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लाहौल घाटी के युवाओं को 'एग्रो टूरिज्म' से जोड़ेगी थॉट्स तोद हब एंड एग्रो सोसाइटी - agro tourism

लाहौल घाटी के युवाओं को आधुनिक खेती के साथ-साथ टूरिज्म के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. लाहौल घाटी की थॉट्स तोद एंड एग्रो सोसाइटी अब युवाओं को एग्रो टूरिज्म के माध्यम से रोजगार के विकल्प देगी. सोसाइटी के द्वारा लाहौल घाटी में अभी विदेशी सब्जियों की खेती भी की जा रही है और उसके परिणाम भी सोसाइटी को काफी अच्छे मिल रहे हैं. सोसाइटी के द्वारा 28 बीघा भूमि पर विदेशी सब्जियों की खेती की जा रही है.

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Published : Jul 21, 2021, 4:30 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 4:45 PM IST

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला की सूरत जहां अटल टनल बनने के बाद सुधर गई है. तो वहीं पर्यटन के क्षेत्र में भी यहां कई संभावनाएं बढ़ गई हैं. ऐसे में लाहौल घाटी के युवाओं को आधुनिक खेती के साथ-साथ टूरिज्म के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. लाहौल घाटी की थॉट्स संस्था ने अब यह बीड़ा उठाया है.

लाहौल घाटी की थॉट्स तोद एंड एग्रो सोसाइटी अब युवाओं को एग्रो टूरिज्म के माध्यम से रोजगार के विकल्प देगी. सोसाइटी के द्वारा लाहौल घाटी में अभी विदेशी सब्जियों की खेती भी की जा रही है और उसके परिणाम भी सोसाइटी को काफी अच्छे मिल रहे हैं. आगामी दिनों में पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए एग्रीकल्चर व टूरिज्म को आपस में कनेक्ट किया जाएगा. ताकि घाटी के युवा कृषि के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी स्वावलंबी हो सके.

सोसाइटी के द्वारा 28 बीघा भूमि पर विदेशी सब्जियों की खेती की जा रही है. लाहौल में पैदा होने वाली विदेशी सब्जियों की डिमांड भारत के विभिन्न राज्यों में है और इससे होने वाली आमदनी से लाहौल के लोगों की आर्थिक ही भी मजबूत हुई है. अब खेतों में ही हटस तैयार किए जा रहे हैं. सर्दियों में संस्था के द्वारा इन्हें स्प्रिंकलर की सहायता से इग्लू में भी बदला जाएगा. ताकि सर्दियों में लाहौल घाटी आने वाले पर्यटक को इग्लू में रहने का आनंद भी मिल सके.

थॉट्स तोद हब एंड एग्रो सोसायटी के अध्यक्ष टशी का कहना है कि एग्रो टूरिज्म लाहौल घाटी के युवाओं की आमदनी के लिए एक अच्छा स्रोत हो सकता है और सोसाइटी के द्वारा इस दिशा में बेहतर काम भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा सोसाइटी अब लाहौल घाटी में मिट्टी के मकान भी तैयार करेंगी. ताकि शहरी चकाचौंध से दूर आकर पर्यटक इन मिट्टी के मकानों में रहने का भी मजा ले सकें.

ये भी पढ़े:उपचुनाव में आसान नहीं बीजेपी की डगर, बागियों को मनाने में छूटे पसीने

लाहौल स्पीति: हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला की सूरत जहां अटल टनल बनने के बाद सुधर गई है. तो वहीं पर्यटन के क्षेत्र में भी यहां कई संभावनाएं बढ़ गई हैं. ऐसे में लाहौल घाटी के युवाओं को आधुनिक खेती के साथ-साथ टूरिज्म के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. लाहौल घाटी की थॉट्स संस्था ने अब यह बीड़ा उठाया है.

लाहौल घाटी की थॉट्स तोद एंड एग्रो सोसाइटी अब युवाओं को एग्रो टूरिज्म के माध्यम से रोजगार के विकल्प देगी. सोसाइटी के द्वारा लाहौल घाटी में अभी विदेशी सब्जियों की खेती भी की जा रही है और उसके परिणाम भी सोसाइटी को काफी अच्छे मिल रहे हैं. आगामी दिनों में पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए एग्रीकल्चर व टूरिज्म को आपस में कनेक्ट किया जाएगा. ताकि घाटी के युवा कृषि के साथ-साथ पर्यटन के क्षेत्र में भी स्वावलंबी हो सके.

सोसाइटी के द्वारा 28 बीघा भूमि पर विदेशी सब्जियों की खेती की जा रही है. लाहौल में पैदा होने वाली विदेशी सब्जियों की डिमांड भारत के विभिन्न राज्यों में है और इससे होने वाली आमदनी से लाहौल के लोगों की आर्थिक ही भी मजबूत हुई है. अब खेतों में ही हटस तैयार किए जा रहे हैं. सर्दियों में संस्था के द्वारा इन्हें स्प्रिंकलर की सहायता से इग्लू में भी बदला जाएगा. ताकि सर्दियों में लाहौल घाटी आने वाले पर्यटक को इग्लू में रहने का आनंद भी मिल सके.

थॉट्स तोद हब एंड एग्रो सोसायटी के अध्यक्ष टशी का कहना है कि एग्रो टूरिज्म लाहौल घाटी के युवाओं की आमदनी के लिए एक अच्छा स्रोत हो सकता है और सोसाइटी के द्वारा इस दिशा में बेहतर काम भी किए जा रहे हैं. इसके अलावा सोसाइटी अब लाहौल घाटी में मिट्टी के मकान भी तैयार करेंगी. ताकि शहरी चकाचौंध से दूर आकर पर्यटक इन मिट्टी के मकानों में रहने का भी मजा ले सकें.

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Last Updated : Jul 21, 2021, 4:45 PM IST
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