कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा ब्यास बेसिन में चल रहे स्टोन क्रशर को लेकर जो कमेटी गठित की गई थी, अब उसकी अंतिम रिपोर्ट सरकार को पेश की गई है. इस रिपोर्ट में प्रदेश में 68 क्रशर अवैध रूप से पाए गए. अब इन क्रशर को लेकर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एक बार फिर से निशाना साधा है.
अवैध खनन पर क्या बोले पीडब्ल्यूडी मंत्री? विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक में कहा है कि उनके द्वारा जो बयान जारी किया गया है. उससे कुछ लोगों को आपत्ति हो सकती है, लेकिन प्रदेश के हित के लिए वह अवैध कामों का लगातार विरोध करते रहेंगे. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में जुलाई और अगस्त माह में जो प्राकृतिक आपदा आई, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है और हजारों करोड़ों रुपयों का भी नुकसान हुआ हुआ. ऐसे में उन्होंने ब्यास व अन्य नदियों में हो रहे अवैध खनन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था.
स्टोन क्रशर पर कमेटी की रिपोर्ट: वहीं, प्रदेश सरकार ने भी इस भारी नुकसान को देखते हुए इसकी पुष्टि के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था. अब कमेटी के द्वारा भी अपनी रिपोर्ट दी गई है. जिसमें प्रदेश में 131 स्टोन क्रशर में से 68 स्टोन क्रशर के संचालन पर जरूरी अनुमति नहीं पाई गई है. अब प्रदेश सरकार द्वारा इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जल्द ही प्रदेश में स्टोन क्रशर को बहाल किया जाएगा, क्योंकि विकास के लिए इनका बहाल होना भी जरूरी है, लेकिन जो स्टोन क्रशर बिना अनुमति के चल रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
अवैध खनन को लेकर सुक्खू सरकार के मंत्रियों में तकरार: गौरतलब की जिला कुल्लू में ब्यास नदी में हो रहे अवैध खनन का मामला पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सबसे पहले उठाया था. विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि इस बार आई आपदा का मुख्य कारण नदियों में हो रहा अवैध खनन है. जिस पर उन्हीं की सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा था कि यह बचकाना बयान है. प्रदेश में अवैध खनन नहीं हो रहा है. इस बार बारिश पहले के मुकाबले अधिक हुई है, जिसके कारण ऐसी आपदा आई है. वहीं, दोनों कैबिनेट मंत्रियों के इस बयान ने हिमाचल की सियासत में हलचल मचा दी थी.
अवैध खनन से हिमाचल आपदा की पुष्टि! पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने उस दौरान अवैध खनन के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने भी रखा था. जिसके बाद सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया. अब कमेटी ने बीते रोज अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है. जिसमें ये पुष्टि होती है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर हो रहा अवैध खनन हिमाचल में तबाही का एक कारण रहा है. वहीं विक्रमादित्य सिंह द्वारा अवैध खनन पर की गई टिप्पणी भी सच साबित होती है, क्योंकि प्रदेश में 131 स्टोन क्रशर में से 68 स्टोन क्रशर अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं.