कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सैलानियों ने साडा बैरियर का विरोध किया है. दरअसल, कुल्लू में अब सैलानियों का आगमन शुरू हो गया है. वहीं, मनाली में बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स लिया जा रहा है. इसके अलावा मणिकर्ण घाटी के कसोल में भी अब साडा बैरियर को शुरू कर दिया गया है, लेकिन सड़क की खराब हालत को देखते हुए सैलानियों ने साडा बैरियर का विरोध किया है. सैलानियों का कहना है कि साडा बैरियर पर जो शुल्क लिया जाता है. उससे सैलानियों की सुविधा के लिए कई तरह के विकास कार्य को पूरा किया जाता है, लेकिन यहां पर सड़क की हालत ही बहुत खराब हैं तो ऐसे में जब तक सड़क की हालत नहीं सुधरती तब तक साडा बैरियर को बंद कर दिया जाना चाहिए.
दरअसल, पर्यटन विभाग के द्वारा कसोल के सूमा रोपा के पास साडा बैरियर स्थापित किया गया है. जहां पर दो पहिया वाहन से ₹50, कार से ₹100, SUV वाहन से ₹300, बस और ट्रक से ₹500 शुल्क लिया जाता है. वहीं, साडा शुल्क से एकत्रित हुए पैसों से सैलानियों की सुविधा के लिए शौचालय, पार्किंग सहित अन्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है. ऐसे में भुंतर से मणिकर्ण सड़क मार्ग की खराब हालत को देखते हुए सैलानी अब इस शुल्क का भी विरोध कर रहे हैं.
सैलानी हरमिंदर सिंह, दिनेश पॉल यादव, हरि सिंह चौधरी का कहना है कि वह मणिकर्ण घाटी घूमने आए, लेकिन यहां पर उनसे साडा बैरियर पर शुल्क लिया गया. शुल्क लेना अच्छी बात है, लेकिन सैलानियों की सुविधा के लिए सबसे पहले सड़के बेहतर होनी चाहिए और उसके बाद मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए. जब तक सरकार के द्वारा सड़क की मरम्मत नहीं की जाती तब तक इस प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए.
जिला कुल्लू पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा ने बताया कि सैलानी अब कुल्लू मनाली का रुख कर रहे हैं. सैलानियों को बेहतर सुविधा मिले इसका भी पर्यटन विभाग के द्वारा प्रयास किया जा रहा है. दशहरा उत्सव के दौरान भी पर्यटक काफी संख्या में कुल्लू जिला के विभिन्न पर्यटन स्थलों का रुख करेंगे और विभाग के द्वारा साडा और ग्रीन टैक्स के माध्यम से कई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी.
ये भी पढ़ें: MGNREGA Union Protest: कुल्लू सहित प्रदेश भर में मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन, पिछले 3 सालों से वित्तीय लाभ नहीं मिलने से नाराज