करसोग: जिला मंडी के करसोग में मौसम की मार झेल रहे बागवानों के लिए मंडियों से अच्छी खबर है. सेब सीजन शुरू हो गया है और ओलावृष्टि से जख्मी होने के बाद भी सेब ने मंडियों में धमाकेदार एंट्री की है. बता दें कि चुराग सब्जी मंडी में सोमवार को टाइडमैन 1600 रुपये तक बिका.
मंडी में माहूंनाग, सपनोट, बखरौट, सेरी आदि जगहों से बागवान सेब बेचने पहुंचे थे. दोपहर के समय टाइडमैन की बोली शुरू हुई और ये सेब 500 से 1600 रुपये पेटी बिका. जो सेब अधिक जख्मी था और कलर भी कम था, इस तरह की क्वालिटी का सेब 500 से 1000 रुपये पेटी तक बिका, जबकि अच्छे कलर और कम जख्मी सेब का भाव 1200 से 1600 रुपये पेटी तक रहा. ऐसे में ओलावृष्टि (Hailstorm) से परेशान बागवानों ने कुछ राहत की सांस ली है.
आढ़तियों का कहना है कि मंडी में अधिकतर सेब (Apple) ओलावृष्टि से जख्मी पहुंच रहा है. अगर ओले की मार नहीं पड़ी होती तो सेब और अधिक महंगा बिक सकता था. करसोग में इस बार सेब उत्पादन कम रहने का अनुमान लगाया गया है. सर्दियों में पड़े सूखे और मई और जून माह में ओलावृष्टि और भारी तूफान से सेब को काफी अधिक नुकसान पहुंचा है.
सेब के बहुत कम दाम मिलने की आशंका जताई जा रही थी
अधिकतर क्षेत्रों में हुई ओलावृष्टि (Hailstorm) ने सेब को जख्मी कर दिया है. ऐसे में मंडियों में सेब के बहुत कम दाम मिलने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन इस बार उत्पादन कम होने की वजह से सेब को मिले जख्मों को मंडियों में मिल रही कीमतों ने कुछ हद तक भर दिया है. आढ़तियों ने आने वाले दिनों में भी सेब के रेट स्थिर रहने की संभावना जताई है.
बागवानी विभाग करसोग विकासखंड के विषयवार्ता विशेषज्ञ नरेश शर्मा का कहना है कि ओलावृष्टि (Hailstorm) के हिसाब से सेब का ये भाव सही है. उन्होंने कहा कि सीजन में अगर सेब का औसतन भाव 1 हजार रुपये पेटी रहता है तो बागवानों को कोई नुकसान नहीं होगा.
सेब की फसल पर ओलों की मार
चुराग सब्जी मंडी के आढ़ती नरेश शर्मा का कहना है कि पूरे क्षेत्र में पहले ही फसल कम है. इस पर सेब पर ओलों की मार पड़ी है, लेकिन इसके बाद भी मंडी में 1600 रुपये तक सेब बिका है. उन्होंने कहा कि अगर ओलों की मार न होती तो सेब का यही भाव 2 हजार पेटी तक रह सकता था.
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