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धावक कायरेन डिसूजा का नया रिकॉर्ड, 19 घंटे में 13 हजार फीट ऊंचे मनाली के दो दर्रे किए पार

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Published : Sep 7, 2020, 9:51 AM IST

नागपुर के धावक कायरेन डिसूजा ने मनाली के 13 हजार फीट ऊंचे हामटा व रोहतांग दर्रा को 19 घण्टे में पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है. डिसूजा ने मात्र 19 घंटों में 126 किमी लंबे रूट को पूरा कर लिया. स्थानीय लोग कम से कम चार दिन में इस ट्रैक को पूरा करते हैं.

Kieren D'Souza new record
कायरेन डिसूजा नया रिकॉर्ड

मनाली: नागपुर के धावक कायरेन डिसूजा ने मनाली के 13 हजार फीट ऊंचे हामटा व रोहतांग दर्रा को 19 घंटे में पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है. डिसूजा ने रात 12 बजे मनाली से दौड़ने का अभियान शुरू किया, सुबह होने तक डिसूजा 13 हजार फीट ऊंचे हामटा जोत के पार जा पहुंचे.

पूरा दिन हामटा से छतड्डू और छतड्डू से दौड़ते हुए रोहतांग पार कर रविवार शाम सात बजे मनाली में दस्तक दी. मनाली पहुंचने पर एसडीएम रमन घरसंगी ने डिसूजा का स्वागत किया. डिसूजा की मदद करने को उनकी पूरी टीम शामिल रही, जबकि डिसूजा की इस दौड़ को अटल बिहारी बाजपेयी पर्वतारोहण खेल संस्थान मनाली की देखरेख में पूरा किया गया.

स्थानीय लोग कम से कम चार दिन में इस ट्रैक को पूरा करते हैं, लेकिन डिसूजा ने मात्र 19 घंटों में 126 किमी लंबे रूट को पूरा कर लिया. इस अभियान को सफल बनाने से पहले डिसूजा इस पर्वत को पहले भी पार कर अनुभव ले चुके हैं. एक साथ दो दर्रे पार करना अपने आप में हैरान करने वाला है.

हामटा व रोहतांग दर्रा 13 हजार फीट से भी ऊंचे हैं. ट्रिपल ट्रबल रन नामक यह इवेंट फॉर प्ले मीडिया मनाली की ओर से आयोजित किया गया था, जिसमें मनाली प्रशासन सहित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान ने भी अपना सहयोग दिया.

टीम के सदस्य प्रशांत भट्ट, आदित्य बिक्रम पांडे, मोहित शर्मा, उत्कर्ष मित्तल, अभिलाष महाजन, राहुल रावत, क्षितिज गुप्ता व शुक्ला गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की मौजूदगी में आधी रात 12 बजे डिसूजा ने मनाली से दौड़ना शुरू किया और अलेउ, प्रीणी, सेथन होते हुए डिसूजा हामटा जोत जा पहुंचा.

डिसूजा ने बिना रुके हामटा पार कर लाहौल की ओर छतड्डू में दस्तक दी. छतड्डू से सड़क मार्ग होते हुए डिसूजा ग्राम्फु पहुंचा, जहां से रोहतांग दर्रे को पार कर शाम सात बजे मनाली बाजार पहुंच गया. इससे पहले भी डिसूजा ने जून महीने में 16 हजार फीट ऊंचे फ्रेंडशिप पीक को 12 घंटों में चढ़ने में सफलता पाई है.

इंडियन नेशनल टीम अल्ट्रा एंड ट्रेल रनिंग में भाग लिया. वर्ल्ड ट्रैवल सीरीज चैंपियनशिप और 24 घंटे रनिंग चैंपियनशिप में भाग लिया. ग्रीस में 246 किमी हिस्टोरिकल रेस में क्वालीफाई करने वाले एकमात्र भारतीय हैं. फ्रांस में आयोजित यूटीएमबी सीसीसी एज कैटेगिरी में दूसरा स्थान पाया. फ्रांस में आयोजित एगेर अल्ट्रा में सातवां स्थान और चीन में एडिंग स्काई अल्ट्रा में आठवां स्थान मिला.

कायरेन डिसूजा का कहना है कि देश के युवाओं को दौड़ के प्रति प्रेरित करना इन अभियानों के मुख्य उद्देश्य है. साथ ही ट्रैकिंग की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. आज युवा वर्ग अपने लक्ष्य से भटक रहा है, लेकिन दौड़ के प्रति जागरूक होने पर खेलों में देश का नाम रोशन करने के साथ साथ बुरी संगतों से भी बच सकता है.

धावक कायरेन डिसूजा ने देश में लांग डिस्टेंसस रनिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म को प्रोत्साहन देने, नई संभावनाएं खोजने और हिमालय एवं प्रकृति को साफ व स्वच्छ रखने का संदेश दिया.

बता दें कि रनिंग मैन कायरेन डिसूजा ने मनाली, हामटा, छतड्डू, रोहतांग, मनाली 126 किलोमीटर की दूरी 19 घंटों में पूरा की. उन्होंने 13 हजार फीट से ऊंचे हामटा व रोहतांग दर्रे को भी पार किया है. एक जबरदस्त और प्रशंसनीय उपलब्धि है. डिसूजा की इस उपलव्धि पर मनाली गर्व कर रही है.

