मंडी: धर्मपुर के रांगड़ गांव में खेतों में काम करते वक्त करंट लगने से बीएसएफ जवान की मौत के मामले में शनिवार को मृतक के घर शोक मनाने पहुंचे बिजली बोर्ड के अधिकारियों पर परिजनों व ग्रामीणों का गुस्सा खूब फूटा. हादसे का कारण बिजली बोर्ड की तार मानी जा रही है. ऐसे में गुस्साए ग्रामीणों ने अधिकारियों को घर में ही रोक लिया और अपनी गलती लिखित में मानने के बाद ही उन्हें छोड़ा. इसके बाद आनन फानन में अधिकारी अपने कार्यालय पहुंचे और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
गत शुक्रवार को रांगड़ में खेतों में धान की बिजाई करते वक्त करंट लगने से बीएसएफ के जवान सुरेंद्र की मौत हो गई थी. जबकि उनके दो चचेरे भाइयों को चोटें आईं थी. बिजली बोर्ड के एक्सियन विवेक धीमान ने कहा कि जांच के लिए कमेटी गठित की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच में जो सामने आएगा उस तरह से कार्रवाई होगी. उन्होंने लिखित में शिकायत पुलिस को सौंपने की पुष्टि की है.
एसएचओ सूरम सिंह ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू कर दी है. मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी. वहीं, मौके पर ग्रामीणों ने बिजली बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए घेर लिया और दावा करने लगे कि बिजली बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों को खेतों में आ रहे करंट के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन बोर्ड की अफसरशाही ने एक नहीं सुनी समस्या का समाधान नहीं हुआ. विभाग पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि हादसा होने के बाद देर रात बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया और वायर गायब कर दी गई.
सलामी के साथ हुआ अंतिम संस्कार
बीएसएफ जवान के शव का अंतिम संस्कार पैतृक गांव में ब्यास नदी के किनारे किया गया. जिसमें होशियारपुर से बीएसएफ के जवान आये और उन्होंने पुलिस दल के साथ मिलकर बंदूकों के साथ सलामी दी और हवाई फायर किए. इस मौके पर प्रशासन की ओर नायब तहसीलदार धर्मपुर ब्रहमदत शर्मा भी शामिल हुए और उन्होंने भी बीएसएफ जवान को श्रद्धाजंलि दी.
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