करसोगः वन विभाग ने कड़ी मेहनत के बाद बेगली जंगल में लगी आग बुझाने में सफलता प्राप्त कर ली है, लेकिन तब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगलों सहित लोगों की घासनियां और बगीचे आग के भेंट चढ़ चुके हैं. जंगल में लगी आग की वजह से वन्य प्राणियों सहित वनस्पति व पशु चारे में प्रयोग होने वाले चौड़ी पत्तियों के पेड़-पौधे भी जलकर राख हो गए.
चार दिन पहले लगी थी आग
ऐसे में वन संपदा को लाखों का नुकसान हुआ है. बेगली बीट सहित महासू व बाझु के जंगलों के आग लगने की सूचना मिलते ही चार दिन पहले वन विभाग की टीम व ग्रामीणों ने आग पाने के प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन लंबे समय से पड़े सूखे और तेज हवाएं चलने की वजह से आग बेकाबू हो गई. ऐसे में आग की तेज उठती लपटों की वजह से ग्रामीणों की निजी संपत को भी खतरा पैदा हो गया.
राहत की बात यह है कि अब करसोग में बारिश हो रही है. इससे लंबे समय का सूखा भी खत्म हो गया है और जंगलों में आग लगने का खतरा भी कम हो गया है. वहीं, वन विभाग ने तीन से चार सालों में बेगली जंगल को पहले जैसा हराभरा करने का दावा किया है.
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चारे की समस्या हुई पैदा
ग्राम पंचायत सोरता के टिककर की निवासी कांता देवी का कहना है कि बेगली बीट में आग लगने से बहुत नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि आग लगने की वजह से घास सहित चौड़ी पत्तियों वाले पेड़ पौधे जल गए हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सामने चारे की समस्या पैदा हो गई है. उन्होंने बेगली बीट में फायर लाइन स्थापिक करने की मांग की है.
ग्रामीणों के सहयोग से आग पर पाया काबू
बेगली बीट के वन रक्षक रमेश कुमार का कहना है कि ग्रामीणों के सहयोग से चार दिनों बाद बेगली जंगल में लगी आग पर काबू पाया गया है. इसके लिए वन विभाग ने स्थानीय लोगों का आभार भी प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार सालों में फिर से बेगली जंगल को हरा-भरा बनाया जाएगा.
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