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बजट से दिव्यांगों को मिली केवल निराशा, प्रदेश सरकार ने नहीं बढ़ाई पेंशन: हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था - हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था

हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था ने प्रदेश सरकार ने पेंशन में बढ़ोतरी की मांग की है. संस्था के सदस्यों का कहना है कि हाल ही में पेश हुए बजट से उन्हें काफी उम्मीदें थी. लेकिन, बजट में दिव्यांगों को केवल निराशा ही मिली.

हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था
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Published : Mar 23, 2023, 1:59 PM IST

हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था.

मंडी: जिला मंडी में दिव्यांग दर-दर भटकने को मजबूर हैं. कारण है दिव्यांगों के लिए जिले में भवन का न होना. जिले में दिव्यांग पिछले लंबे समय से सरकार व प्रशासन से दिव्यांगों के लिए स्थाई भवन की मांग कर रहे हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा आज दिन तक उन्हें कुछ भी नहीं मिला है. दिव्यांग कभी भूतनाथ मंदिर तो कभी राज देवता माधवराय परिसर में खुले में बैठकर अपनी बैठकें कर रहे हैं.

वीरवार को हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की बैठक माधवराय मंदिर परिसर में संपन्न हुई. बैठक में जहां भवन की मांग जोरों शोरों से उठाई गई, वहीं लंबित मांगों पर भी चर्चा की गई.
बैठक के उपरांत मीडिया से रूबरू होते हुए हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की अध्यक्ष हेमलता पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट के दौरान भी दिव्यांगों को निराश ही किया है. बजट को लेकर दिव्यांगों में आशा थी उनकी पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी. परंतु बजट के दौरान भी दिव्यांगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से दिव्यांगों की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग उठाई है.

वहीं, हेमलता पठानिया ने कहा कि दिव्यांगों के कल्याण के लिए पिछले कुछ सालों से संस्थाओं की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन हकीकत में दिव्यांगों के हितों के लिए कोई आवाज बुलंद नहीं कर रहा है. इसलिए साल 2016 के बाद पंजीकृत ऐसी संस्थाओं को रद्द किया जाए जो संस्थाएं दिव्यांगों के हितों के लिए कुछ भी नहीं कर रही हैं. हेमलता पठानिया ने कहा कि ऐसी संस्थाए केवल दिव्यांगों का शोषण कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: IGMC ने शुरू की जीवन दायिनी एम्बुलेंस, अब आईजीएमसी से PGI रेफर मरीजों को मिलेगी राहत

हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था.

मंडी: जिला मंडी में दिव्यांग दर-दर भटकने को मजबूर हैं. कारण है दिव्यांगों के लिए जिले में भवन का न होना. जिले में दिव्यांग पिछले लंबे समय से सरकार व प्रशासन से दिव्यांगों के लिए स्थाई भवन की मांग कर रहे हैं. लेकिन आश्वासन के सिवा आज दिन तक उन्हें कुछ भी नहीं मिला है. दिव्यांग कभी भूतनाथ मंदिर तो कभी राज देवता माधवराय परिसर में खुले में बैठकर अपनी बैठकें कर रहे हैं.

वीरवार को हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की बैठक माधवराय मंदिर परिसर में संपन्न हुई. बैठक में जहां भवन की मांग जोरों शोरों से उठाई गई, वहीं लंबित मांगों पर भी चर्चा की गई.
बैठक के उपरांत मीडिया से रूबरू होते हुए हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की अध्यक्ष हेमलता पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट के दौरान भी दिव्यांगों को निराश ही किया है. बजट को लेकर दिव्यांगों में आशा थी उनकी पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी. परंतु बजट के दौरान भी दिव्यांगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है. उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से दिव्यांगों की पेंशन में बढ़ोतरी की मांग उठाई है.

वहीं, हेमलता पठानिया ने कहा कि दिव्यांगों के कल्याण के लिए पिछले कुछ सालों से संस्थाओं की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन हकीकत में दिव्यांगों के हितों के लिए कोई आवाज बुलंद नहीं कर रहा है. इसलिए साल 2016 के बाद पंजीकृत ऐसी संस्थाओं को रद्द किया जाए जो संस्थाएं दिव्यांगों के हितों के लिए कुछ भी नहीं कर रही हैं. हेमलता पठानिया ने कहा कि ऐसी संस्थाए केवल दिव्यांगों का शोषण कर रही हैं.

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