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चुनाव से पहले भौर पंचायत का उप-प्रधान निलंबित, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का था आरोप

पंचायत चुनावों से पहले उपमंडल सुंदरनगर की भौर पंचायत के उपप्रधान पर निलंबित होने की गाज गिरी है. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने ग्राम पंचायत भौर के उपप्रधान को निलंबित कर दिया है.

dc mandi
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Published : Jul 15, 2020, 7:50 PM IST

सुंदरनगर: पंचायत चुनावों से पहले उपमंडल सुंदरनगर की भौर पंचायत के उपप्रधान पर निलंबित होने की गाज गिरी है. उपप्रधान पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कार्रवाई की है.

जानकारी के अनुसार सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने ग्राम पंचायत भौर के उपप्रधान को निलंबित कर दिया है. मंडी जिला की भौर पंचायत के उपप्रधान गुरिया राम पुत्र पैनू राम द्वारा सरकाारी भूमि पर नाजायज कब्जा किया हुआ था.

इसको लेकर एसडीएम सुंदरनगर के समक्ष शिकायतकर्ता द्वारा निर्वाचन याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में एसडीएम सुंदरनगर ने 13 जुलाई 2017 को गुरिया राम के खिलाफ फैसला सुनाया गया था. वहीं, गुरिया राम ने इस फैसले के खिलाफ हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 181 के तहत डीसी मंडी के समक्ष अपील दायर की गई.

इस अपील में फैसला सुनाते हुए उपायुक्त मंडी ने 5 दिसंबर 2017 को निलंबित उपप्रधान गुरिया राम की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया गया. इसके बाद गुरिया राम ने इस पारित निर्णय के खिलाफ मंडलायुक्त मंडी के न्यायालय में अपील दायर की. इसके दौरान मंडलायुक्त ने डीसी के निर्णय को लेकर किसी भी प्रकार का कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किए.

इसके बाद गुरिया राम को डीसी मंडी ने इस वर्ष 15 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. इस नोटिस के जवाब में गुरिया राम के द्वारा मंडलायुक्त न्यायालय से किसी प्रकार के स्थगन आदेश और इससे संबंधित कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किए गए.

वहीं, डीसी मंडी ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994(संशोधित) की धारा 181 के प्रावधान के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा उक्त प्रकार के मामले में पारित किसी आदेश में अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित निर्णय के खिलाफ द्वितीय अपील का कोई प्रावधान भी नहीं पाया गया है.

इस पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम,1994(संशोधित) की धारा 122(1)(ग) के प्रावधानों के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पाए जाने को लेकर अवैध और धारा 146(1)(क) के तहत उपप्रधान पद से से निष्कासित कर दिया गया है.

इसके साथ संबंधित अधिनियम की धारा 146(2) के अनुसार छह वर्ष के लिए पंचायत पदाधिकारी के रूप में निर्वाचन के लिए भी रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही विकास खंड सुंदरनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत भौर में अब उपप्रधान का पद रिक्त हो गया है. इसके अलावा निष्कासित उपप्रधान से उनके पास मौजूद ग्राम पंचायत की कोई भी अभिलेख, चल या अचल संपत्ति को भी तुरंत पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए गए हैं.

एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान ने कहा कि इन सब को मद्देनजर रखते हुए ग्राम पंचायत भौर के उपप्रधान को डीसी मंडी के आदेशानुसार सरकारी भूमि पर नाजायज कब्जा करने पर निलंबित कर दिया गया है और यह भी निर्णय दिया कि वह आगामी छह वर्षों तक कोई भी पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा.

पढ़ें: धर्मशाला में पैराग्लाइडर हुआ क्रैश, पेड़ पर लटके युवकों को किया गया रेस्क्यू

सुंदरनगर: पंचायत चुनावों से पहले उपमंडल सुंदरनगर की भौर पंचायत के उपप्रधान पर निलंबित होने की गाज गिरी है. उपप्रधान पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने कार्रवाई की है.

जानकारी के अनुसार सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने ग्राम पंचायत भौर के उपप्रधान को निलंबित कर दिया है. मंडी जिला की भौर पंचायत के उपप्रधान गुरिया राम पुत्र पैनू राम द्वारा सरकाारी भूमि पर नाजायज कब्जा किया हुआ था.

इसको लेकर एसडीएम सुंदरनगर के समक्ष शिकायतकर्ता द्वारा निर्वाचन याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में एसडीएम सुंदरनगर ने 13 जुलाई 2017 को गुरिया राम के खिलाफ फैसला सुनाया गया था. वहीं, गुरिया राम ने इस फैसले के खिलाफ हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 181 के तहत डीसी मंडी के समक्ष अपील दायर की गई.

इस अपील में फैसला सुनाते हुए उपायुक्त मंडी ने 5 दिसंबर 2017 को निलंबित उपप्रधान गुरिया राम की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया गया. इसके बाद गुरिया राम ने इस पारित निर्णय के खिलाफ मंडलायुक्त मंडी के न्यायालय में अपील दायर की. इसके दौरान मंडलायुक्त ने डीसी के निर्णय को लेकर किसी भी प्रकार का कोई स्थगन आदेश जारी नहीं किए.

इसके बाद गुरिया राम को डीसी मंडी ने इस वर्ष 15 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था. इस नोटिस के जवाब में गुरिया राम के द्वारा मंडलायुक्त न्यायालय से किसी प्रकार के स्थगन आदेश और इससे संबंधित कोई भी दस्तावेज पेश नहीं किए गए.

वहीं, डीसी मंडी ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994(संशोधित) की धारा 181 के प्रावधान के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा उक्त प्रकार के मामले में पारित किसी आदेश में अपीलीय प्राधिकारी द्वारा पारित निर्णय के खिलाफ द्वितीय अपील का कोई प्रावधान भी नहीं पाया गया है.

इस पर डीसी मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम,1994(संशोधित) की धारा 122(1)(ग) के प्रावधानों के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण पाए जाने को लेकर अवैध और धारा 146(1)(क) के तहत उपप्रधान पद से से निष्कासित कर दिया गया है.

इसके साथ संबंधित अधिनियम की धारा 146(2) के अनुसार छह वर्ष के लिए पंचायत पदाधिकारी के रूप में निर्वाचन के लिए भी रद्द कर दिया गया है. इसके साथ ही विकास खंड सुंदरनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत भौर में अब उपप्रधान का पद रिक्त हो गया है. इसके अलावा निष्कासित उपप्रधान से उनके पास मौजूद ग्राम पंचायत की कोई भी अभिलेख, चल या अचल संपत्ति को भी तुरंत पंचायत सचिव को सौंपने के आदेश जारी किए गए हैं.

एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान ने कहा कि इन सब को मद्देनजर रखते हुए ग्राम पंचायत भौर के उपप्रधान को डीसी मंडी के आदेशानुसार सरकारी भूमि पर नाजायज कब्जा करने पर निलंबित कर दिया गया है और यह भी निर्णय दिया कि वह आगामी छह वर्षों तक कोई भी पंचायत प्रतिनिधि के तौर पर चुनाव नहीं लड़ सकेगा.

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