सुंदरनगर: विश्वभर में फैली कोरोना महामारी से दुनिया में लाखों लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश की बात की जाए तो आंकड़ा सवा लाख के पार हो चुका है. कोरोना संक्रमण नहीं फैले इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. कोरोना वॉरियर्स डॉक्टर लगातार दिन-रात मरीजों के इलाज में कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने कोविड-19 के दौरान ड्यूटी दे रहे डॉक्टरों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन ना करने के बजाए सीधे घर भेजकर उनके परिवार को खतरे में डालना बताकर विरोध किया. इसके अलावा सरकार से आग्रह किया कि 14 दिन की गाइडलाइन को जारी रखा जाए.
पहले लिए जाते थे दो सैंपल
प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की मंडी यूनिट के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह रूड़की ने बताया पहले की तरह स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिन क्वारंटाइन करने की गाइड लाइन को बदलने से दिन-रात ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों में भारी रोष हैं. उन्होंने कहा कि पहले सरकार के बनाए नियम के आधार पर 7 दिन की कोविड ड्यूटी के बाद डॉक्टरों को 14 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया जाता था. इसी के बीच इनके 2 सैंपल भी लिए जाते थे. रूड़की ने कहा कि सैंपल नेगेटिव होने पर ही उन्हें घर भेजा जाता था, लेकिन सरकार द्वारा अब इस निर्णय को बदलने से स्वास्थ्य कर्मी के परिवार के अलावा अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा.
14 दिन होना चाहिए क्वारंटाइन समय
इससे सबसे बड़ा खतरा कम्यूनिटी स्प्रेड का होगा. उन्होंने कहा कि महामारी के संक्रमण को देखते हुए और जनता की भलाई में क्वारंटाइन पीरियड 14 दिन का होना चाहिए. इस प्रकार के निर्णय से डाक्टरों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. उन्होंने प्रदेश सरकार से स्वास्थ्य कर्मियों के पहले वाली 14 दिन के क्वारंटाइन पीरियड की गाइडलाइन को जारी रखने का आग्रह किया, ताकि प्रदेश के डॉक्टर्स और उनका परिवार सुरक्षित रह सके.
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