मंडीः जिला में शुक्रवार को कोरोना कर्फ्यू व धारा 144 लागू होने के बाद भी लोगों और वाहनों की आवाजाही लगातार जारी रही, हालांकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पुलिस बल को भी तैनात किया गया है. इसके बावजूद भी शुक्रवार को अधिक संख्या में लोग अनावश्यक रूप से बाजार में घूमते नजर आए. जिला में कोरोना कर्फ्यू के नियमों को लेकर स्थानीय निवासी व दुकानदार खुश नजर नहीं आ रहे हैं. स्थानीय निवासी और दुकानदारों का कहना है कि सरकार को कोरोना कर्फ्यू ना लगाकर संपूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए था ताकि बढ़ते कोरोना मामलों पर अंकुश लग सके.
प्रदेश सरकार का कोरोना कर्फ्यू का निर्णय कुछ हद तक सही
स्थानीय निवासी व पूर्व पार्षद जितेंद्र ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू का जो निर्णय लिया है वह कुछ हद तक सही है, लेकिन सरकार को जरूरत की दुकानों के अलावा अन्य सभी दुकानों को पूर्व लॉकडाउन की तरह बंद रखना चाहिए था. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू का ऐलान किया है लेकिन बाजारों में अनावश्यक रूप से लोग घूम रहे हैं जो कि चिंता का विषय है.
10 दिन का प्रदेश सरकार लगा देती संपूर्ण लॉकडाउन
वहीं, दवाई विक्रेता दीप कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से कोरोना कर्फ्यू लगाने का जो निर्णय लिया गया है. उसे अच्छा होता कि प्रदेश सरकार 10 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लगा देती. बता दें कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए 7 से 17 मई तक कोरोना कर्फ्यू का फैसला लिया है. यह कर्फ्यू धारा 144 के साथ रात-दिन जारी रहेगा, परंतु जिला में दुकानदार व लोग सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं.
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