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5 साल बीत जाने के बाद भी फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा नहीं दे पाई जयराम सरकार, अब करेंगे वोट से चोट - मंडी की खबर

मंडी जिले में सैकड़ों फोरलेन प्रभावित चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. बल्ह विधानसभा के फोरलेन प्रभावितों का कहना है कि भाजपा सत्ता में आने से पूर्व ने चार गुना मुआवजा देने का भरोसा दिया था. वहीं, फोरलेन प्रभावितों ने भाजपा विधायक इंदर सिंह गांधी पर उनकी कोई भी सुध ना लेने के आरोप जड़े हैं. इनका कहना है कि इंद्र सिंह गांधी ने ना तो विधानसभा में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा उठाया, और न ही कभी सीएम जयराम ठाकुर से इस बारे में बात की. (Fourlane affected on Jairam Government) (Fourlane affected in Himachal)

Fourlane affected on Jairam Government
5 साल बीत जाने के बाद भी फोरलेन प्रभावितों को चार गुना मुआवजा नहीं दे पाई जयराम सरकार
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Published : Oct 23, 2022, 2:13 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बीते आठ सालों में एक दर्जन से ज्यादा फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए हजारों लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. लेकिन अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी परिवार को नई भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन का पूरा मुआवजा नहीं दिया गया है. भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रभावित परिवारों को चार गुना मुआवजा देने का वायदा किया था. पिछले लंबे समय से फोरलेन प्रभावित लगातार चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. जिसके लिए पूरे प्रदेश में प्रभावितों द्वारा प्रदर्शन भी किए गए. (Fourlane affected on Jairam Government) (Fourlane affected in Himachal)

भाजपा 5 साल के इस कार्यकाल में अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई है. अब जाहिर सी बात है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसका जवाब देना होगा. इन फोरलेन सड़कों में परवाणू-शिमला, किरतपुर- मनाली, मटौर- शिमला, पठानकोट-मंडी, पिंजोर-नालागढ़, हमीरपुर-कोटली-मंडी शामिल है. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में फैक्टर वन और ग्रामीण क्षेत्रों में फैक्टर दो लगाया जाना चाहिए, लेकिन हिमाचल में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों में फैक्टर वन ही लागू है.

वीडियो.

2019 के लोकसभा चुनावों व इसके उपरांत 2021 में प्रदेश में हुए उपचुनावों में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा पूरी तरह से गरमाया हुआ था. वहीं, 2022 के चुनावों में प्रदेश के 68 में से 40 विधानसभा क्षेत्रों में यह मुद्दा चुनावी नतीजों पर असर डालने वाला है. (four times compensation to Fourlane affected) (BJP not give compensation to Fourlane affected)

मंडी जिले में सैकड़ों फोरलेन प्रभावित चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. बल्ह विधानसभा के फोरलेन प्रभावितों का कहना है कि भाजपा सत्ता में आने से पूर्व ने चार गुना मुआवजा देने का भरोसा दिया था. वहीं, फोरलेन प्रभावितों ने भाजपा विधायक इंदर सिंह गांधी पर उनकी कोई भी सुध ना लेने के आरोप जड़े हैं. इनका कहना है कि इंद्र सिंह गांधी ने ना तो विधानसभा में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा उठाया, और ना ही कभी सीएम जयराम ठाकुर से इस बारे में बात की.

2018 में मंत्री स्तर पर एक सब कमेटी का गठन किया गया था. जिसमें पुनर्स्थापना, पुनर्वास व भूमि अधिग्रहण 2013 के अनुसार मुआवजा देने की बात कही गई थी. सब कमेटी ने भी कई बैठकें करने के उपरांत भी फैक्टर वन नहीं हटाया. जिसका खामियाजा भाजपा को अब 2022 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा. (Fourlane affected on Jairam Government) (Fourlane affected in Himachal)

ये भी पढ़ें: कांग्रेस का एक टिकट, समस्या विकट: पार्टी ज्वाइन करने के 48 घंटे में ही 'भावी उम्मीदवार' ने छोड़ा 'हाथ'

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बीते आठ सालों में एक दर्जन से ज्यादा फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए हजारों लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है. लेकिन अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी परिवार को नई भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जमीन का पूरा मुआवजा नहीं दिया गया है. भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रभावित परिवारों को चार गुना मुआवजा देने का वायदा किया था. पिछले लंबे समय से फोरलेन प्रभावित लगातार चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. जिसके लिए पूरे प्रदेश में प्रभावितों द्वारा प्रदर्शन भी किए गए. (Fourlane affected on Jairam Government) (Fourlane affected in Himachal)

भाजपा 5 साल के इस कार्यकाल में अपने वायदे को पूरा नहीं कर पाई है. अब जाहिर सी बात है कि विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसका जवाब देना होगा. इन फोरलेन सड़कों में परवाणू-शिमला, किरतपुर- मनाली, मटौर- शिमला, पठानकोट-मंडी, पिंजोर-नालागढ़, हमीरपुर-कोटली-मंडी शामिल है. भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में फैक्टर वन और ग्रामीण क्षेत्रों में फैक्टर दो लगाया जाना चाहिए, लेकिन हिमाचल में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों में फैक्टर वन ही लागू है.

वीडियो.

2019 के लोकसभा चुनावों व इसके उपरांत 2021 में प्रदेश में हुए उपचुनावों में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा पूरी तरह से गरमाया हुआ था. वहीं, 2022 के चुनावों में प्रदेश के 68 में से 40 विधानसभा क्षेत्रों में यह मुद्दा चुनावी नतीजों पर असर डालने वाला है. (four times compensation to Fourlane affected) (BJP not give compensation to Fourlane affected)

मंडी जिले में सैकड़ों फोरलेन प्रभावित चार गुना मुआवजा की मांग कर रहे हैं. बल्ह विधानसभा के फोरलेन प्रभावितों का कहना है कि भाजपा सत्ता में आने से पूर्व ने चार गुना मुआवजा देने का भरोसा दिया था. वहीं, फोरलेन प्रभावितों ने भाजपा विधायक इंदर सिंह गांधी पर उनकी कोई भी सुध ना लेने के आरोप जड़े हैं. इनका कहना है कि इंद्र सिंह गांधी ने ना तो विधानसभा में फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा उठाया, और ना ही कभी सीएम जयराम ठाकुर से इस बारे में बात की.

2018 में मंत्री स्तर पर एक सब कमेटी का गठन किया गया था. जिसमें पुनर्स्थापना, पुनर्वास व भूमि अधिग्रहण 2013 के अनुसार मुआवजा देने की बात कही गई थी. सब कमेटी ने भी कई बैठकें करने के उपरांत भी फैक्टर वन नहीं हटाया. जिसका खामियाजा भाजपा को अब 2022 के चुनावों में भुगतना पड़ेगा. (Fourlane affected on Jairam Government) (Fourlane affected in Himachal)

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