करसोग: जिला मंडी की करसोग इकाई के दलित शोषण मुक्ति मंच का पहला खंड स्तरीय सम्मेलन शनिवार को आयोजित हुआ. इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच राज्य इकाई के संयोजक जगतराम विशेष रूप से उपस्थित रहे. सम्मेलन में विभिन्न पंचायतों के 70 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इस अवसर पर दलित शोषण मुक्ति मंच करसोग इकाई की 15 सदस्यीय नई कमेटी का भी गठन किया गया. इसके उपरांत नई कमेटी ने एक बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें अनसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को सरकारी नौकरियों में आरक्षण रोस्टर लागू करने, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति उपयोजना को प्रभावी ढंग से लागू करना.
दलितों पर हमलों, हत्याओं, जातिगत भेदभाव, महिला उत्पीड़न पर रोक लगाने, एससी व एसटी कानून को सख्ती से लागू करने, अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति के भूमिहीन परिवारों को पांच बीघा जमींन देने, बिमल देवी के हत्यारों को सख्त सजा देने व उसके बेटो को सरकारी नौकरी दिए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.
इस मौके पर राज्य संयोजक जगतराम ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार के नेतृत्व में दलितों पर हमले, हत्याएं, महिला उत्पीड़न व बलात्कार की घटनाएं, सामाजिक भेदभाव के मामलों हो रही वृद्धि के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य की सरकारें दलितों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से असफल रही हैं.
दलित शोषण मुक्ति मंच करसोग इकाई के कोषाध्यक्ष किशोरी लाल ने बताया कि दलित शोषण मुक्ति मंच करसोग इकाई का पहला खंड स्तरीय सम्मेलन आयोजित हुआ. जिसमें 15 सदस्यीय नई कमेटी का गठन किया गया. इसके अतिरिक्त बैठक में कई प्रस्ताव भी पारित किए गए.