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खतरे के बावजूद बेखौफ ब्यास नदी में सेल्फी ले रहे टूरिस्ट, हादसों से नहीं लिया जा रहा कोई सबक

कुल्लू में पर्यटक ब्यास नदी में फोटो खींचने के लिए उतर रहे हैं. ये नजारा कुल्लू से लेकर मनाली और पार्वती घाटी में नदी के किनारे रोजाना देखा जा सकता है. हादसों के बाद भी पर्यटक हादसों से सबक नहीं ले रहे.

ब्यास नदी में सेल्फी ले रहे टूरिस्ट
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Published : Jun 13, 2019, 7:49 PM IST

कुल्लू: जिला में देश-विदेश के पर्यटक आजकल हजारों की संख्या में रोजाना यहां की बर्फीली वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, ब्यास कुंड से निकलने वाली ब्यास नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अटखेलियां करने का हो रहा है, लेकिन ये अठखेलियां कभी-कभी पर्यटकों को मुश्किल में डाल रही हैं.

पर्यटक बेखौफ होकर पानी के बीच सेल्फी और फोटो खींच रहे हैं जो कभी भी उनकी जान पर भारी पड़ सकता है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक इन दिनों औट से लेकर मनाली तक कई प्वाइंट पर नदी के बीच मस्ती करने उतर रहे हैं, लेकिन ब्यास की जलधारा में ये मस्ती भारी पड़ सकती है. हालांकि इससे पहले भी पानी की जलधारा में कई हादसे हो चुके हैं. हादसों के बाद भी पर्यटकों ने हादसों से सबक नहीं लिया है.

पर्यटक नदी में फोटो खींचने के लिए उतर रहे हैं. ये नजारा कुल्लू से लेकर मनाली और पार्वती घाटी में नदी के किनारे रोजाना देखा जा सकता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुल्लू मनाली में आने वाले पर्यटक अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.

ब्यास नदी में सेल्फी ले रहे टूरिस्ट

बता दें कि कुछ साल पहले ओट में तेलंगाना के इंजीनियरिंग के 24 छात्र ब्यास नदी की धारा में बह गए थे. उसके बाद प्रशासन और सरकार ने भी माना कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर देना चाहिए. बावजूद इसके सही तरीके से कोई अमल नहीं हो पाया जिसका नतीजा ये है कि अब भी पर्यटक नदी में उतरने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.

वहीं, बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों का कहना है कि उन्हें ब्यास नदी से डर तो लग रहा है, लेकिन इसकी ठंडी धारा में उन्हें मजा भी बहुत आ रहा है. पर्यटकों का कहना है कि वे निचले इलाकों के तपती गर्मी से निजात पाने के लिए मनाली आए हैं, ऐसे में ब्यास की धारा उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही है.

ये भी पढ़ें - किन्नौर में अनियंत्रित होकर सतलुज में गिरी पिकअप, 2 लोग लापता

कुल्लू: जिला में देश-विदेश के पर्यटक आजकल हजारों की संख्या में रोजाना यहां की बर्फीली वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, ब्यास कुंड से निकलने वाली ब्यास नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अटखेलियां करने का हो रहा है, लेकिन ये अठखेलियां कभी-कभी पर्यटकों को मुश्किल में डाल रही हैं.

पर्यटक बेखौफ होकर पानी के बीच सेल्फी और फोटो खींच रहे हैं जो कभी भी उनकी जान पर भारी पड़ सकता है. बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक इन दिनों औट से लेकर मनाली तक कई प्वाइंट पर नदी के बीच मस्ती करने उतर रहे हैं, लेकिन ब्यास की जलधारा में ये मस्ती भारी पड़ सकती है. हालांकि इससे पहले भी पानी की जलधारा में कई हादसे हो चुके हैं. हादसों के बाद भी पर्यटकों ने हादसों से सबक नहीं लिया है.

पर्यटक नदी में फोटो खींचने के लिए उतर रहे हैं. ये नजारा कुल्लू से लेकर मनाली और पार्वती घाटी में नदी के किनारे रोजाना देखा जा सकता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुल्लू मनाली में आने वाले पर्यटक अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है.

ब्यास नदी में सेल्फी ले रहे टूरिस्ट

बता दें कि कुछ साल पहले ओट में तेलंगाना के इंजीनियरिंग के 24 छात्र ब्यास नदी की धारा में बह गए थे. उसके बाद प्रशासन और सरकार ने भी माना कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर देना चाहिए. बावजूद इसके सही तरीके से कोई अमल नहीं हो पाया जिसका नतीजा ये है कि अब भी पर्यटक नदी में उतरने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.

वहीं, बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों का कहना है कि उन्हें ब्यास नदी से डर तो लग रहा है, लेकिन इसकी ठंडी धारा में उन्हें मजा भी बहुत आ रहा है. पर्यटकों का कहना है कि वे निचले इलाकों के तपती गर्मी से निजात पाने के लिए मनाली आए हैं, ऐसे में ब्यास की धारा उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही है.

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Intro:व्यास नदी में खतरे के बाबजूद भी उतर कर सेल्फी ले रहे पर्यटक
हादसों से नही लिया जा रहा कोई सबक

नोट: वीडियो मेल किया गया है।


Body:देव भूमि कुल्लू में देश-विदेश के पर्यटक आजकल हजारों की संख्या में रोजाना यहां की बर्फीली वादियों का दीदार करने के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं व्यास कुंड से निकलने वाली व्यास नदी की शांत जलधारा को देखकर हर किसी का मन इसके शीतल जल से अटखेलियां करने का हो रहा है। लेकिन यह अठखेलियां कभी-कभी पर्यटकों को मुश्किल में डाल रही हैं। पर्यटक बेखौफ होकर पानी के बीच सेल्फी और फोटो खींच रहे हैं। जो कभी भी उनकी जान पर भारी पड़ सकता है। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक इन दिनों औट से लेकर मनाली तक कई प्वाइंट पर नदी के बीच मस्ती करने उतर रहे हैं लेकिन व्यास की जलधारा में यह मस्ती भारी पड़ सकती है। हालांकि इससे पहले भी पानी की जलधारा में कई हादसे हो चुके है। लेकिन हादसो के बाद भी पर्यटकों ने हादसों से सबक नहीं लिया है। पर्यटक नदी में फोटो खींचने के लिए उतर रहे हैं। यह नजारा से कुल्लू लेकर मनाली व पार्वती घाटी में नदी के किनारे रोजाना देखा जा सकता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कुल्लू मनाली में आने वाले पर्यटक अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। गौर रहे कि कुछ साल पहले ओट में तेलंगाना के इंजीनियरिंग के 24 छात्र व्यास नदी की धारा में बह गए थे। उसके बाद प्रशासन व सरकार ने भी माना कि नदी की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर देना चाहिए। लेकिन इस पर सही तरीके से कोई अमल नहीं हो पाया। जिसका नतीजा यह है कि अब भी पर्यटक नदी में उतरने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।


Conclusion:वहीं बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों का कहना है कि उन्हें व्यास नदी से डर तो लग रहा है लेकिन इसकी ठंडी धारा में उन्हें मज़ा भी बहुत आ रहा है। पर्यटकों का कहना है कि वे निचले इलाकों के तपती गर्मी से निजात पाने के लिए मनाली आए हैं तो ऐसे में व्यास की धारा उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
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