कुल्लू: जिला में देश-विदेश के पर्यटक आजकल हजारों की संख्या में रोजाना यहां की बर्फीली वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, ब्यास कुंड से निकलने वाली ब्यास नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अटखेलियां करने का हो रहा है, लेकिन ये अठखेलियां कभी-कभी पर्यटकों को मुश्किल में डाल रही हैं.
पर्यटक बेखौफ होकर पानी के बीच सेल्फी और फोटो खींच रहे हैं जो कभी भी उनकी जान पर भारी पड़ सकता है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक इन दिनों औट से लेकर मनाली तक कई प्वाइंट पर नदी के बीच मस्ती करने उतर रहे हैं, लेकिन ब्यास की जलधारा में ये मस्ती भारी पड़ सकती है. हालांकि इससे पहले भी पानी की जलधारा में कई हादसे हो चुके हैं. हादसों के बाद भी पर्यटकों ने हादसों से सबक नहीं लिया है.
पर्यटक नदी में फोटो खींचने के लिए उतर रहे हैं. ये नजारा कुल्लू से लेकर मनाली और पार्वती घाटी में नदी के किनारे रोजाना देखा जा सकता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुल्लू मनाली में आने वाले पर्यटक अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.
बता दें कि कुछ साल पहले ओट में तेलंगाना के इंजीनियरिंग के 24 छात्र ब्यास नदी की धारा में बह गए थे. उसके बाद प्रशासन और सरकार ने भी माना कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर देना चाहिए. बावजूद इसके सही तरीके से कोई अमल नहीं हो पाया जिसका नतीजा ये है कि अब भी पर्यटक नदी में उतरने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.
वहीं, बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों का कहना है कि उन्हें ब्यास नदी से डर तो लग रहा है, लेकिन इसकी ठंडी धारा में उन्हें मजा भी बहुत आ रहा है. पर्यटकों का कहना है कि वे निचले इलाकों के तपती गर्मी से निजात पाने के लिए मनाली आए हैं, ऐसे में ब्यास की धारा उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
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