मंडीः सीएम जयराम ठाकुर द्वारा मंडी जिला के नाम बदलने के बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. एक तरफ कांग्रेस सीएम को घेरती हुई नजर आ रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता अजय राणा ने मंडी का नाम बदलने की पैरवी की है.
अजय राणा ने कहा कि नाम और शब्द का महत्त्व बहुत बड़ा होता है. मंडी का अर्थ बाजार व बजारू होता है. यह मंडी के इतिहास की गरिमा के विपरीत है. उन्होंने कहा कि मुगलों का मीना बाजार (मंडी) जहां स्वर्णिम युग पर पानी फेरता है, तो ऐसे में इसका नाम सारगभित होना जरूरी है. इसका प्रभाव हमारी भावी पीढ़ियों पर ठीक नहीं पड़ता. यह हमारी उस पीढ़ी के प्रति जिम्मेदार है कि हम उसे क्या दे कर जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जहां संस्कारों की किल्लत है, तो ऐसे में इसका नाम बदलना अति आवश्यक है. जहां यह स्थान वैदिक पौराणिक व ऐतिहासिक महत्त्व कर रहा है, तो जाहिर है कि यह नाम उसी का द्योतक हो. इस स्थान से पराशर ऋषि व उनके पुत्र व्यास का भी संबन्ध आता है. इन ऋषियों की भूमि में मांडव्य ऋषि, मांडव्य नाथ व मदारवा का भी जिक्र होता है.
उन्होंने कहा कि मंतव्य के कारण मंडी का नाम (मांडव्य नगर) उपयुक्त रहेगा. एक समय में जब देश में 84 पुरिया (मंदिर) बनाने का जोर था, तो उस काल में यह नगर भी उस प्रतिस्पर्धा में आगे था. लेकिन किसी कारणवश यह संख्या पूरी न होने के बावजूद इसे छोटी काशी के नाम से जाना जाता रहा है. इन सभी संदर्भो को ध्यान में रखते हुए इसे मंडी कहना प्रथम दृष्टया अन्याय है. उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम सब मिलकर इस भटकाव भरे नाम को बदलने में सहयोग करें.