मनाली के शिवा केशवन व जया सागर ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. अब डिसूजा ने भी मनाली का नाम रोशन किया है. एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने रिकॉर्ड बनाने पर धावक डिसूजा को बधाई दी है.

ये भी पढ़ें: अर्जुन अवार्ड से सम्मानित शिवा केशवन का मनाली पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

मनाली: नागपुर के धावक कायरेन डिसूजा ने मनाली के 13 हजार फीट ऊंचे हामटा व रोहतांग दर्रा को 19 घंटे में पार कर नया रिकॉर्ड बनाया है. डिसूजा ने रात 12 बजे मनाली से दौड़ने का अभियान शुरू किया, सुबह होने तक डिसूजा 13 हजार फीट ऊंचे हामटा जोत के पार जा पहुंचे.

पूरा दिन हामटा से छतड्डू और छतड्डू से दौड़ते हुए रोहतांग पार कर रविवार शाम सात बजे मनाली में दस्तक दी. मनाली पहुंचने पर एसडीएम रमन घरसंगी ने डिसूजा का स्वागत किया. डिसूजा की मदद करने को उनकी पूरी टीम शामिल रही, जबकि डिसूजा की इस दौड़ को अटल बिहारी बाजपेयी पर्वतारोहण खेल संस्थान मनाली की देखरेख में पूरा किया गया.

स्थानीय लोग कम से कम चार दिन में इस ट्रैक को पूरा करते हैं, लेकिन डिसूजा ने मात्र 19 घंटों में 126 किमी लंबे रूट को पूरा कर लिया. इस अभियान को सफल बनाने से पहले डिसूजा इस पर्वत को पहले भी पार कर अनुभव ले चुके हैं. एक साथ दो दर्रे पार करना अपने आप में हैरान करने वाला है.

हामटा व रोहतांग दर्रा 13 हजार फीट से भी ऊंचे हैं. ट्रिपल ट्रबल रन नामक यह इवेंट फॉर प्ले मीडिया मनाली की ओर से आयोजित किया गया था, जिसमें मनाली प्रशासन सहित अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान ने भी अपना सहयोग दिया.

टीम के सदस्य प्रशांत भट्ट, आदित्य बिक्रम पांडे, मोहित शर्मा, उत्कर्ष मित्तल, अभिलाष महाजन, राहुल रावत, क्षितिज गुप्ता व शुक्ला गुप्ता ने बताया कि प्रशासन की मौजूदगी में आधी रात 12 बजे डिसूजा ने मनाली से दौड़ना शुरू किया और अलेउ, प्रीणी, सेथन होते हुए डिसूजा हामटा जोत जा पहुंचा.

डिसूजा ने बिना रुके हामटा पार कर लाहौल की ओर छतड्डू में दस्तक दी. छतड्डू से सड़क मार्ग होते हुए डिसूजा ग्राम्फु पहुंचा, जहां से रोहतांग दर्रे को पार कर शाम सात बजे मनाली बाजार पहुंच गया. इससे पहले भी डिसूजा ने जून महीने में 16 हजार फीट ऊंचे फ्रेंडशिप पीक को 12 घंटों में चढ़ने में सफलता पाई है.

इंडियन नेशनल टीम अल्ट्रा एंड ट्रेल रनिंग में भाग लिया. वर्ल्ड ट्रैवल सीरीज चैंपियनशिप और 24 घंटे रनिंग चैंपियनशिप में भाग लिया. ग्रीस में 246 किमी हिस्टोरिकल रेस में क्वालीफाई करने वाले एकमात्र भारतीय हैं. फ्रांस में आयोजित यूटीएमबी सीसीसी एज कैटेगिरी में दूसरा स्थान पाया. फ्रांस में आयोजित एगेर अल्ट्रा में सातवां स्थान और चीन में एडिंग स्काई अल्ट्रा में आठवां स्थान मिला.

कायरेन डिसूजा का कहना है कि देश के युवाओं को दौड़ के प्रति प्रेरित करना इन अभियानों के मुख्य उद्देश्य है. साथ ही ट्रैकिंग की ओर भी लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. आज युवा वर्ग अपने लक्ष्य से भटक रहा है, लेकिन दौड़ के प्रति जागरूक होने पर खेलों में देश का नाम रोशन करने के साथ साथ बुरी संगतों से भी बच सकता है.

धावक कायरेन डिसूजा ने देश में लांग डिस्टेंसस रनिंग, एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म को प्रोत्साहन देने, नई संभावनाएं खोजने और हिमालय एवं प्रकृति को साफ व स्वच्छ रखने का संदेश दिया.

बता दें कि रनिंग मैन कायरेन डिसूजा ने मनाली, हामटा, छतड्डू, रोहतांग, मनाली 126 किलोमीटर की दूरी 19 घंटों में पूरा की. उन्होंने 13 हजार फीट से ऊंचे हामटा व रोहतांग दर्रे को भी पार किया है. एक जबरदस्त और प्रशंसनीय उपलब्धि है. डिसूजा की इस उपलव्धि पर मनाली गर्व कर रही है.

मनाली के शिवा केशवन व जया सागर ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है. अब डिसूजा ने भी मनाली का नाम रोशन किया है. एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने रिकॉर्ड बनाने पर धावक डिसूजा को बधाई दी है.

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