सूरज की रोशनी में पानी से वैकल्पिक इंधन हाइड्रोजन अलग किया जा सकेगा. धूप की मदद से पानी विभाजित कर हाइड्रोजन बनाने का अनूठा अविष्कार आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने किया है.

विश्व में जीवष्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल और केरोसिन) का भंडार तेजी से कम हो रहा है और इनके उपयोग से पर्यावरण संकट भी बढ़ रहा है. इसलिए अब वैकल्पिक, सुरक्षित ईंधन के विकास पर जोर दिया जा रहा है.

हाइड्रोजन गैस को संभावित ऊर्जा वाहक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इससे ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है और यह पर्यावरण अनुकूल है. दावा किया जा रहा है कि यदि यह प्रोजक्ट रंग लाया तो इससे एक नई हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था की शुरूआत होगी.

वीडियो रिपोर्ट.

हालांकि लंबे समय से फोटोकेमिकल से पानी के विभाजन में बतौर कैटलिस्ट प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है. परंतु प्लैटिनम की कीमत देखते हुए सोलर हाइड्रोजन से विभाजन एक बड़ी सफलता है. यह प्रोजेक्ट योगी वेमना विवि आंध्र प्रदेश के शोधकर्ताओं के सहयोग से शुरू किया गया था.

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के एसोएिट प्रोफेसर डॉ. वेंकट कृष्णन के नेतृत्व में डॉ. सुनील कुमार, अजय कुमार, आशीष कुमार, डा एम वी शंकर और वीएनराव की टीम ने इसपर काम किया है.

IIT Mandi
IIT मंडी.

हाल में शोध के उत्साहवर्द्धक परिणाम अमेरिकन केमिकल सोसायटी (एसीएस) एप्लाइड एनर्जी मटीरियल्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है. नई खोज वाला मैटिरियल शोधकर्ताओं ने एक नया मल्टी कंपोनेंट कैटलिस्ट का विकास किया है, जिसमें मॉलीब्डेनम सल्फाइड नैनोशीट कोटेड नाइट्रोजन डोप्ड जिंक ऑक्साइड नैनोरॉड हैं.

नैनोमीटर स्केल (हमारे एक बाल की चौड़ाई से एक सौ हजार गुना कम) के मटीरियल के सर्फेस एरिया से वॉल्युम का अनुपात अधिक है, भौतिक गुण बेहतर हैं और ट्यून करने योग्य इलैक्ट्रॉनिक गुण हैं.

धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षमः डॉ. कृष्णन
डॉ. वेंकट कृष्णन के अनुसार सबसे सरल रसायनिक कंपाउंड पानी है, जो हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक अणु से बना है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि पानी हाइड्रोजन का अच्छा स्रोत है. हालांकि पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग-अलग करना कठिन है और इसमें बहुत ऊर्जा लगती है.

हालांकि इसे रोशनी की मदद से पानी को इसके घटक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणुओं में बांटा जा सकता है. हमारे शोध कार्य से ऐसे फोटो कैटलिस्ट के रेशनल डिजाइन के लिए फोसिल स्ट्रेटजी मिली है जो धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षम और रिसाइकिल योग्य है.

ये भी पढ़ेंः HRTC चालक की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव, गड़बड़ की संभावना होगी शून्य

मंडी: अब सूरज की रोशनी में पानी से वैकल्पिक इंधन हाइड्रोजन अलग किया जा सकेगा. धूप की मदद से पानी विभाजित कर हाइड्रोजन बनाने का अनूठा अविष्कार आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने किया है.

विश्व में जीवष्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल और केरोसिन) का भंडार तेजी से कम हो रहा है और इनके उपयोग से पर्यावरण संकट भी बढ़ रहा है. इसलिए अब वैकल्पिक, सुरक्षित ईंधन के विकास पर जोर दिया जा रहा है.

हाइड्रोजन गैस को संभावित ऊर्जा वाहक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इससे ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है और यह पर्यावरण अनुकूल है. दावा किया जा रहा है कि यदि यह प्रोजक्ट रंग लाया तो इससे एक नई हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था की शुरूआत होगी.

वीडियो रिपोर्ट.

हालांकि लंबे समय से फोटोकेमिकल से पानी के विभाजन में बतौर कैटलिस्ट प्लैटिनम का उपयोग किया जाता है. परंतु प्लैटिनम की कीमत देखते हुए सोलर हाइड्रोजन से विभाजन एक बड़ी सफलता है. यह प्रोजेक्ट योगी वेमना विवि आंध्र प्रदेश के शोधकर्ताओं के सहयोग से शुरू किया गया था.

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के एसोएिट प्रोफेसर डॉ. वेंकट कृष्णन के नेतृत्व में डॉ. सुनील कुमार, अजय कुमार, आशीष कुमार, डा एम वी शंकर और वीएनराव की टीम ने इसपर काम किया है.

IIT Mandi
IIT मंडी.

