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एक छत के नीचे दिखेगा हिमाचल, इसी माह नए स्‍वरूप में खुलेगी ये फोटो गैलरी

बिंदरावणी में दस महीने बाद जून महीने के पहले पखवाड़े में फिर से एक छत्त के नीचे हिमाचल दर्शन हो सकेगा. हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी को फिर से स्थापित कर दिया गया है. अब इसे जून के पहले पखवाड़े में दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा.

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Published : Jun 3, 2019, 10:46 AM IST

मंडीः कुल्लू मार्ग पर मंडी से चार किलोमीटर दूर बिंदरावणी में जून महीने के पहले पखवाड़े में फिर से एक छत्त के नीचे हिमाचल दर्शन हो सकेगा. हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी को फिर से स्थापित कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार अब इसे जून के पहले पखवाड़े में दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा. फोरलेन की जद में आने के कारण गैलरी को तोड़ दिया गया था. जिसे नए सिरे से बनाया गया है.

Himachal Darshan photo gallery
हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बता दें कि पुरातत्व चेतना संघ व बीरबल शर्मा द्वारा छायांकित छायाचित्रों पर आधारित इस फोटो गैलरी को 24 अप्रैल 1997 में स्थापित किया गया था. 22 सालों में इसमें कई नए आयाम जोड़े गए, लेकिन 10 अगस्त 2018 को इसे बंद करना पड़ा.

Himachal Darshan photo gallery
हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बीरबल शर्मा ने बताया कि अब यह फोटो गैलरी जल्द ही दर्शकों के लिए खोल दी जाएगी. अब यह पूरी तरह से नए रूप में होगी. इसमें कई नए छायाचित्र देखने को मिलेंगे. इसके लिए कुछ अन्य छायाकारों के चित्रों को भी शामिल किया जा रहा है, जो संग्रह में दिखाए जाने जरूरी है.

Himachal Darshan photo gallery
हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

यही नहीं, अधिकांश छायाचित्र नए व बड़े बनाए गए हैं. इनमें जानकारी भी अतिरिक्त दी जा रही है. पहले से ज्यादा छायाचित्र अब इस गैलरी में होंगे. कुदरत के अनूठे वातावरण के बीच दरिया ब्यास की जलधारा के अवलोकन के साथ-साथ दर्शक इसका आनंद ले सकेंगे.

Himachal Darshan photo gallery
हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बीरबल शर्मा के अनुसार गैलरी परिसर में एक म्यूजिम व दुर्लभ पुस्तकों का पुस्तकालय भी स्थापित किया जा रहा है ताकि शोधार्थी इसका लाभ उठा सकें. मंडी से जुड़े सौ साल पुराने छायाचित्रों का एक खास कालम जोड़ा गया है, जो बेहद रोचक साबित हो सकता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश की विविधिता पर आधारित कई फोटो बुक भी तैयार की गई है. जिसमें दर्शकों को अतिरिक्त छायाचित्र देखने को मिल सकते हैं. प्राचीन मंदिर, किले, स्मारक, धार्मिक स्थल, मेले त्यौहार, वेशभूषा, लोक नृत्य, प्राकृतिक सौंदर्य, जनजीवन, कुदरती झीलें, विकास व अन्य सभी विधाओं के लिए अलग अलग कॉलम तैयार किए गए हैं.

वीडियो

बीरबल शर्मा का कहना है कि पूरे देश में यह अपनी तरह की पहली गैलरी होगी. जिसमें पूरे प्रदेश के हर पहलू को एक ही छत्त के नीचे देखा जा सकता है. कड़ी मेहनत के बाद इसे बेहद उपयोगी व रोचक बनाने के प्रयास किए गए हैं. जल्द ही इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देकर इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया जाएगा.

पढ़ेंः शिमला नगर निगम ने एडीबी प्रोजेक्ट के तहत किए कामों पर उठाए सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला

मंडीः कुल्लू मार्ग पर मंडी से चार किलोमीटर दूर बिंदरावणी में जून महीने के पहले पखवाड़े में फिर से एक छत्त के नीचे हिमाचल दर्शन हो सकेगा. हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी को फिर से स्थापित कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार अब इसे जून के पहले पखवाड़े में दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा. फोरलेन की जद में आने के कारण गैलरी को तोड़ दिया गया था. जिसे नए सिरे से बनाया गया है.

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हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बता दें कि पुरातत्व चेतना संघ व बीरबल शर्मा द्वारा छायांकित छायाचित्रों पर आधारित इस फोटो गैलरी को 24 अप्रैल 1997 में स्थापित किया गया था. 22 सालों में इसमें कई नए आयाम जोड़े गए, लेकिन 10 अगस्त 2018 को इसे बंद करना पड़ा.

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हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बीरबल शर्मा ने बताया कि अब यह फोटो गैलरी जल्द ही दर्शकों के लिए खोल दी जाएगी. अब यह पूरी तरह से नए रूप में होगी. इसमें कई नए छायाचित्र देखने को मिलेंगे. इसके लिए कुछ अन्य छायाकारों के चित्रों को भी शामिल किया जा रहा है, जो संग्रह में दिखाए जाने जरूरी है.

