करसोग: मंडी जिला के करसोग में कई सालों बाद हुई भारी बर्फबारी के बाद अब मौसम पूरी तरह साफ हो गया है. यहां शुक्रवार को धूप खिल गई है, लेकिन लोगों की परेशानियां अभी कम नहीं हुई है. बर्फबारी के कारण बिजली की तारें टूटने से उपमंडल के 80 फीसदी क्षेत्रों में बिजली गुल है. लोगों को बीती रात अंधेरे में ही गुजारनी पड़ी.
करसोग डिवीजन में 275 ट्रांसफार्मर बंद
यहां तक कि लाइट नहीं होने से मोबाइल भी बंद हो गए हैं. ऐसे में बहुत से लोग आपस में बात भी नहीं कर पा रहे हैं. बिजली बोर्ड करसोग डिवीजन के तहत कुल 336 ट्रांसफार्मर है, जिसमें करीब 275 ट्रांसफार्मर बंद हैं.
दूध, ब्रेड और सब्जियों की सप्लाई प्रभावित
अभी बर्फबारी के बाद सड़कें भी नहीं खुली है. इस वजह से बिजली कर्मचारियों को भी स्पॉट तक पैदल ही पहुंचना पड़ रहा है, जिससे बिजली की आपूर्ति बहाल होने में अभी वक्त लग सकता है. वहीं, सड़कें नहीं खुलने से उपमंडल के मुख्य बाजरों में सुबह दूध सहित ब्रेड व सब्जियों की सप्लाई भी नहीं पहुंची. जिससे आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है.
बर्फबारी के कारण सड़क पर फिसलन का खतरा
हालांकि शिमला करसोग मार्ग पर गाड़ियां फंसने के बाद चिंडी से चुराग तक रात के समय ही बर्फ को हटाया गया था, लेकिन अब कोहरा जमने से वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क पर फिसलन का खतरा अधिक हो गया है. ऐसे में शिमला करसोग मार्ग अभी सुनसान पड़ा है. उधर आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह का कहना है कि 10 फरवरी तक अब मौसम साफ रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हुई है.
पेट्रोलिंग पर बिजली बोर्ड के कर्मचारी
बिजली बोर्ड करसोग डिवीजन के अधिशाषी अभियंता सुशील चौहान का कहना है कि बर्फबारी की वजह से लाइनें टूट गई हैं. जिससे 275 के करीब ट्रांसफार्मर बंद हैं. बिजली बोर्ड के कर्मचारी पेट्रोलिंग कर रहे हैं, लेकिन सड़कें नहीं खुलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी शाम तक बिजली की आपूर्ति को बहाल कर लिया जाएगा.
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