मंडी: हिमाचल प्रदेश में मानसून की एंट्री अपने साथ आफत ले कर आई है. मानसून के आगाज के साथ ही प्रदेश में तबाही का मंजर भी शुरू हो गया है. नदी-नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है. लोगों का जनजीवन इससे बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. मंडी जिले में पिछले कल से हो रही भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित होता हुआ नजर आ रहा है. यहां पर लारजी और पंडोह डैम का जलस्तर बढ़ने से ब्यास नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. इस कारण ब्यास नदी के जलस्तर में भारी इजाफा हो गया है.
मंडी में बढ़ा नदी-नालों का जलस्तर: वहीं, मंडी जिले के अन्य नदी नालों के जलस्तर में भी बारिश के कारण काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं, बात करें बल्ह घाटी की तो यहां पर बारिश के बाद से ही नालियां बंद हो जाने से सारा पानी फोरलेन पर आ गया है. जिससे यातायात भी प्रभावित हो रहा है. वहीं, जिले में लोगों के खेत भी पानी से तालाब बन चुके हैं. मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग कमांद के पास फिर लैंडस्लाइड के चलते बंद हो गया है. पिछले कल भी इसी जगह पर लैंडस्लाइड हुई थी. कटौला की तरफ से मंडी शहर के लिए रोजाना भारी मात्रा में दूध और पनीर की सप्लाई आती है, जोकि सड़क बंद होने के कारण पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. मंडी शहर के लोगों को पैकेट वाले दूध से गुजारा करना पड़ रहा है.
लैंडस्लाइड में मार्ग हो रहे बाधित: वहीं, लैंडस्लाइड के कारण एनएच सात मील के पास रास्ता बंद हो गया था, लेकिन उसे अब यातायात के लिए एक तरफा बहाल कर दिया गया है. इसके अलावा भी एनएच पर कई छोटे-छोटे स्तर पर लैंडस्लाइड हुए हैं, जिन्हें तुरंत प्रभाव से हटाकर हाईवे को यातायात के लिए पूरी तरह से बहाल कर दिया गया है. मंडी से पठानकोट एनएच पर घटासनी के समीप हैवी लैंडस्लाइड के कारण मार्ग बंद हो गया है, उसे बहाल करने की कोशिश जारी है. इसे खोलने में अभी काफी समय लग सकता है. जिले में कई लिंक रोड बंद हो गए हैं और बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है. बहुत से बिजली के पोल धराशाही हो गए हैं और लैंडस्लाइड के कारण पानी की कई स्कीमें भी टूट गई हैं.
इस समय भूलकर भी न जाएं ब्यास नदी के किनारे: वहीं, आज सुबह 6 बजे से 26 जून सुबह 6 बजे तक लारजी डैम के सभी गेट खोले गए हैं. लारजी डैम में सिल्ट जमा हो गई है, जिसे निकालने के लिए गेट खोले गए हैं. राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड थलौट के वरिष्ठ अधिशासी अभियंता अजय ठाकुर ने आमजन से अपील की है कि इस दौरान लारजी बांध से लेकर पंडोह बांध तक कोई भी ब्यास नदी के किनारे न जाए.
लारजी पावर स्टेशन विद्युत गृह में उत्पादन पूरी तरह बंद: वहीं, लोगों से आग्रह किया गया है कि इस दौरान अपने पशुओं को भी नदी के किनारे न छोड़ें, ताकि किसी तरह का जान व माल का नुकसान न हो. उन्होंने बताया कि इस दौरान लारजी पावर स्टेशन विद्युत गृह में उत्पादन भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इस कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए नियमों का पूरी तरह से और कड़े तरीके से पालन किया जाएगा. सायरन और प्रचार वाहन के जरिए से लोगों को इसकी सूचना दी जाएगी. जिला प्रशासन ने लोगों से मौसम के बिगड़े मिजाज में घरों से बाहर न निकलने की अपील की है और किसी भी आपात स्थिति में आपदा प्रबंधन को सूचित करने की सलाह दी है.
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