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डिपुओं में प्याज पहुंचाने में लेट हो गई सरकार, नहीं मिल रहे खरीददार - डिपुओं में प्याज पहुंचाने में लेट हो गई सरकार

सरकार के प्याज खरीदने में देरी के कारण डिपो धारकों को महंगा पड़ रहा है. बाजार में प्जाज सस्ता तो डिपुओं में मंहगा बिक रहा है. लोगों का कहना है कि सरकार को यहां भी भावों में कमी कर देना चाहिए.

Government was late in delivering onions to depots, no buyers were found
डिपुओं में प्याज पहुंचाने में लेट हो गई सरकार
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Published : Jan 27, 2020, 6:19 PM IST

करसोग : प्रदेश सरकार की प्याज खरीदने में की गई देरी डिपो धारकों को अब महंगी पड़ गई है. करसोग में उचित मूल्य की दुकानों में सस्ती खेप पहुंचने तक खुले बाजार में देसी प्याज के भाव गिर कर 60 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. जबकि सरकार का यही सस्ता प्याज डिपुओं में इन दिनों 70 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है.

यही नहीं तुर्की से आयात किया गए प्याज के रेट भी अब 40 से 45 रुपये प्रति किलो तक लुढ़क गए हैं.ऐसे में डिपुओं में अब महंगे बिक रहे सरकारी प्याज को खरीददार नहीं मिल रहे हैं.

वीडियो

उधर प्रशासन ने भी डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं भेजने के निर्देश जारी कर दिए है.इससे डिपो मालिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज के रेट अभी और गिर सकते है. इससे आम लोगों की परेशानी जरूर कम होगी. डिपो धारकों ने सरकार से थोक में 64 रुपये किलो प्याज खरीदा है.

बाजार के रिटेल भाव से भी 4 रुपये अधिक है. आने वाले दिनों में यदि कीमतें और गिरती हैं तो डिपो में प्याज खराब होने की नोबत आ सकती है.हालांकि लगातार गिर रहे प्याज के भाव आम लोगों को राहत दे रहे है. रोशनलाल का कहना है कि डिपो प्याज 70 रुपये किलो बिक रहा है. बाजार में यही प्याज का भाव 50 रुपये किलो है. उनका कहना है कि सरकार को डिपो में प्याज के भाव कम कर देने चाहिए.

120 रुपये किलो था तब प्याज

सरकार ने जिस वक्त डिपुओं के माध्यम से लोगों को सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था उस वक्त बाजार में देसी प्याज की कीमत बाजार में 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. ऐसे में लगातार हो रहे महंगे प्याज के कारण लोगों के बीच मे सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी.

इसको देखते हुए सरकार ने लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था. उस वक्त की स्थिति को देखते हुए ये फैसला सही भी था, लेकिन इसके बाद सरकार डिपुओं में प्याज पहुंचाने में बहुत लेट हो गई और जब तक डिपुओं में सस्ती खेप पहुंचती, बाजार में प्याज के दाम गिरने शुरू हो गए.करसोग के डिपुओं के लिए सरकार ने 35 क्विंटल प्याज उपलब्ध करवाया है.करसोग के विभन्न क्षेत्रों के तहत कुल 79 उचित मूल्य की दुकानें है.

जबरदस्ती नहीं बेच सकते हैं प्याज: निरीक्षक

करसोग में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक जगतराम का कहना है कि ये सही है कि बाजार में प्याज कम रेट पर बिक रहा है. इसको देखते हुए डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं बेचने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो.

ये भी पढ़ें:ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में लाएं तेजी- डीसी मंडी

करसोग : प्रदेश सरकार की प्याज खरीदने में की गई देरी डिपो धारकों को अब महंगी पड़ गई है. करसोग में उचित मूल्य की दुकानों में सस्ती खेप पहुंचने तक खुले बाजार में देसी प्याज के भाव गिर कर 60 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. जबकि सरकार का यही सस्ता प्याज डिपुओं में इन दिनों 70 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है.

यही नहीं तुर्की से आयात किया गए प्याज के रेट भी अब 40 से 45 रुपये प्रति किलो तक लुढ़क गए हैं.ऐसे में डिपुओं में अब महंगे बिक रहे सरकारी प्याज को खरीददार नहीं मिल रहे हैं.

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उधर प्रशासन ने भी डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं भेजने के निर्देश जारी कर दिए है.इससे डिपो मालिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कारोबारियों की मानें तो आने वाले दिनों में प्याज के रेट अभी और गिर सकते है. इससे आम लोगों की परेशानी जरूर कम होगी. डिपो धारकों ने सरकार से थोक में 64 रुपये किलो प्याज खरीदा है.

