मनाली: जिला भर में सायर उत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है. स्थानीय लोग इस त्योहार का बेसब्री से इतंजार करते हैं और इस दिन लोग घरों में तरह-तरह के पारम्परकि पकवान बनाते हैं और रात के समय अपने इष्टदेव की पूजा अर्चना कर व्यंजनों को प्रसाद के रूप में मेहमानों को बांटते हैं.
जिला कुल्लू में सायर उत्सव को स्थानीया भाषा में 'शौयरी साजा' के नाम से भी जाना जाता है. घाटी में सदियों से चली आ रही प्राचीन परम्परा को आज भी बखूबी निभाया जा रहा है. पौराणिक मान्यता है इस दिन हिन्दू महीनों के अनुसार भाद्रपक्ष समाप्त होने के साथ ही अश्विन महीना आरम्भ हो जाता है.
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बता दें कि इस त्योहार के दिन नई फसलों की पूजा अर्चना भी की जाती है और मान्यता है कि इस दिन से घाटी में सर्दियां शुरू होती हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि घाटी में यह त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है. इस दिन घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं और घर के छोटे सदस्य अपने से बड़ों को ध्रुव देकर उनका आशीर्वाद लेते हैं.