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करसोग में ही होगी कोरोना सैंपल्स की जांच, सिविल अस्पताल में इंस्टाल हुई टू नेट कोविड-19 मशीन

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Published : Jul 28, 2020, 11:25 AM IST

जिला मंडी के करसोग सिविल अस्पताल में कोरोना जांच के लिए टू नेट कोवोड-19 मशीन इंस्टॉल की गई हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों में करसोग में ही कोरोना के सैंपल की जांच होगी. नेट चलाने के लिए लैब टेक्नीशियनों को ट्रेनिंग पहले ही दी जा चुकी है. इस तरह से करसोग के लोगों को आने वाले दिनों में बड़ी सहूलियत मिलने वाली है.

karsog news, करसोग न्यूज
फोटो.

करसोग: प्रदेश सहित करसोग में कोरोना महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कोरोना सैंपल्स की जांच के लिए जरुरी कदम उठाए हैं. इसके तहत जिला मंडी के करसोग सिविल अस्पताल में कोरोना जांच के लिए टू नेट कोवोड-19 मशीन इंस्टॉल की गई हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों में करसोग में ही कोरोना के सैंपल की जांच होगी.

इस मशीन में दिनभर में आठ सेंप्लस की रिपोर्ट तैयार होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक एक रिपोर्ट में एक घंटे से अधिक का समय लग सकता है. टू नेट चलाने के लिए लैब टेक्नीशियनों को ट्रेनिंग पहले ही दी जा चुकी है. इस तरह से करसोग के लोगों को आने वाले दिनों में बड़ी सहूलियत मिलने वाली है.

वीडियो.

अगर इस दौरान मशीन में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे पीसीआर में कन्फर्म किया जाएगा. फिलहाल अभी कोरोना जांच के लिए सेंपल्स को नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में भेजा जा रहा है. जहां कई जगहों से जांच के लिए सैंपल्स आने से रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगता है.

ऐसे में सिविल अस्पताल में कोरोना के सैंपल जांच की सुविधा होने से बहुत कम समय में ही रिपोर्ट प्राप्त होगी. बता दें कि करसोग उपमंडल में अब तक कोरोना जांच के लिए 500 से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं. जिसमें दो वर्षीय बच्ची सहित एक ही परिवार के दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

हालांकि राहत की बात ये है कि बच्ची ने कोरोना से जंग जीत ली है और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. शाओट पंचायत में रहने वाला ये परिवार 6 जुलाई को दिल्ली से लौटा था और होम क्वारंटाइन पर था. कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने पर दो सदस्यों की 17 और 23 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

नेरचौक में रोजाना आते हैं 600 से 650 सैंपल

उपमंडल स्तर पर अभी तक कोरोना जांच की सुविधा न होने से नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में रोजाना औसतन 600 से 650 सैंपल आते हैं. ये सैंपल मंडी जिला के सभी उपमंडलों, जिला कुल्लू सहित लाहौल व पांगी से आते हैं. ऐसे में रोजाना इतने सैंपल्स की रिपोर्ट तैयार करने में काफी वक्त लग जाता है.

ऐसे में अब टू नेट कोविड-19 मशीन में सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही पीसीआर में कंफर्म की जाएगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर सैंपल जांच के लिए दोबारा नेरचौक नहीं भेजा जाएगा.

वहीं, कार्यकारी बीएमओ डॉ. कंवर गुलेरिया ने बताया कि कोविड 19 की तरफ से टू नेट मशीन इंस्टॉल की गई है, ताकि कोरोना जांच के लिए सिविल अस्पताल में ही सैंपल की जांच हो सके.

ये भी पढ़ें- कांगड़ा में सेना के 6 जवान समेत 12 लोग कोरोना पॉजिटिव, जिला में कुल 422 केस

करसोग: प्रदेश सहित करसोग में कोरोना महामारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कोरोना सैंपल्स की जांच के लिए जरुरी कदम उठाए हैं. इसके तहत जिला मंडी के करसोग सिविल अस्पताल में कोरोना जांच के लिए टू नेट कोवोड-19 मशीन इंस्टॉल की गई हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों में करसोग में ही कोरोना के सैंपल की जांच होगी.

इस मशीन में दिनभर में आठ सेंप्लस की रिपोर्ट तैयार होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक एक रिपोर्ट में एक घंटे से अधिक का समय लग सकता है. टू नेट चलाने के लिए लैब टेक्नीशियनों को ट्रेनिंग पहले ही दी जा चुकी है. इस तरह से करसोग के लोगों को आने वाले दिनों में बड़ी सहूलियत मिलने वाली है.

वीडियो.

अगर इस दौरान मशीन में जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे पीसीआर में कन्फर्म किया जाएगा. फिलहाल अभी कोरोना जांच के लिए सेंपल्स को नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में भेजा जा रहा है. जहां कई जगहों से जांच के लिए सैंपल्स आने से रिपोर्ट आने में 24 घंटे का समय लगता है.

ऐसे में सिविल अस्पताल में कोरोना के सैंपल जांच की सुविधा होने से बहुत कम समय में ही रिपोर्ट प्राप्त होगी. बता दें कि करसोग उपमंडल में अब तक कोरोना जांच के लिए 500 से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं. जिसमें दो वर्षीय बच्ची सहित एक ही परिवार के दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

हालांकि राहत की बात ये है कि बच्ची ने कोरोना से जंग जीत ली है और उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. शाओट पंचायत में रहने वाला ये परिवार 6 जुलाई को दिल्ली से लौटा था और होम क्वारंटाइन पर था. कोरोना जांच के लिए सैंपल लेने पर दो सदस्यों की 17 और 23 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.

नेरचौक में रोजाना आते हैं 600 से 650 सैंपल

उपमंडल स्तर पर अभी तक कोरोना जांच की सुविधा न होने से नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में रोजाना औसतन 600 से 650 सैंपल आते हैं. ये सैंपल मंडी जिला के सभी उपमंडलों, जिला कुल्लू सहित लाहौल व पांगी से आते हैं. ऐसे में रोजाना इतने सैंपल्स की रिपोर्ट तैयार करने में काफी वक्त लग जाता है.

ऐसे में अब टू नेट कोविड-19 मशीन में सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही पीसीआर में कंफर्म की जाएगी. रिपोर्ट निगेटिव आने पर सैंपल जांच के लिए दोबारा नेरचौक नहीं भेजा जाएगा.

वहीं, कार्यकारी बीएमओ डॉ. कंवर गुलेरिया ने बताया कि कोविड 19 की तरफ से टू नेट मशीन इंस्टॉल की गई है, ताकि कोरोना जांच के लिए सिविल अस्पताल में ही सैंपल की जांच हो सके.

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