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जज्बे को सलाम! जिस दर्रे को पैदल पार करना भी मुश्किल...उसे साइकिल से लांघा

आईएएस अधिकारी संदीप कुमार, मंडी जिला निवासी फोटो जर्नलिस्ट जसप्रीत पाल, ऊना जिला निवासी जसवीर सिंह, जगतार सिंह, राजेंद्र मनन और डॉ. रोहित ने 29 अगस्त को मनाली से चंबा के लिए बाया साच पास साइकिल पर अपनी यात्रा को शुरू किया. पांचवें दिन यानी 2 सितंबर को ये सभी साच पास से होते हुए चंबा जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी 372 किमी. की यात्रा को साइकिल के माध्यम से पूरा किया.

जज्बे को सलाम
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Published : Sep 9, 2021, 1:48 PM IST

मंडी: समुद्री तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित साच पास हिमाचल के चंबा जिला के पीर पंजाल रेंज के पास है. साच पास पांगी घाटी को बाहरी दुनिया से जोड़ता है. शिमला, मनाली, खजियार हो या रोहतांग, इन पर्यटन स्थलों से कहीं ज्यादा खूबसूरत साच पास प्रकृति की अद्भुत सुंदरता की मिसाल है.

इस खूबसूरत जगह जाने के लिए पर्यटकों को काफी संघर्ष करना पड़ता है. साच पास में भारी बर्फबारी के चलते यह पर्यटकों के घूमने के लिए जून के अंत में खुलता है और अक्टूबर में बंद हो जाता है. इस विषम परिस्थिति में भी हिमाचल प्रदेश के 6 लोगों ने साइकिल पर सवार होकर दर्रे को पार किया है.

वीडियो

आईएएस अधिकारी संदीप कुमार, मंडी जिला निवासी फोटो जर्नलिस्ट जसप्रीत पाल, ऊना जिला निवासी जसवीर सिंह, जगतार सिंह, राजेंद्र मनन और डॉ. रोहित ने 29 अगस्त को मनाली से चंबा के लिए बाया साच पास साइकिल पर अपनी यात्रा को शुरू किया. पांचवें दिन यानी 2 सितंबर को ये सभी साच पास से होते हुए चंबा जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी 372 किमी. की यात्रा को साइकिल के माध्यम से पूरा किया.

मंडी जिला निवासी जसप्रीत पाल ने बताया कि साच पास पहुंचने में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वहां ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी थी. 4550 मीटर की उंचाई पर साइकिल को पैडल से हांकते वक्त ऐसा लग रहा था कि शरीर साथ नहीं दे रहा है, लेकिन सभी ने हिम्मत बनाए रखी और साच पास पहुंचते ही सभी की थकान गायब हो गई. वहां साइकिल से पहुंचना अपने आप में बड़ी बात थी और यह सभी के लिए गौरवान्वित करने वाला पल था.

जसप्रीत पाल ने बताया कि चंबा पहुंचकर उन्हें मालूम हुआ कि साच पास को आज दिन तक किसी ने भी साइकिल से नहीं लांघा है. कुछ वर्ष पूर्व एक व्यक्ति ने इसकी कोशिश की थी, लेकिन वो साच पास तक नहीं पहुंच सका था. उन्होंने इसकी सारी जानकारी जुटा ली है और अब यह अपने इस रिकॉर्ड को दर्ज करवाने की दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं.

बता दें कि यात्रा 6 लोगों ने शुरू की थी लेकिन तीसा के पास चार लोगों ने किन्हीं कारणों से इसे बीच में ही छोड़ दिया, जबकि संदीप कुमार और जसप्रीत पाल ने इसे चंबा तक पूरा किया. 6 में से सिर्फ 2 लोग ही अपनी यात्रा को पूरा कर पाए, लेकिन दर्रे को लांघने में सभी को सफलता मिली है.

ये भी पढ़ें: परमवीर विक्रम बत्रा की जयंती, करगिल का वो 'शेरशाह', जिसके किस्से आपमें जोश भर देंगे

मंडी: समुद्री तल से 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित साच पास हिमाचल के चंबा जिला के पीर पंजाल रेंज के पास है. साच पास पांगी घाटी को बाहरी दुनिया से जोड़ता है. शिमला, मनाली, खजियार हो या रोहतांग, इन पर्यटन स्थलों से कहीं ज्यादा खूबसूरत साच पास प्रकृति की अद्भुत सुंदरता की मिसाल है.

इस खूबसूरत जगह जाने के लिए पर्यटकों को काफी संघर्ष करना पड़ता है. साच पास में भारी बर्फबारी के चलते यह पर्यटकों के घूमने के लिए जून के अंत में खुलता है और अक्टूबर में बंद हो जाता है. इस विषम परिस्थिति में भी हिमाचल प्रदेश के 6 लोगों ने साइकिल पर सवार होकर दर्रे को पार किया है.

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आईएएस अधिकारी संदीप कुमार, मंडी जिला निवासी फोटो जर्नलिस्ट जसप्रीत पाल, ऊना जिला निवासी जसवीर सिंह, जगतार सिंह, राजेंद्र मनन और डॉ. रोहित ने 29 अगस्त को मनाली से चंबा के लिए बाया साच पास साइकिल पर अपनी यात्रा को शुरू किया. पांचवें दिन यानी 2 सितंबर को ये सभी साच पास से होते हुए चंबा जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी 372 किमी. की यात्रा को साइकिल के माध्यम से पूरा किया.

मंडी जिला निवासी जसप्रीत पाल ने बताया कि साच पास पहुंचने में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वहां ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी थी. 4550 मीटर की उंचाई पर साइकिल को पैडल से हांकते वक्त ऐसा लग रहा था कि शरीर साथ नहीं दे रहा है, लेकिन सभी ने हिम्मत बनाए रखी और साच पास पहुंचते ही सभी की थकान गायब हो गई. वहां साइकिल से पहुंचना अपने आप में बड़ी बात थी और यह सभी के लिए गौरवान्वित करने वाला पल था.

जसप्रीत पाल ने बताया कि चंबा पहुंचकर उन्हें मालूम हुआ कि साच पास को आज दिन तक किसी ने भी साइकिल से नहीं लांघा है. कुछ वर्ष पूर्व एक व्यक्ति ने इसकी कोशिश की थी, लेकिन वो साच पास तक नहीं पहुंच सका था. उन्होंने इसकी सारी जानकारी जुटा ली है और अब यह अपने इस रिकॉर्ड को दर्ज करवाने की दिशा में आगे बढ़ने जा रहे हैं.

बता दें कि यात्रा 6 लोगों ने शुरू की थी लेकिन तीसा के पास चार लोगों ने किन्हीं कारणों से इसे बीच में ही छोड़ दिया, जबकि संदीप कुमार और जसप्रीत पाल ने इसे चंबा तक पूरा किया. 6 में से सिर्फ 2 लोग ही अपनी यात्रा को पूरा कर पाए, लेकिन दर्रे को लांघने में सभी को सफलता मिली है.

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