बाजार के रिटेल भाव से भी 4 रुपये अधिक है. आने वाले दिनों में यदि कीमतें और गिरती हैं तो डिपो में प्याज खराब होने की नोबत आ सकती है.हालांकि लगातार गिर रहे प्याज के भाव आम लोगों को राहत दे रहे है. रोशनलाल का कहना है कि डिपो प्याज 70 रुपये किलो बिक रहा है. बाजार में यही प्याज का भाव 50 रुपये किलो है. उनका कहना है कि सरकार को डिपो में प्याज के भाव कम कर देने चाहिए.

120 रुपये किलो था तब प्याज

सरकार ने जिस वक्त डिपुओं के माध्यम से लोगों को सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था उस वक्त बाजार में देसी प्याज की कीमत बाजार में 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. ऐसे में लगातार हो रहे महंगे प्याज के कारण लोगों के बीच मे सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी.

इसको देखते हुए सरकार ने लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था. उस वक्त की स्थिति को देखते हुए ये फैसला सही भी था, लेकिन इसके बाद सरकार डिपुओं में प्याज पहुंचाने में बहुत लेट हो गई और जब तक डिपुओं में सस्ती खेप पहुंचती, बाजार में प्याज के दाम गिरने शुरू हो गए.करसोग के डिपुओं के लिए सरकार ने 35 क्विंटल प्याज उपलब्ध करवाया है.करसोग के विभन्न क्षेत्रों के तहत कुल 79 उचित मूल्य की दुकानें है.

जबरदस्ती नहीं बेच सकते हैं प्याज: निरीक्षक

करसोग में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक जगतराम का कहना है कि ये सही है कि बाजार में प्याज कम रेट पर बिक रहा है. इसको देखते हुए डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं बेचने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो.

ये भी पढ़ें:ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में लाएं तेजी- डीसी मंडी

Intro:
बाजार में 60 रुपये किलो बिक रहा देसी प्याज, यही भाव डिपुओं में है अब 70 रुपये किलो बिक रहा है
प्रदेश सरकार की प्याज खरीदने में की गई देरी डिपो धारकों को अब महंगी पड़ गई है। करसोग में उचित मूल्य की दुकानों में सस्ती खेप पहुंचने तक खुले बाजार में देसी प्याज के भाव गिर कर 60 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि सरकार का यही सस्ता प्याज डिपुओं में इन दिनों 70 रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। यही नहीं तुर्की से आयात किया गए प्याज के रेट भी अब 40 से 45 रुपये प्रति किलो तक लुढ़क गए हैं। ऐसे में डिपुओं में अब महंगे बिक रहे सरकारी प्याज को खरीददार नहीं मिल रहे हैं।Body:उधर प्रशासन ने भी डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं भेजने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे डिपो मालिकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कारोबारियों की माने तो आने वाले दिनों में प्याज के रेट अभी और गिर सकते हैं। इससे आम लोगों की परेशानी जरूर कम होगी। डिपो धारकों ने सरकार से थोक में 64 रुपये किलो प्याज खरीदा है। जो बाजार के रिटेल भाव से भी 4 रुपये अधिक है। आने वाले दिनों में यदि कीमतें और गिरती हैं तो डिपो में प्याज खराब होने की नोबत आ सकती हैं। हालांकि लगातार गिर रहे प्याज के भाव आम लोगों को राहत दे रहे है। रोशनलाल का कहना है कि डिपो प्याज 70 रुपये किलो बिक रहा है। बाजार में यही प्याज का भाव 50 रुपये किलो है। उनका कहना है कि सरकार को डिपो में प्याज के भाव कम कर देने चाहिए।

120 रुपये किलो था तब प्याज:
सरकार ने जिस वक्त डिपुओं के माध्यम से लोगों को सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था उस वक्त बाजार में देसी प्याज की कीमत बाजार में 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। ऐसे में लगातार हो रहे महंगे प्याज के कारण लोगों के बीच मे सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी। इसको देखते हुए सरकार ने लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में सस्ता प्याज बेचने का निर्णय लिया था। उस वक्त की स्थिति को देखते हुए ये फैसला सही भी था, लेकिन इसके बाद सरकार डिपुओं में प्याज पहुंचाने में बहुत लेट हो गई और जब तक डिपुओं में सस्ती खेप पहुंचती, बाजार में प्याज के दाम गिरने शुरू हो गए। करसोग के डिपुओं के लिए सरकार ने 35 क्विंटल प्याज उपलब्ध करवाया है। करसोग के विभन्न क्षेत्रों के तहत कुल 79 उचित मूल्य की दुकानें है।Conclusion:जबरदस्ती नहीं बेच सकते हैं प्याज: निरीक्षक
करसोग में खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक जगतराम का कहना है कि ये सही है कि बाजार में प्याज कम रेट पर बिक रहा है। इसको देखते हुए डिपो धारकों को जबरदस्ती प्याज नहीं बेचने के निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।
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