करसोग: उपमंडल करसोग की चौरीधार पंचायत के शोग से ममली तक निर्माणाधीन सड़क में खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यहां सड़क निर्माण में निकले हजारों टन मलबे को अवैध तरीके से साथ लगते नाले में फेंका जा रहा है. इससे सिन्ना-मंबला-नांज-तुंदल पेयजल योजना को नुकसान पहुंचा है. मलवे की वजह से पेयजल स्त्रोत दब गए हैं. इस कारण गर्मियों में पांच से अधिक गांव में पेयजल संकट गहरा गया है. इस कारण स्थानीय जनता खुद पेयजल स्रोतों से मलबा हटाने मौके पर पहुंची.
अवैध डंपिंग से 5 गांवों के पेयजल स्त्रोत दबे
अवैध डंपिंग की वजह से हरे भरे पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. इसकी शिकायत लोगों ने वन विभाग सहित पीडब्ल्यूडी और जल शक्ति विभाग से भी की है. यही नहीं स्थानीय जनता ने पीडब्ल्यूडी को तुरंत प्रभाव से सड़क का निर्माण कार्य रोकने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है. इसके बाद भी अगर काम को नहीं रोका गया तो जनता न्याय के लिए कोर्ट जाएगी.
लोगों की शिकायत पर वन विभाग ने रेंज ऑफिसर को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने के आदेश जारी कर दिए हैं. अगर सड़क निर्माण के दौरान मलबे की अवैध डंपिंग पाई जाती है तो पीडब्ल्यूडी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है. वन मंडल करसोग के डीएफओ वासु डोंगर का कहना है कि मामला ध्यान में आया है. इस बारे में रेंज ऑफिसर को तुरंत मौके पर जाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं.
मलबे की डंपिंग नहीं रोकी गई तो जाएंगे कोर्ट
पीडब्ल्यूडी करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता अरविंद भारद्वाज का कहना है कि एसडीओ से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने कहा कि मलबा फेकने के लिए पहले ही डंपिंग साइट चिन्हित की गई थी. जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता अशोक भूपल का कहना है कि एसडीओ को मौके पर भेजा गया है. अगर पेयजल योजना को अधिक नुकसान होगा तो इस मामले में नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अरविंद भारद्वाज ने कहा कि मलबे में दबे एक सोर्स को रिस्टोर किया गया है. नांज पंचायत के प्रधान हरि नारायण का कहना है कि अवैध डंपिंग की वजह से पेयजल सोर्स बंद हो रहे हैं. इस कारण एक सोर्स पहले ही मलबे की वजह से बंद हो गया है इसलिए पीडब्ल्यूडी से आग्रह है कि सड़क का कार्य रोका जाए या फिर मलबे को डंपिंग साइट में फेंका जाए. ऐसा नहीं किया गया तो इस मामले में जनता कोर्ट जाएगी.
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