कुल्लू: फरवरी माह में विजया एकादशी का व्रत आज होगा. फाल्गुन मास की विजया एकादशी आज यानी वीरवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में धार्मिक ग्रंथों में भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए एकादशी तिथि और गुरुवार का दिन दोनों की सर्वोत्तम बताया गया है. ऐसे में एकादशी व्रत में भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीली मिठाई और पीले फूल से पूजा करें.
सनातन धर्म में प्रमुख व्रत नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या और एकादशी के माने गए हैं. उसमें भी सबसे बड़ा व्रत एकादशी का माना जाता है. चंद्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब और अच्छी होती है. ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चंद्रमा के बुरे प्रभाव को रोका जा सकता है. यहां तक कि एकादशी का व्रत रखने से ग्रहों के असर को भी काफी कम किया जा सकता है.
विजया एकादशी अपने नाम के अनुसार विजय दिलाने वाली मानी जाती है. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की उपासना होती है. इस एकादशी का व्रत करने से भयंकर विपत्तियों से छुटकारा पा सकते हैं. विजया एकादशी पर पूजा उपासना करने से बड़े से बड़े शक्तिशाली शत्रुओं को परास्त कर सकते हैं. इस बार विजया एकादशी की तिथि को लेकर भी लोगों में बहुत संशय है कि विजया एकादशी 16 फरवरी या 17 फरवरी को मनाई जाएगी.
दो दिन मनाई जाएगी विजया एकादशी- आचार्य दीप कुमार शास्त्री ने बताया कि इस बार विजया एकादशी 16 फरवरी और 17 फरवरी दोनों दिन मनाई जाएगी. विजया एकादशी की तिथि का प्रारंभ 16 फरवरी को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर होगा और इसका समापन 17 फरवरी को रात 2 बजकर 49 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार विजया एकादशी 16 फरवरी को ही मनाई जाएगी.
लक्ष्मी की उपासना करने से धन की होगी प्राप्ति- विजया एकादशी का पारण 17 फरवरी को सुबह 8 बजकर 1 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. वैदिक धर्म ग्रंथों के अनुसार जो साधक विजया एकादशी व्रत का पालन करते हैं. उन्हें अपने शत्रु पर विजय की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी पीड़ाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ विजया एकादशी के दिन माता लक्ष्मी की उपासना करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है.
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