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आंगनवाड़ी कल्याण संघ से जुड़ने का दावा झूठा: यूनियन प्रधान अर्चना

सीटू से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन धर्मपुर प्रोजेक्ट कमेटी ने गत दिनों मीडिया में छपी खबर का खंडन किया है. आंगनवाड़ी वर्करज एंड हेल्पर यूनियन धर्मपुर ने कहा कि बीत दिन मीडिया में छपी खबरों में धर्मपुर प्रोजेक्ट की सैकड़ों वर्करों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण संघ में शामिल होने का झूठा दावा किया गया है.

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Published : Aug 23, 2020, 10:00 PM IST

धर्मपुर/मंडी: सीटू से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन धर्मपुर प्रोजेक्ट कमेटी ने गत दिनों मीडिया में छपी उस खबर का खंडन किया है, जिसमें धर्मपुर प्रोजेक्ट की सैकड़ों वर्करों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण संघ में शामिल होने का झूठा दावा किया गया है.

यूनियन की प्रधान अर्चना शर्मा ने बताया कि धर्मपुर प्रोजेक्ट में सीटू से सबंधित यूनियन लंबे समय से बनी हुई है और वो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व हेल्परों की मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन जिस तथाकथित कल्याण संघ की जिला प्रधान के नाम से ये खबर छपी है, वो हर साल नई यूनियन में शामिल होती है और दो चार के नाम मीडिया में देकर गुमराह करती है.

जबकि धर्मपुर की आंगनवाड़ी वर्कर उसके साथ कोई नहीं है और अब भी उसने जो कल्याण संघ की धर्मपुर प्रोजेक्ट कमेटी के लिए जिनके नाम अखबार में छपवाए हैं. वह उनकी सहमति के बिना ही छाप दिए गए हैं.

यूनियन की प्रधान अर्चना शर्मा और महासचिव रजनी सकलानी ने बताया कि बिना सहमति के वर्करों के नाम कल्याण संघ के साथ जोड़ने से बाज नहीं आई, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिला का एक सुपरवाइजर जो कर्मचारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सयुंक्त संघ बनाने की वकालत कर रहा है, वो वर्करों को गुमराह कर रहा है.

एक तरफ बाल विकास विभाग में जहां सुपरवाइजर एक सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं तो दूसरी तरफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को अभी तक मजदूर का भी दर्जा प्राप्त नहीं है और विभाग अभी उनसे अभी भी स्वयंसेवी के रूप में सेवाएं ले रहा है. तो फिर इनका सयुंक्त संघ बनाना आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की आंखों में केवल आंखों में धूल झोंकना मात्र है और यूनियन को तोड़ने का प्रयास है.

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछली सरकार के समय हमारी यूनियन को तोड़ने के लिए भी ऐसी ही चाल चली गई थी और स्वतंत्र यूनियन का नारा दिया गया था और अब वर्तमान सरकार के इशारे पर पर कल्याण संघ बनाने की कोशिश की जा रही है.

सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ये समझती हैं कि सरकार के इशारे पर हमारी एकता को तोड़ने की कोशिश हर बार की जाती है और अपने फायदे व लालच के लिए ये दो चार वर्कर ऐसी घटाना को अंजाम देती है लेकिन उनके कहने पर कोई न पहले यूनियन छोड़ कर गया था और न ही अब ऐसा हुआ है. मीडिया में गलत और झूठे तौर पर ये दावा किया गया है.

पढ़ें: जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा 23 साल का अमित, परिजनों ने लगाई मदद की गुहार

धर्मपुर/मंडी: सीटू से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन धर्मपुर प्रोजेक्ट कमेटी ने गत दिनों मीडिया में छपी उस खबर का खंडन किया है, जिसमें धर्मपुर प्रोजेक्ट की सैकड़ों वर्करों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण संघ में शामिल होने का झूठा दावा किया गया है.

यूनियन की प्रधान अर्चना शर्मा ने बताया कि धर्मपुर प्रोजेक्ट में सीटू से सबंधित यूनियन लंबे समय से बनी हुई है और वो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व हेल्परों की मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन जिस तथाकथित कल्याण संघ की जिला प्रधान के नाम से ये खबर छपी है, वो हर साल नई यूनियन में शामिल होती है और दो चार के नाम मीडिया में देकर गुमराह करती है.

जबकि धर्मपुर की आंगनवाड़ी वर्कर उसके साथ कोई नहीं है और अब भी उसने जो कल्याण संघ की धर्मपुर प्रोजेक्ट कमेटी के लिए जिनके नाम अखबार में छपवाए हैं. वह उनकी सहमति के बिना ही छाप दिए गए हैं.

यूनियन की प्रधान अर्चना शर्मा और महासचिव रजनी सकलानी ने बताया कि बिना सहमति के वर्करों के नाम कल्याण संघ के साथ जोड़ने से बाज नहीं आई, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि हमीरपुर जिला का एक सुपरवाइजर जो कर्मचारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का सयुंक्त संघ बनाने की वकालत कर रहा है, वो वर्करों को गुमराह कर रहा है.

एक तरफ बाल विकास विभाग में जहां सुपरवाइजर एक सरकारी कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं तो दूसरी तरफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को अभी तक मजदूर का भी दर्जा प्राप्त नहीं है और विभाग अभी उनसे अभी भी स्वयंसेवी के रूप में सेवाएं ले रहा है. तो फिर इनका सयुंक्त संघ बनाना आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की आंखों में केवल आंखों में धूल झोंकना मात्र है और यूनियन को तोड़ने का प्रयास है.

यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछली सरकार के समय हमारी यूनियन को तोड़ने के लिए भी ऐसी ही चाल चली गई थी और स्वतंत्र यूनियन का नारा दिया गया था और अब वर्तमान सरकार के इशारे पर पर कल्याण संघ बनाने की कोशिश की जा रही है.

सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ये समझती हैं कि सरकार के इशारे पर हमारी एकता को तोड़ने की कोशिश हर बार की जाती है और अपने फायदे व लालच के लिए ये दो चार वर्कर ऐसी घटाना को अंजाम देती है लेकिन उनके कहने पर कोई न पहले यूनियन छोड़ कर गया था और न ही अब ऐसा हुआ है. मीडिया में गलत और झूठे तौर पर ये दावा किया गया है.

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