मंडी: जिला की ग्राम पंचायत औट में करीब छह महिलाओं ने पंचायत प्रधान पर मनरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगा कर मजदूरों से पैसे वापिस लेने का आरोप लगाया है. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने पंचायत में कोई कार्य नहीं किया है, लेकिन उनके बैंक खाते में धन राशि आई है.
गाम्रीण महिलाओं ने अपनी ही पंचातक की प्रधान कुसुमा देवी पर आरोप लगाया है कि वह महिलाओं को टैक्सी में ले जाकर धन राशि निकालने और राशि वापिस देने की मांग कर रही है. महिलाओं का कहना है कि यह एक बड़ा सवाल है कि बिना काम किए फर्जी हाजिरी कैसे लगाई गई. महिलाओं ने इस मामले की लिखित शिकायत खंड विकास अधिकारी बालीचौकी से की है.
इन महिलाओं का कहना है कि पंचायत प्रधान स्थानीय ग्रामीणों को दरकिनार कर नेपाली मजदूरों को रोजगार दे रहे हैं. वहीं, निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं बरती जा रही हैं. महिलाओं का आरोप है कि पंचायत प्रधान द्वारा गांव में चल रहे काम में एक साठ साल के बुजुर्ग को काम पर लगाया गया है. जिसे वृद्धावस्था पेंशन का लाभ भी मिल रहा है.
महिलाओं ने कहा कि उन्होंने नेपाली मजदूरों को काम देने का विरोध किया, जिस पर मिस्त्री और उसका बेटा बदसलूकी पर उतर आया. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. वीडियो में वायरल हुआ मामला वार्ड नंबर-नौ खमराधा का है.
महिलाओं का यह भी आरोप है कि पंचायत के अधिकांश कार्यों में धांधली हुई है. इन सबकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. वहीं, मामले को लेकर स्थानीय वार्ड सदस्य हेमराज का कहना है कि एक परिवार की तीन महिलाओं ने ही यह वीडियो वायरल किया है. वार्ड में चल रहे काम का पूरा निरीक्षण किया जाता है.
इस पूरे मामले को लेकर जब ग्राम पंचायत औट की प्रधान कुसुमा देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. पंचायत नियमानुसार कार्य कर रही है. लॉकडाउन में उन्हें सरकार और विभाग से जो दिशा-निर्देश मिले हैं उनका पूरा पालन किया जा रहा है.
वहीं, बीडीओ बालीचौकी चेतराम ने बताया कि मामले की शिकायत उन्हें मिली है. जिसकी छानबीन को लेकर शुक्रवार को पंचायत में जाएंगे. अगर पंचायत में अनियमितताएं पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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