करसोग: उपमंडल करसोग में बिजली बोर्ड की लापरवाही से पेड़ों पर मौत का करंट दौड़ रहा है. करसोग डिवीजन में भले ही लकड़ी के हजारों खंभे बदले जाने के दावे हो रहे हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. उपमंडल की नाहवीधार पंचायत के तहत गांव पटोग से देरट तक बिजली लाइन की हालत बहुत ही खराब है. यहां बिजली बोर्ड के सब डिवीजन छतरी के तहत कृषि योग्य भूमि में हरे पेड़ों से होकर बिजली की लाइन बिछाई गई है.
लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है
बिजली बोर्ड ने खंभे लगाने की भी जरूरत न समझते हुए हरे भरे पशु चारे के प्रयोग में होने वाले चौड़ी पत्तियों के पेड़ों से ही बिजली की लाइन बिछा दी है. ऐसे में ये लापरवाही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है. पत्तियां निकलते वक्त या फिर खेतों में काम करते वक्त अगर कहीं जरा सी चूक होती है तो लोगों को जान से हाथ धोना पड़ सकता है.
इस तरह लोगों को हमेशा हादसे का डर सताता रहता है. हालांकि लोग कई बार बिजली बोर्ड के ध्यान में मामले को ला चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है. करसोग डिवीजन में पहले चरण में बिजली बोर्ड लकड़ी के कई हजार खंभे बदल कर इसकी जगह लोहे के खंबे लगा चुका है, लेकिन हैरानी की बात है कि बिजली बोर्ड ने पटोग से देरट तक पेड़ों पर से बिछाई गई लाइन को बदलना जरूरी नहीं समझा.
'अगर कोई हादसा होता है तो इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार होगा'
लोगों का कहना है कि अगर कोई हादसा होता है तो इसके लिए बिजली बोर्ड जिम्मेदार होगा. बिजली बोर्ड करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता सुशील चौहान का कहना है कि इस तरह का मामला ध्यान में नहीं है. जैसे ही नए खंभे आते हैं प्राथमिकता के आधार पर लाइन को बदला जाएगा.
भंधल गांव के महेंद्र कुमार का कहना है कि पटोग से देरट तक बिजली लाइन का बहुत बुरा हाल है. इस बारे में कई बार बिजली बोर्ड को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन कोई भी उचित कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने प्रशासन से तुरंत प्रभाव से लाइन को बदले जाने की मांग की है.
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