हाल में शोध के उत्साहवर्द्धक परिणाम अमेरिकन केमिकल सोसायटी (एसीएस) एप्लाइड एनर्जी मटीरियल्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है. नई खोज वाला मैटिरियल शोधकर्ताओं ने एक नया मल्टी कंपोनेंट कैटलिस्ट का विकास किया है, जिसमें मॉलीब्डेनम सल्फाइड नैनोशीट कोटेड नाइट्रोजन डोप्ड जिंक ऑक्साइड नैनोरॉड हैं.

नैनोमीटर स्केल (हमारे एक बाल की चौड़ाई से एक सौ हजार गुना कम) के मटीरियल के सर्फेस एरिया से वॉल्युम का अनुपात अधिक है, भौतिक गुण बेहतर हैं और ट्यून करने योग्य इलैक्ट्रॉनिक गुण हैं.

धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षमः डॉ. कृष्णन
डॉ. वेंकट कृष्णन के अनुसार सबसे सरल रसायनिक कंपाउंड पानी है, जो हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक अणु से बना है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि पानी हाइड्रोजन का अच्छा स्रोत है. हालांकि पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग-अलग करना कठिन है और इसमें बहुत ऊर्जा लगती है.

हालांकि इसे रोशनी की मदद से पानी को इसके घटक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणुओं में बांटा जा सकता है. हमारे शोध कार्य से ऐसे फोटो कैटलिस्ट के रेशनल डिजाइन के लिए फोसिल स्ट्रेटजी मिली है जो धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षम और रिसाइकिल योग्य है.

ये भी पढ़ेंः HRTC चालक की भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव, गड़बड़ की संभावना होगी शून्य

Intro:मंडी। अब सूरज की रोशनी में पानी से वैकल्पिक इंधन हाइड्रोजन अलग किया जा सकेगा। धूप की मदद से पानी विभाजित कर हाइड्रोजन बनाने का अनूठा अविष्कार आईआईटी के शोधकर्ताओं ने किया है। विश्व में जीवष्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल और केरोसिन) का भंडार तेजी से कम हो रहा है और इनके उपयोग से पर्यावरण संकट भी बढ़ रहा है। इसलिए अब वैकल्पिक, सुरक्षित ईंधन के विकास पर जोर दिया जा रहा है। Body:हाइड्रोजन गैस को संभावित ऊर्जा वाहक के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि इससे ज्यादा ऊर्जा पैदा होती है और यह पर्यावरण अनुकूल है। दावा किया जा रहा है कि यदि यह प्रोजक्ट रंग लाया तो इससे एक नई हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था की शुरूआत होगी। हालांकि लंबे समय से फोटोकैमिकल से पानी के विभाजन में बतौर कैटलिस्ट प्लेटिनम का उपयोग किया जाता है। परंतु प्लैटिनम की कीमत देखते हुए सोलर हाइड्रोजन से विभाजन एक बड़ी सफलता है। यह प्रोजेक्ट योगी वेमना विवि आंध्र प्रदेश के शोधकर्ताओं के सहयोग से शुरू किया गया । आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के एसोएिट प्रोफेसर डॉ. वेंकट कृष्णन के नेतृत्व में डा. सुनील कुमार, अजय कुमार, आशीष कुमार, डा एम वी शंकर और वीएनराव की टीम ने इसपर काम किया है। हाल में शोध के उत्साहवर्द्धक परिणाम अमेरिकन कैमिकल सोसायटी (एसीएस) एप्लाइड एनर्जी मटीरियल्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है। नई खोज वाला मैटिरियल शोधकर्ताओं ने एक नया मल्टी कंपोनेंट कैटलिस्ट का विकास किया है, जिसमें मॉलीब्डेनम सल्फाइड नैनोशीट कोटेड नाइट्रोजन डोप्ड जिंक ऑक्साइड नैनोरॉड हैं। नैनोमीटर स्केल (हमारे एक बाल की चौड़ाई से एक सौ हजार गुनी कम) के मटीरियल के सर्फेस एरिया से वॉल्युम का अनुपात अधिक है, भौतिक गुण बेहतर हैं और ट्यून करने योग्य इलैक्ट्रॉनिक गुण हैं।Conclusion:धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षमः डा वेंकट कृष्णन

डा वेंकट कृष्णन के अनुसार सबसे सरल रसायनिक कंपाउंड पानी है, जो हाइड्रोजन के दो और ऑक्सीजन के एक अणु से बना है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि पानी हाइड्रोजन का अच्छा स्रोत है। हालांकि पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग-अलग करना कठिन है और इसमें बहुत ऊर्जा लगती है। परंतु इसे रोशनी की मदद से पानी को इसके घटक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के अणुओं में बांटा जा सकता है। हमारे शोध कार्य से ऐसे फोटोकैटलिस्ट के रेशनल डिज़ाइन के लिए फेसाइल स्ट्रैटजी मिली है जो धूप से हाइड्रोजन ईंधन परिवर्तन में सक्षम और पुनर्चक्रण योग्य है।
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