सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश में मई महीने में मौसम बार-बार करवट बदल रहा है. मौसम के करवट बदलने से मंडी जिले के ऊपरी क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि होने से सेब की फसल तबाह हो गई है. इसी के चलते बागवानों ने एंटी हेलनेट के लिए बजट में प्रावधान करने की मांग की गई है.
सुंदरनगर की रोहांडा पंचायत के पूर्व प्रधान प्रकाश चंद ने बताया कि एक तरफ देश और प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो वहीं, दूसरी ओर भारी ओलावृष्टि होने से क्षेत्र के बागवानों की करोड़ों रूपए की सेब की फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिस तरह से धर्मपुर और सराज क्षेत्र में सेब के पेड़ों पर हेल नेट लगाने को लेकर बजट का प्रावधान किया गया है, उसी तर्ज पर अन्य क्षेत्रों में भी सेब के पेड़ों पर भी हेल नेट के लिए बजट में प्रावधान किया जाए.
उन्होंने कहा कि यहां का बागवान सिर्फ सेब की फसल पर ही निर्भर हैं. अगर इस फसल को भी नहीं बचाया गया तो आने वाले समय में बागवानों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया है.
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