कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में तिब्बती समुदाय के लोगों ने 64वें राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के अवसर पर रैली का आयोजन किया. वहीं, ढालपुर के मैदान में चीन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. तिब्बती सहायता समूह के उप-सलाहकार पेमा नामग्याल ने कहा कि तिब्बती और उनके समर्थक निस्वार्थ बुजुर्ग पीढ़ी द्वारा शुरू किए गए बहादुर संघर्ष के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं और उन सभी को श्रद्धांजलि देते हैं.
चीन के खिलाफ नारेबाजी: वही, शुक्रवार को तिब्बत के सैंकड़ों लोगों ने 64वें राष्ट्रीय विद्रोह दिवस पर कुल्लू में चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया और तिब्बत के लोगों पर चीन के अत्याचारों का विरोध किया गया. इस दौरान लोगों ने तिब्बत की आजादी की भी मांग की. तिब्बती सेटलमेंट अधिकारी डूपतन छोपेन ने कहा कि इसी दिन साल 1959 में तिब्बतियों ने तिब्बत पर चीनी सरकार के कब्जे के खिलाफ शांति पूर्वक विरोध प्रदर्शन किया था.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिब्बत की आजादी की मांग रखी जाएगी: उसको लेकर कुल्लू जिला में रैली निकालकर तिब्बत की आजादी के लिए आवाज उठाई गई. उन्होंने कहा कि चीन ने तिब्बत में तिब्बती संस्कृति और मठों को नष्ट कर दिया. इसका तिब्बती समुदाय विरोध करता और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तिब्बती चीन की इस हरकत की खिलाफत कर रहा है. वहीं, आने वाले समय में इस अभियान को तेज किया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिब्बत की आजादी की मांग रखी जाएगी. बता दें कितिब्बती समुदाय काफी सालों से आजादी की मांग कर रहा है. आज भी कुल्लू में इस दौरान बड़ी संख्या में तिब्बती समुदाय के लोग मौजूद रहकर चीन के खिलाफ आवाज उठाते रहे.
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