कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति के केलांग लेह सड़क मार्ग के शिंकुला दर्रे के समीप छिका में रविवार को हिमस्खलन के चलते जहां तीन मजदूर दब गए थे. जिनमें से 2 मजदूरों के शव बरामद हो गए थे. जबकि एक मजदूर अभी भी लापता चल रहा है. वहीं, बुधवार को भी रेस्क्यू टीम हिमस्खलन वाली जगह पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया गया है. लेकिन खराब मौसम बार-बार रेस्क्यू में बाधा बन रहा है. मौसम विभाग के द्वारा आने वाले दिनों में फिर से मौसम खराब होने की चेतावनी दी गई है. अगर बुधवार शाम तक लापता मजदूर का पता नहीं चल पाया तो खराब मौसम के कारण यह रेस्क्यू ऑपरेशन टल सकता है.
माइनस तापमान के बीच लापता मजदूर को ढूंढना बड़ी चुनौती: हिमस्खलन में प्रवासी मजदूर पासंग छेरिंग लामा (27 वर्ष) लापता चल रहा है. लापता मजदूर नेपाल के चोरा पतरासी गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. लाहौल स्पीति के उपायुक्त सुमित खिमटा ने बताया कि भारतीय तिब्बत बॉर्डर पुलिस की द्वितीय वाहिनी के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा सीमा सड़क संगठन के साथ समन्वय स्थापित कर रेस्क्यू ओप्रेशन संचालित किया गया है. हिमस्खलन वाली जगह पर तापमान शून्य से -25 से -30 डिग्री होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में बुधवार शाम तक भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा जाएगा.
रेस्क्यू में मौसम बन रहा बाधा: अगर वीरवार को मौसम साफ रहा तो रेस्क्यू टीम एक बार फिर से अपने कार्य में जुट जाएगी. गौरतलब है कि यह घटना स्थल शिंकुला दर्रे से 16 हजार फीट की ऊंचाई के करीब है. जहां विषम परिस्थितियों में सीमा सड़क संगठन द्वारा सड़क मार्ग को बहाल करने का कार्य किया जा रहा था. ग्लेशियर स्थल 5 सौ वर्ग मीटर में जमी बर्फ में फैला हुआ है. जिस में लापता हुए मजदूर को ढूंढना रेस्क्यू टीम के लिए काफी मशक्कत भरा कार्य है.
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