ETV Bharat / state

देवी-देवता स्वर्ग रवाना, 2 माह तक नहीं होंगे शुभ काम - कुल्लू न्यूज

कुल्लू के कई खंडों में शादी-विवाह व अन्य शुभ कामों पर विराम लग गया है. ऐसा कहा जाता है कि देवता आगामी माह तक देवराज इंद्र के दरबार में मंत्रणा करते हैं और अपने-अपने क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए शक्ति ग्रहण कर क्षेत्र के लोगों को वरदान और आशीर्वाद देंगे.

देवी-देवता प्रवास
देवी-देवता प्रवास
author img

By

Published : Dec 16, 2020, 10:42 AM IST

कुल्लू: देवालयों में आगामी 2 माह तक सन्नाटा पसरा रहेगा. यही नहीं शुभ कामों पर पाबंदी लग गई है. जिला के सैकड़ों देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर चले गए हैं.

ये देवी-देवता राजा इंद्र के दरबार में क्षेत्र की खुशहाली के लिए मंत्रणा करेंगे. प्रमुख देवता जहां करीब 2 माह बाद अपने क्षेत्र को लौटेंगे. वहीं, कुछ अन्य देवता एक माह बाद स्वर्ग से वापस लौट आएंगे.

लिहाजा इस दौरान जिला कुल्लू के कई खंडों में शादी-विवाह व अन्य शुभ कामों पर विराम लग गया है. ऐसा कहा जाता है कि देवता आगामी माह तक देवराज इंद्र के दरबार में मंत्रणा करते हैं और अपने-अपने क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए शक्ति ग्रहण कर क्षेत्र के लोगों को वरदान और आशीर्वाद देंगे.

गौरतलब है कि प्रतिवर्ष पौष मास के शुरू होते ही जिला कुल्लू के उपमंडलों के दर्जनों देवी-देवताओं को लाल वस्त्रों से ढक दिया जाता है, साथ में देवालयों के कपाट भी बंद हो जाते हैं. इस दौरान देवता के नाम पर कोई भी कार्यक्रम नहीं होते हैं.

कहीं पर मकर संक्रांति के दिन थोड़ी देर के लिए देव रथों से लाल कपड़ों को हटा दिया जाता है और कुछ देवालयों के कपाट फाल्गुन की संक्रांति को खोले जाते हैं. इस प्रकार की आस्था से ही ये परिणाम निकलता है कि आज भी हिमाचल प्रदेश के कई स्थान भारतीय संस्कृति को संजोए हुए हैं.

कुल्लू: देवालयों में आगामी 2 माह तक सन्नाटा पसरा रहेगा. यही नहीं शुभ कामों पर पाबंदी लग गई है. जिला के सैकड़ों देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर चले गए हैं.

ये देवी-देवता राजा इंद्र के दरबार में क्षेत्र की खुशहाली के लिए मंत्रणा करेंगे. प्रमुख देवता जहां करीब 2 माह बाद अपने क्षेत्र को लौटेंगे. वहीं, कुछ अन्य देवता एक माह बाद स्वर्ग से वापस लौट आएंगे.

लिहाजा इस दौरान जिला कुल्लू के कई खंडों में शादी-विवाह व अन्य शुभ कामों पर विराम लग गया है. ऐसा कहा जाता है कि देवता आगामी माह तक देवराज इंद्र के दरबार में मंत्रणा करते हैं और अपने-अपने क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए शक्ति ग्रहण कर क्षेत्र के लोगों को वरदान और आशीर्वाद देंगे.

गौरतलब है कि प्रतिवर्ष पौष मास के शुरू होते ही जिला कुल्लू के उपमंडलों के दर्जनों देवी-देवताओं को लाल वस्त्रों से ढक दिया जाता है, साथ में देवालयों के कपाट भी बंद हो जाते हैं. इस दौरान देवता के नाम पर कोई भी कार्यक्रम नहीं होते हैं.

कहीं पर मकर संक्रांति के दिन थोड़ी देर के लिए देव रथों से लाल कपड़ों को हटा दिया जाता है और कुछ देवालयों के कपाट फाल्गुन की संक्रांति को खोले जाते हैं. इस प्रकार की आस्था से ही ये परिणाम निकलता है कि आज भी हिमाचल प्रदेश के कई स्थान भारतीय संस्कृति को संजोए हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.