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गृह निर्माण अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए भटक रहे लोग, साढ़े पांच हजार केस पेंडिंग

मंडी में गृह अनुदान योजना के तहत साढ़े पांच हजार केस पेंडिंग हैं. शनिवार को डीआरडीए सभागार में प्रेेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान विभागीय योजनाओं की जानकारी में इन आंकड़ों का खुलाया हुआ.

गृह निर्माण अनुदान योजना के लाभ को भटक रहे लोग, साढ़े पांच हजार केस पेंडिंग
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Published : Sep 28, 2019, 4:55 PM IST

मंडी: सीएम के गृह जिला मंडी में गृह अनुदान योजना के तहत साढ़े पांच हजार केस पेंडिंग हैं. अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम सशक्तिकरण विभाग की इस योजना के तहत जिला कमेटी ने इन केसों को स्वीकृति तो प्रदान कर दी है, लेकिन बजट के अभाव में यह केस लटके हुए हैं.

2018-19 वित वर्ष की बात की जाए तो गृह अनुदान योजना के तहत कुल 262 केस को अनुदान दिया गया है. जिन पर तीन करोड़ 32 लाख रूपये खर्चा किया गया है. इनमें अनुसूचित जाति के 215, अनुसूचित जनजाति के 10 व अन्य पिछड़ा वर्ग के 37 केस शामिल है.

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वर्तमान में अनुसूचित जाति के 5114, एसटी के 106 व ओबीसी वर्ग के 360 केस पेडिंग हैं. ऐसे में नए घर का निर्माण के लिए अनुदान राशि के लिए लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो लंबित केसों की पूर्ति के लिए सरकार को पत्राचार किया जाता है और बजट की मांग की जाती है.

डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि गृह अनुदान योजना में लोगों की अधिक मांग है. उन्होंने बताया कि कल्याण विभाग में सबसे अधिक खर्चा पेंशन के मामलों में होता है. 70 वर्ष आयु पूरी कर चुके वृद्धों के दस हजार नए मामले जुड़े हैं. जिन्हें सरकार के आदेशानुसार बिना किसी आय प्रमाण पत्र के वृद्धा पेंशन मुहैया करवाई जा रही है.

बता दें कि जिला मंडी में कल्याण विभाग के तहत वर्ष 2018-19 में 116 करोड़ रूपये और वर्ष 2019-20 में 31 अगस्त तक 59 करोड़ रूपये धनराशि विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की जा चुकी है. इसमें सबसे अधिक धनराशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में खर्च की गई है. 1 जनवरी 2018 से अब तक जिला मंडी में 24394 नई पेंशन स्वीकृति की गई है, जिनमें से 9985 पेंशन 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए हैं.

मंडी: सीएम के गृह जिला मंडी में गृह अनुदान योजना के तहत साढ़े पांच हजार केस पेंडिंग हैं. अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम सशक्तिकरण विभाग की इस योजना के तहत जिला कमेटी ने इन केसों को स्वीकृति तो प्रदान कर दी है, लेकिन बजट के अभाव में यह केस लटके हुए हैं.

2018-19 वित वर्ष की बात की जाए तो गृह अनुदान योजना के तहत कुल 262 केस को अनुदान दिया गया है. जिन पर तीन करोड़ 32 लाख रूपये खर्चा किया गया है. इनमें अनुसूचित जाति के 215, अनुसूचित जनजाति के 10 व अन्य पिछड़ा वर्ग के 37 केस शामिल है.

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वर्तमान में अनुसूचित जाति के 5114, एसटी के 106 व ओबीसी वर्ग के 360 केस पेडिंग हैं. ऐसे में नए घर का निर्माण के लिए अनुदान राशि के लिए लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो लंबित केसों की पूर्ति के लिए सरकार को पत्राचार किया जाता है और बजट की मांग की जाती है.

डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि गृह अनुदान योजना में लोगों की अधिक मांग है. उन्होंने बताया कि कल्याण विभाग में सबसे अधिक खर्चा पेंशन के मामलों में होता है. 70 वर्ष आयु पूरी कर चुके वृद्धों के दस हजार नए मामले जुड़े हैं. जिन्हें सरकार के आदेशानुसार बिना किसी आय प्रमाण पत्र के वृद्धा पेंशन मुहैया करवाई जा रही है.

बता दें कि जिला मंडी में कल्याण विभाग के तहत वर्ष 2018-19 में 116 करोड़ रूपये और वर्ष 2019-20 में 31 अगस्त तक 59 करोड़ रूपये धनराशि विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की जा चुकी है. इसमें सबसे अधिक धनराशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में खर्च की गई है. 1 जनवरी 2018 से अब तक जिला मंडी में 24394 नई पेंशन स्वीकृति की गई है, जिनमें से 9985 पेंशन 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए हैं.

Intro:मंडी। सीएम के गृह जिला मंडी में गृह अनुदान योजना के तहत साढ़े पांच हजार केस पेडिंग हैं। अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम सशक्तिकरण विभाग की इस योजना के तहत जिला कमेटी ने इन केसों को स्वीकृति तो प्रदान कर दी है, लेकिन बजट के अभाव में यह केस लटके हुए हैं। इसका खुलासा शनिवार को डीआरडीए सभागार में प्रेेस से मिलिए कार्यक्रम के दौरान विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए हुआ। 


Body:2018-19 वित वर्ष की बात की जाए तो गृह अनुदान योजना के तहत कुल 262 केस को अनुदान दिया गया है। जिन पर तीन करोड़ 32 लाख रूपये खर्चा किया गया। इनमें  अनुसूचित जाति के 215, अनुसूचित जनजाति के 10 व अन्य पिछड़ा वर्ग के 37 केस शामिल है। जबकि लक्ष्य 179 केसों का था। वर्तमान में अनुसूचित जाति के 5114, एसटी के 106 व ओबीसी वर्ग के 360 केस पेडिंग हैं। ऐसे में नए घर का निर्माण के लिए अनुदान राशि के लिए लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो लंबित केसों की पूर्ति के लिए सरकार को पत्राचार किया जाता है और बजट की मांग की जाती है। डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि गृह अनुदान योजना में लोगों की अधिक मांग है। उन्होंने बताया कि कल्याण विभाग में सबसे अधिक खर्चा पेंशन के मामलों में होता है। 70 वर्ष आयु पूरी कर चुके वृद्धों के दस हजार नए मामले जुड़े हैं। जिन्हें सरकार के आदेशानुसार बिना किसी आय प्रमाण पत्र के वृद्धा पेंशन मुहैया करवाई जा रही है। 

बाइट - ऋग्वेद ठाकुर, डीसी मंडी




Conclusion:बता दें कि जिला मंडी में कल्याण विभाग के तहत वर्ष 2018-19 में 116 करोड़ रूपये और वर्ष 2019-20 में 31 अगस्त तक 59 करोड़ रूपये धनराशि विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की जा चुकी है। इसमें सबसे अधिक धनराशि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में खर्च की गई है। एक जनवरी 2018 से अब तक जिला मंडी में 24394 नई पेंशना स्वीकृति की गई है। जिनमें से 9985 पेंशन 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए हैं।
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