मंडी: प्रदेश में नशा निवारण अभियान को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को अभिलाषी विश्वविद्यालय चेलचौक में नशा निवारण कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने भी शिरकत की.
नशा एक धीमा जहर
कार्यशाला को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि नशा एक धीमा जहर है, जो समाज की लाखों जिंदगियों को तबाह कर रहा है. यदि समय रहते हम इसकी रोकथाम के प्रयास नहीं करेंगे तो इसके गंभीर परिणाम सामने आएंगे.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि युवा पीढ़ी के साथ-साथ अभिभावकों को भी आगे आकर नशामुक्त भारत के निर्माण के लिए आगे आना होगा. उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस बुराई को दूर करने के लिए अपने गांव-गली व मोहल्लों में लोगों को प्रेरित करें.
युवा पीढ़ी को जागरूक करने की आवश्यकता
वहीं, हिमाचल प्रदेश नशा मुक्ति बोर्ड के संयोजक एवं सलाहकार ओपी शर्मा ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है और यह तन, मन व धन तीनों का नाश करता है तथा सामाजिक सौहार्द को भी बिगाड़ता है. आज युवा पीढ़ी को नशे जैसी बुराइयों के बारे में जागरूक करना होगा.
युवा पीढ़ी को स्वस्थ भारत के निर्माण में अपना सहयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना होगा. जिसके लिए स्कूलों, कॉलेजों व समाज के विभिन्न वर्गों में जाकर जागरूकता शिविरों के माध्यम से लोगों को नशे से दूर रहने बारे जागरूक करने की आवश्यकता है.
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