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Snowfall in Kullu: बर्फबारी से बागवानों के खिले चेहरे, सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग आवर्स पूरे होने की बढ़ी उम्मीद - snowfall in himachal pradesh

कुल्लू में बीते दिनों हुई बर्फबारी से बागवान बेहद खुश हैं. दरअसल बर्फबारी से पहले खेत में नमी न होने के कारण बागवान खेतों में गड्ढे बनाने व नए पौधे लगाने में असमर्थ थे. लेकिन अब बर्फबारी होने के बाद बागवानों ने काम शुरू कर दिया है वहीं, उन्हें उम्मीद है कि सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग आवर्स भी पूरे हो जाएंगे और उनकी फसल अच्छी होगी. (Chilling Hours for Apple Trees)

Chilling Hours for Apple Trees
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Published : Jan 17, 2023, 12:42 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में बीते दिनों हुई बर्फबारी व बारिश बागवानों के लिए उम्मीद बनकर आई है और अब बागवानों को भी बेहतर फसल होने की उम्मीद जग गई है. इसके अलावा सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग आवर्स पूरे होने की भी अब संभावना बन गई है. वहीं, बागवानी विभाग ने भी बागवानों से आग्रह किया है कि अगर उनके बगीचे में नमी है तो वे तौलिया बनाने का काम शुरू कर दें. (Chilling Hours for Apple Trees) (Snowfall in Kullu)

वहीं, जिन जगहों पर अभी नमी कम है वह कुछ दिन अभी तौलिया बनाने के लिए इंतजार कर सकते हैं. दिसंबर में बारिश न होने से घाटी में सेब के बगीचों के सभी कार्य रुके पड़े थे व बागवानों को सेब के लिए चिलिंग आवर्स पूरे न होने का खतरा सताने लगा था. जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी को सेब के साथ अन्य फसलों के लिए भी संजीवनी माना जा रहा है. बारिश व हिमपात सेब के अलावा अन्य फसलों के लिए भी काफी लाभप्रद है. सेब की अच्छी फसल के लिए तापमान दो से सात डिग्री के बीच में 1200 से 1800 घंटे तक होना चाहिए.

Chilling Hours for Apple Trees
कुल्लू में बर्फबारी से बागवान खुश

वहीं, बर्फबारी से पहले नमी न होने के कारण बागवान खेतों में गड्ढे बनाने व नए पौधे लगाने में असमर्थ थे. हालांकि कुछ बागवानों द्वारा नए पौधे लगाए भी हैं, लेकिन उन्हें भी सूखने का डर सता रहा था. अब बारिश और हिमपात होने के कारण बागवानों ने राहत की सांस ली है. उपनिदेशक उद्यान विभाग कुल्लू बीएम चौहान ने बताया कि जिला कुल्लू में ताजा बर्फबारी हुई है जो कि सेब के पौधों के लिए संजीवनी है. इससे चिलिंग आवर्स भी पूरे होने की उम्मीद बनी है. खासकर आजकल की बारिश और हिमपात का असर लंबे समय तक रहता है. इससे पौधों में बीमारियों का भी खात्मा होता है. वहीं, जिन बगीचों में नमी है वहां पर बागवान खाद डालने का काम शुरू कर सकते हैं. (Gardener happy with snowfall)

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 18 जनवरी से मौसम फिर करवट लेगा. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू होगा. इससे एक बार फिर ठंड का असर ज्यादा दिखाई देगा. बीती रात को लाहौल स्पीति सबसे ज्यादा ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -11 तक पहुंच गया. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई भागों में 18 से 22 जनवरी तक बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में यह बदलाव आने की संभावना है.

ये भी पढ़ें: Cold Wave Alert in North India: उत्तर भारत में ठंड का थर्ड डिग्री टॉर्चर, शिमला से ठंडा दिल्ली

कुल्लू: जिला कुल्लू में बीते दिनों हुई बर्फबारी व बारिश बागवानों के लिए उम्मीद बनकर आई है और अब बागवानों को भी बेहतर फसल होने की उम्मीद जग गई है. इसके अलावा सेब के पेड़ों के लिए चिलिंग आवर्स पूरे होने की भी अब संभावना बन गई है. वहीं, बागवानी विभाग ने भी बागवानों से आग्रह किया है कि अगर उनके बगीचे में नमी है तो वे तौलिया बनाने का काम शुरू कर दें. (Chilling Hours for Apple Trees) (Snowfall in Kullu)

वहीं, जिन जगहों पर अभी नमी कम है वह कुछ दिन अभी तौलिया बनाने के लिए इंतजार कर सकते हैं. दिसंबर में बारिश न होने से घाटी में सेब के बगीचों के सभी कार्य रुके पड़े थे व बागवानों को सेब के लिए चिलिंग आवर्स पूरे न होने का खतरा सताने लगा था. जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी को सेब के साथ अन्य फसलों के लिए भी संजीवनी माना जा रहा है. बारिश व हिमपात सेब के अलावा अन्य फसलों के लिए भी काफी लाभप्रद है. सेब की अच्छी फसल के लिए तापमान दो से सात डिग्री के बीच में 1200 से 1800 घंटे तक होना चाहिए.

Chilling Hours for Apple Trees
कुल्लू में बर्फबारी से बागवान खुश

वहीं, बर्फबारी से पहले नमी न होने के कारण बागवान खेतों में गड्ढे बनाने व नए पौधे लगाने में असमर्थ थे. हालांकि कुछ बागवानों द्वारा नए पौधे लगाए भी हैं, लेकिन उन्हें भी सूखने का डर सता रहा था. अब बारिश और हिमपात होने के कारण बागवानों ने राहत की सांस ली है. उपनिदेशक उद्यान विभाग कुल्लू बीएम चौहान ने बताया कि जिला कुल्लू में ताजा बर्फबारी हुई है जो कि सेब के पौधों के लिए संजीवनी है. इससे चिलिंग आवर्स भी पूरे होने की उम्मीद बनी है. खासकर आजकल की बारिश और हिमपात का असर लंबे समय तक रहता है. इससे पौधों में बीमारियों का भी खात्मा होता है. वहीं, जिन बगीचों में नमी है वहां पर बागवान खाद डालने का काम शुरू कर सकते हैं. (Gardener happy with snowfall)

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 18 जनवरी से मौसम फिर करवट लेगा. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू होगा. इससे एक बार फिर ठंड का असर ज्यादा दिखाई देगा. बीती रात को लाहौल स्पीति सबसे ज्यादा ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -11 तक पहुंच गया. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई भागों में 18 से 22 जनवरी तक बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में यह बदलाव आने की संभावना है.

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