मंडी: प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों के लिए बुनियादी सुख सुविधाओं से युक्त घर उपलब्ध कराने को स्वर्ण जयंती आश्रय योजना (Swaran Jayanti Ashraya Yojana) शुरू की है. इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान है. जिला में कोरोना काल में भी बीते सालभर में 513 लाभार्थियों को स्वर्ण जयंती आश्रय योजना में पक्का मकान बनाने के लिए करीब 7.70 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है.
अनुसूचित जाति,जनजाति,पिछड़ा वर्ग के लिए सहायता
बीर तुंगल के कर्मचंद को स्वर्ण जयंती आश्रय योजना में पक्का मकान बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये की सहायता मिली है. वे इससे बेहद खुश हैं और मुश्किलों से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है. लाभार्थी कर्मचंद कहना है कि उनके लिए अपना पक्का मकान तो बस एक सपना था, लगता था जैसे बड़े दूर की कौड़ी है, मगर स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से ये सपना साकार हो गया है.
मामला स्वीकृत होने पर 1.50 लाख की मदद
योजना के एक और लाभार्थी ग्राम पंचायत पधयूं के चिरंजी लाल बताते हैं कि पहले उनके पास मकान के नाम पर बस दो कच्चे कमरे थे, बारिश में छत टपकती तो कमरे के अंदर-बाहर पानी भर आता और तब एक एक पल काटना भारी लगता था. उन्हें किसी से सरकार की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के बारे में पता चला. उन्होंने पंचायत में आम सभा में प्रस्ताव डाला. मामला स्वीकृत होने पर योजना में मिली 1.50 लाख की मदद ने उनकी सारी चिंता दूर कर दी.
जिला कल्याण अधिकारी मंडी आर.सी. बंसल ने दी जानकारी
जिला कल्याण अधिकारी मंडी आर.सी.बंसल स्वर्ण जयंती आश्रय योजना का लाभ लेने की पात्रता के बारे में बताया कि इस योजना का लाभार्थी परिवार हिमाचल प्रदेश का स्थानीय निवासी होना चाहिए . योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखने वाले लोगों को कवर किया गया है. लाभार्थी परिवार की सालाना आमदनी 35 हजार से कम हो. मकान बनाने वाले के नाम पर जमीन होनी चाहिए. योजना को प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है. इस बारे अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है.