मंडी: छोटी काशी मंडी में अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आज यानी 25 फरवरी को अंतिम दिन है. ये महोत्सव 19 फरवरी से शुरू हुआ था. सैकड़ों देवी देवता मंडी पहुंचे. वहीं, आज महोत्सव के अंतिम दिन द्रंग के उतरशाल से आए प्राचीन देवता देव आदि ब्रह्मा ने मंडी शहर की परिक्रमा की और सुरक्षा कार बांधी. देव आदि ब्रह्मा ने मंडी शहर की सुरक्षा का वादा करते हुए शहरवासियों को आशीर्वाद दिया और लोगों से सभी तरह की बीमारियों और असुरी शक्तियों से उनकी रक्षा करने का वादा किया.
सदियों से चल रही परंपरा, शहर भर में सुरक्षा कार बांधते हैं देवता: बता दें कि यह एक पौराणिक और प्राचीन परंपरा है जो विरासत काल से चली आ रही है. जिसका हर वर्ष परंपरा के साथ निर्वहन किया जाता है. सर्व देवता समिति प्रधान शिवपाल शर्मा ने बताया कि हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के समापन पर देव आदि ब्रह्मा जी मंडी शहर की परिक्रमा लगाते हैं और सुरक्षा कार बांधते हैं. यह कार्यक्रम मंडी शहर के ऐतिहासिक सिद्ध काली मंदिर से शुरू होकर ऐतिहासिक सेरी मंच पर समाप्त होता है. इस दौरान देव आदि ब्रह्मा के गोल पुजारी देवली आटा हवा में उछालते हैं. इसकी यह मान्यता है कि यह आटे की ही सुरक्षा दीवार देव आदि ब्रह्मा द्वारा मंडी शहर में लगाई जाती है.
देव आदि ब्रह्मा की उत्पत्ति की कहानी: देव आदि ब्रह्मा का मंदिर टिहरी उतरशाल कटौला के समीप गांव टिरी में स्थित है. श्री देव आदि ब्रह्मा की उत्पति प्राचीनतम मानी गई है. जिसके बारे में गाथाओं में ही उल्लेख मिलता है. बुजुर्गों के अनुसार देवता एक 6 माह की कन्या को उस समय मिले थे जब उसके माता पिता खेत में काम कर रहे थे. बच्ची खेत में खेल रही थी और उसके हाथ में एक खिलनी थी. खेलते-खेलते खिलनी में जमीन से एक मोहरा आ गया जो श्री देव आदि ब्रह्मा जी का था. आज भी उस मोहरे के सिर में खिलनी का छेद है. जोकि रथ में विराजमान है. जहां पर मोहरा प्रकट हुआ था वहां पर पंडितों का गांव था. इस गांव में 60 परिवार रहते थे.
बताया जाता है कि मंडी निवासी एक भयंकर बीमारी के शिकार हो गए थे. उस समय मंडी की रक्षा का जिम्मा श्री देव आदि ब्रह्मा ने संभाला और एक बकरा साथ लेकर मंडी की परिक्रमा सेरी मंच से आरंभ की और पूरे नगर से होकर सेरीमंच पर इसका समापन किया. इसके पश्चात लोगों को बीमारी से छुटकारा मिल गया. तब से लेकर आज तक महाशिवरात्रि के दौरान यह परिक्रमा मंडी वासियों की सुख समृद्धि के लिए देवता द्वारा की जाती है.
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