मंडी: निजी अस्पताल प्रबंधन पर मनमाने तरीके से पेयजल स्रोत के नजदीक सीवरेज का गढ्ढा खोदकर वहां अस्पताल का मलमूत्र दबाने के आरोप लगे हैं. आईपीएच विभाग के अधिकारियों ने पुलिस में इसकी शिकायत करते हुए कहा है कि सीवरेज के गड्ढे की गंदगी रिसकर पेयजल स्रोत में मिल रही है. इस कारण पांच हजार लोगों पर जलजनित रोगों का खतरा मंडरा रहा है.
मजबूरन आईपीएच विभाग को संबंधित पेयजल योजना से लाभान्वित क्षेत्रों की पेयजल सप्लाई बंद करनी पड़ी है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी ही है. एसडीओ बलद्वाड़ा आईपीएच ने पुलिस को सौंपी शिकायत में कहा है कि उठाऊ पेयजल योजना लोअर भाबंला की पंप हाउस स्रोत के नजदीक लगभग 100 मीटर ऊपर की तरफ निजी अस्पताल द्वारा गड्ढा खोदकर उसमें सीवरेज (मलमूत्र) को दबा दिया है. इस का रिसाव पेयजल योजना में जा रहा है और पेयजल दूषित हो रहा है, जिस कारण महामारी फैलने की आशंका है.
शिकायत में दोषी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा-269, 277, 336 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी बलद्वाडा राकेश कुमार ने मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है.
एसडीओ बलद्वाड़ा आईपीएच कमल कुमार ने बताया कि भाबंला के प्राईवेट अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. दूषित पानी की वजह से लोअर भाबंला, सवाल, टिक्करी, सध्याणी, हवाणी, चला स्कीमों के अंतर्गत आने वाले 5000 के करीब लोगों को पिछले दो दिनों से पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है. विभाग ने पानी के सैंपल सरकाघाट व मंडी भेजे हैं.
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