सुंदरनगर: मंडी के बग्गी स्थित बीएसएल हाइडल पावर प्रोजेक्ट में अब 40 की बजाय 42 मेगावाट की क्षमता का बिजली हाइडल प्रोजेक्ट लगेगा. इसे 21-21 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट के तहत संचालित किया जाएगा. वहीं इसके ऊपर 270 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड और हिमाचल सरकार के आपसी तालमेल से यह प्रोजेक्ट जल्द ही सिरे चढ़ने जा रहा है.
डीपीआर और दस्तावेज तैयार
इसकी डीपीआर तैयार कर दी गई है और दस्तावेजों का मसौदा तैयार करके मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. इस प्रोजेक्ट को लेकर भूमि हस्तांतरण खनन वन विभाग सहित अन्य तमाम विभागों की औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है. अब यह मसला जिला प्रशासन के पाले में है.
विभिन्न राज्यों की हिस्सेदारी
इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में पेश आने वाली खूबियां और खामियां जिला प्रशासन व हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत ही दूर होंगी. जानकारी देते हुए बीएसएल परियोजना के एसई हेडक्वार्टर इंजीनियर कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार और हिस्सेदार संबंधी राज्य में हरियाणा, पंजाब व राजस्थान की सरकारों से भी इस प्रोजेक्ट को चालू करने के लिए मंजूरी मिलते ही आगामी रूपरेखा जल्द ही तैयार कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बग्गी बिजली प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करके मंजूरी को भेज दी गई है.
हिमाचल के साथ साइन एमओयू
गौरतलब हो कि इस प्रोजेक्ट के लिए बीएसएल परियोजना और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड का हिमाचल प्रदेश के साथ एमओयू साइन हो चुका है. प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी रखने वाले राज्य में पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से एमओयू साइन होने के बाद और ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार से स्वीकृति मिलते ही तमाम औपचारिकता पूरी कर जल्द ही काम को सिरे चढ़ने की कोशिश करेगी. इस प्रोजेक्ट के बनने से प्रति यूनिट खर्चा 2.66 रुपये आएगा और कुछ हिस्सा सामाजिक विकास के कामों में भी खर्च किया जाएगा.