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हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

यही नहीं, अधिकांश छायाचित्र नए व बड़े बनाए गए हैं. इनमें जानकारी भी अतिरिक्त दी जा रही है. पहले से ज्यादा छायाचित्र अब इस गैलरी में होंगे. कुदरत के अनूठे वातावरण के बीच दरिया ब्यास की जलधारा के अवलोकन के साथ-साथ दर्शक इसका आनंद ले सकेंगे.

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हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी

बीरबल शर्मा के अनुसार गैलरी परिसर में एक म्यूजिम व दुर्लभ पुस्तकों का पुस्तकालय भी स्थापित किया जा रहा है ताकि शोधार्थी इसका लाभ उठा सकें. मंडी से जुड़े सौ साल पुराने छायाचित्रों का एक खास कालम जोड़ा गया है, जो बेहद रोचक साबित हो सकता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश की विविधिता पर आधारित कई फोटो बुक भी तैयार की गई है. जिसमें दर्शकों को अतिरिक्त छायाचित्र देखने को मिल सकते हैं. प्राचीन मंदिर, किले, स्मारक, धार्मिक स्थल, मेले त्यौहार, वेशभूषा, लोक नृत्य, प्राकृतिक सौंदर्य, जनजीवन, कुदरती झीलें, विकास व अन्य सभी विधाओं के लिए अलग अलग कॉलम तैयार किए गए हैं.

वीडियो

बीरबल शर्मा का कहना है कि पूरे देश में यह अपनी तरह की पहली गैलरी होगी. जिसमें पूरे प्रदेश के हर पहलू को एक ही छत्त के नीचे देखा जा सकता है. कड़ी मेहनत के बाद इसे बेहद उपयोगी व रोचक बनाने के प्रयास किए गए हैं. जल्द ही इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देकर इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया जाएगा.

पढ़ेंः शिमला नगर निगम ने एडीबी प्रोजेक्ट के तहत किए कामों पर उठाए सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला

Intro:मंडी। मंडी कुल्लू मार्ग पर मंडी से चार किलोमीटर दूर बिंदरावणी में दस महीने के बाद जून महीने के पहले पखवाड़े में फिर से एक
छत्त के नीचे हिमाचल दर्शन हो सकेगा। हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी को फिर से स्थापित कर दिया गया है। अब इसे जून के पहले पखवाड़े में दर्शकों के लिए खोल दिया जाएगा। फोरलेन की जद में आने के कारण गैलरी को तोड़ दिया गया था। जिसे नए सिरे बनाया गया है।


Body:पुरातत्व चेतना संघ द्वारा बीरबल शर्मा द्वारा छायांकित छायाचित्रों पर आधारित इस फोटो गैलरी को 24 अप्रैल 1997 में स्थापित किया गया था। 22 सालों में इसमें कई नए आयाम जोड़े गए मगर 10 अगस्त 2018 को इसे बंद करना पड़ा। बीरबल शर्मा ने बताया कि अब यह फोटो गैलरी जल्द ही दर्शकों के लिए खोल दी जाएगी। अब यह पूरी तरह से नए रूप में होगी। इसमें कई नए छायाचित्र देखने को मिलेंगे। इसके लिए कुछ अन्य छायाकारों के चित्रों को भी शामिल किया जा रहा है जो संग्रह में दिखाए जाने जरूरी है। यही नहीं अधिकांश छायाचित्र नए व बड़े बनाए गए हैं। इनमें जानकारी भी अतिरिक्त दी जा रही है। पहले से ज्यादा छायाचित्र इस गैलरी में अब होंगे। कुदरत के अनूठे वातावरण के बीच दरिया ब्यास की जलधारा के अवलोकन के साथ साथ दर्शक इसका आनंद ले सकेंगे।  इन दिनों दिन रात इसकी तैयारी चल रही है वह आने वाले कुछ ही दिनों में इसे खोल दिया जाएगा। बीरबल शर्मा के अनुसार गैलरी परिसर में एक म्यूजिम व दुर्लभ पुस्तकों का पुस्तकालय भी स्थापित किया जा रहा है ताकि शोधार्थी इसका लाभ उठा सकें। मंडी से जुड़े सौ साल पुराने छायाचित्रों का एक खास कालम जोड़ा गया है जो बेहद रोचक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश की विविधिता पर आधारित कई फोटो बुक भी तैयार की गई है जिसमें दर्शकों को अतिरिक्त छायाचित्र देखने को मिल सकते हैं। प्राचीन मंदिर, किले, स्मारक, धार्मिक स्थल, मेले त्यौहार, वेशभूषा, लोक नृत्य, प्राकृतिक सौंदर्य, जनजीवन, कुदरती झीलें, विकास व अन्य सभी विधाओं के लिए अलग अलग कॉलम तैयार किए गए हैं।


Conclusion:बीरबल शर्मा का कहना है कि पूरे देश में यह अपनी तरह की पहली गैलरी होगी जिसमें पूरे प्रदेश के हर पहलू को एक ही छत्त के नीचे देखा जा सकता है। कड़ी मेहनत के बाद इसे बेहद उपयोगी व रोचक बनाने के प्रयास किए गए हैं। जल्द ही इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देकर इसका विधिवत शुभारंभ कर दिया जाएगा।

बाइट - बीरबल शर्मा, संस्थापक।
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