मंडी: नए साल 2024 में प्रवेश करने के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. वहीं, साल 2023 हिमाचल प्रदेश को ऐसा गहरा जख्म देकर जा रहा है, जो प्रदेश के लोग शायद कभी नहीं भूल पाएंगे. साल 2023 में हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के लिए याद किया जाएगा. मंडी जिले में इस साल 25 जून, 9,10 जुलाई और 12, 13, 14 और 23 अगस्त को प्राकृतिक आपदा ने अपना कहर कुछ इस कदर ढाया कि हजारों करोड़ की संपत्ति के नुकसान हो गई. साथ ही सैंकड़ों लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी. वहीं, हजारों लोग घर से बेघर हो गए.
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, मंडी जिले में एक हजार से ज्यादा घर पूरी तरह से टूट गए. जबकि 2400 से ज्यादा घरों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है. 284 दुकानें और 2333 गौशालाएं तबाह हो गई. 156 लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ी. जबकि 651 पशु भी इस आपदा के कारण काल का ग्रास बने. सरकारी उपक्रमों को भी भारी नुकसान पहुंचा. एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार के अनुसार मंडी जिला में इस त्रासदी के कारण 1472 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है. सरकार ने अभी तक जिला के आपदा प्रभावितों को 54 करोड़ की राशि वितरित कर दी है जबकि बाकी राशि बांटने का कार्य भी जारी है.
प्रभावित इस त्रासदी से मिले जख्मों को कभी नहीं भुला पाएंगे. जिन आशियानों में हंसते-खेलते परिवार रहते थे. अब वहां मलबे के ढेर के सिवाय और कुछ नहीं. सैंकड़ों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया तो हजारों घर से बेघर हो गए. प्रभावितों के लिए सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है. प्रभावितों को मुआवजा की कुछ राशि मिल भी गई है, लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास घर बनाने के लिए जमीन भी नहीं बची है. यह परिवार किराए के कमरों में जिंदगी काटने को मजबूर हैं. प्रभावित मजनू राम और नानक चंद ने बताया कि इस साल जो बरसात हुई, वैसी बरसात उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी. इन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जमीन देने की गुहार लगाई है ताकि वे अपना घर बना सकें.