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एमडी को हटाने पर अड़े बिजली बोर्ड के कर्मचारी, बोले- आ सकती है ब्लैकआउट की नौबत - HPSEBL

बिजली बोर्ड कर्मियों को पहली बार सैलरी में हुई देरी को लेकर कर्मचारियों में खासा रोष है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर अभी एमडी को नहीं हटाया गया तो प्रदेश भर में बिजली बोर्ड के कर्मचारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन को और उग्र करेंगे. पढ़ें पूरी खबर..

Himachal Pradesh State Electricity Board
एमडी को हटाने पर अड़े बिजली बोर्ड के कर्मचारी
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 5, 2024, 1:52 PM IST

Updated : Jan 5, 2024, 2:34 PM IST

करसोग: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी अस्थाई प्रबंध निदेशक को हटाने को लेकर अड़ गए है. इसको लेकर कर्मचारियों और अभियंताओं की संयुक्त संघर्ष समिति की शुक्रवार को दोपहर बाद फिर से मीटिंग होने वाली है. जिसमें बिजली बोर्ड में लगाए गए अस्थाई प्रबंध निदेशक को हटाए जाने को लेकर रणनीति तैयार होगी. दरअसल, कर्मचारियों का आरोप है कि बिजली बोर्ड को स्थाई एमडी की नियुक्ति न होने से बड़े प्रोजेक्टों का काम लटक गया है. कर्मचारियों को समय पर सैलरी भी नहीं मिली है. जिसका खामियाजा बिजली बोर्ड को भुगतना पड़ रहा है. अगर अभी भी एमडी को नहीं हटाया जाता है तो प्रदेश भर में बिजली बोर्ड के कर्मचारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन को और उग्र करेंगे. पदाधिकारियों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर कर्मचारियों की मांग पर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश में ब्लैकआउट की नौबत भी आ सकती है.

52 साल के इतिहास में पहली बार लेट हुई सैलरी: बिजली बोर्ड के कर्मचारी स्थाई एमडी की नियुक्ति न होने और समय पर सैलरी न मिलने से नाराज हैं. राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति पिछले चार दिनों से प्रदेश भर में बोर्ड कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें स्थायी प्रबंध निदेशक नियुक्त करने, समय पर सैलरी जारी करने और पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग को प्रमुखता के साथ उठाया जा रहा है. राज्य बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में प्रदर्शन में सैकड़ों कर्मचारियों और पेंशनरों का प्रदर्शन जारी है. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर संयुक्त समिति के मुताबिक कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन न देना चिंता की बात है. बिजली बोर्ड में ऐसी स्थिति 52 साल के इतिहास में पहली बार हुई है.

वार्ता के लिए नहीं बुलाया सरकार: राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी पिछले चार दिनों से आंदोलन की राह पर है, लेकिन अभी तक राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति को सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. हालांकि बिजली बोर्ड उच्चाधिकारी इन दिनों दिनों सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ दिल्ली गए हैं. जिसमें बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक भी शामिल है. ऐसे में उच्चाधिकारियों के मामले पर चर्चा के लिए उपलब्ध न होने से कर्मचारी यूनियन भड़क गई है.

राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा का कहना है कि बिजली बोर्ड से अस्थाई एमडी को हटा कर स्थाई एमडी की नियुक्ति की जाए. इसको लेकर आज कर्मचारियों की मीटिंग होगी. जिसमें आगामी रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा.

करसोग: हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी अस्थाई प्रबंध निदेशक को हटाने को लेकर अड़ गए है. इसको लेकर कर्मचारियों और अभियंताओं की संयुक्त संघर्ष समिति की शुक्रवार को दोपहर बाद फिर से मीटिंग होने वाली है. जिसमें बिजली बोर्ड में लगाए गए अस्थाई प्रबंध निदेशक को हटाए जाने को लेकर रणनीति तैयार होगी. दरअसल, कर्मचारियों का आरोप है कि बिजली बोर्ड को स्थाई एमडी की नियुक्ति न होने से बड़े प्रोजेक्टों का काम लटक गया है. कर्मचारियों को समय पर सैलरी भी नहीं मिली है. जिसका खामियाजा बिजली बोर्ड को भुगतना पड़ रहा है. अगर अभी भी एमडी को नहीं हटाया जाता है तो प्रदेश भर में बिजली बोर्ड के कर्मचारी सड़कों पर उतर कर आंदोलन को और उग्र करेंगे. पदाधिकारियों ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर कर्मचारियों की मांग पर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो प्रदेश में ब्लैकआउट की नौबत भी आ सकती है.

52 साल के इतिहास में पहली बार लेट हुई सैलरी: बिजली बोर्ड के कर्मचारी स्थाई एमडी की नियुक्ति न होने और समय पर सैलरी न मिलने से नाराज हैं. राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति पिछले चार दिनों से प्रदेश भर में बोर्ड कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें स्थायी प्रबंध निदेशक नियुक्त करने, समय पर सैलरी जारी करने और पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग को प्रमुखता के साथ उठाया जा रहा है. राज्य बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में प्रदर्शन में सैकड़ों कर्मचारियों और पेंशनरों का प्रदर्शन जारी है. हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर संयुक्त समिति के मुताबिक कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन न देना चिंता की बात है. बिजली बोर्ड में ऐसी स्थिति 52 साल के इतिहास में पहली बार हुई है.

वार्ता के लिए नहीं बुलाया सरकार: राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी पिछले चार दिनों से आंदोलन की राह पर है, लेकिन अभी तक राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति को सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया है. हालांकि बिजली बोर्ड उच्चाधिकारी इन दिनों दिनों सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ दिल्ली गए हैं. जिसमें बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक भी शामिल है. ऐसे में उच्चाधिकारियों के मामले पर चर्चा के लिए उपलब्ध न होने से कर्मचारी यूनियन भड़क गई है.

राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा का कहना है कि बिजली बोर्ड से अस्थाई एमडी को हटा कर स्थाई एमडी की नियुक्ति की जाए. इसको लेकर आज कर्मचारियों की मीटिंग होगी. जिसमें आगामी रणनीति पर विचार विमर्श किया जाएगा.

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Last Updated : Jan 5, 2024, 2:34 PM IST
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