करसोगः देश में कोरोना से भयावह होती स्थिति ने बैंकिंग सेक्टर की भी पूरी तस्वीर बदल दी है. बैंक में प्रवेश करने पर पहले ग्राहक सेनिटाइजर से पवित्र होते हैं. इसके बाद ही लेन-देन के कार्य के लिए केश काउंटर पर पहुंचते हैं. यहां भी ग्राहक को दो फीट दूर रह कर बैंक के कार्य पूरे करने पड़ते हैं.
इतना ही नहीं बैंक परिसर में पहुंचने पर की ग्राहकों को सावधानी बरतनी पड़ती है. पहले ग्राहक को बैंक के मुख्य द्वार के बाहर करीब चार से पांच फीट की दूरी बनाकर कतार में खड़ा होना पड़ता है.
इसके लिए बैंक के बाहर सफेद पेंट से मार्क बनाए गए हैं. जिसमें बाकायदा 1 से तक 10 तक की नम्बरिंग की गई है. ग्राहक इन्हीं नम्बरों के हिसाब से लाइनों में खड़े होकर प्रदेश द्वार से अंदर जाते हैं.
इस सतर्कता से सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैंक कर्मचारियों को भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है. यही नहीं बैंक कर्मचारी भी सावधानी बरत रहे हैं. बैंक कर्मचारी भी केश देते वक्त हर बार सेनेटाइजर का प्रयोग करते हैं. सामान्य दिनों में लोगों से घिरे रहने वाले बैंक कर्मचारी अब ग्राहक से उचित दूरी बनाकर बात कर रहे हैं.
बदल गया सबका व्यवहार:
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद सबका व्यवहार बदल गया है. बैंक कर्मचारियों सहित ग्राहक एक दूसरे की चिंता कर रहे हैं. बैंक का कार्य करने के साथ कर्मचारी ग्राहकों को सावधानी बरतने को कह रहे हैं.
बैंक में जान पहचान के लोग मिलने पर लोग हाथ मिलाकर नहीं हाथ जोड़कर एक दूसरे का अभिवादन कर रहे हैं. यही नहीं ग्राहक भी नियमों की पूरी पालना कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बैंकों में शुरू हुआ सिलसिला अब बैंक आने वाले लोगों के लिए दिनचर्या का हिस्सा बन गया. बैंकों में सभी लोग सही तरह से नियमों की पालना कर रहे हैं.
बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक मनोज शर्मा का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए बैंक के बाहर चार फीट की दूरी पर मार्किंग की गई है. जिससे ग्राहक एक दूसरे से उचित फासला बनाकर खड़े रहें. उन्होंने कहा कि बैंक में भी अंदर सेनिटाइजर रखा गया है. इसके प्रयोग के बाद ही ग्राहक लेन-देन का कार्य करता है और ग्राहकों से लेन-देन के वक्त भी पूरी सावधानी बरती जाती है.
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