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कुल्लू में विश्व ऑटिज्म दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, दी गई अहम जानकारी - kullu latest news

कुल्लू में विश्व ऑटिज्म दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर विशेष रूप से नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी छोटे बच्चों में ऑटिज्म बीमारी के चलते होने वाले विकारों के बारे में अभिभावकों को अवगत करवाया गया.

World Autism Awareness Day celebrated in Kullu
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Published : Apr 2, 2021, 3:24 PM IST

कुल्लूः वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे पर कुल्लू में विशेष बच्चों के लिए कार्य कर रही हैंडी मांचल संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. इस मौके पर विशेष रूप से नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया.

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी जानकारी

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी छोटे बच्चों में ऑटिज्म बीमारी के चलते होने वाले विकारों के बारे में अभिभावकों को अवगत करवाया गया. साथ ही यह जानकारी दी गई कि समय पर विभिन्न प्रकार की थेरेपी के माध्यम से बच्चों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. प्रदर्शनी में बच्चों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी सजाया गया.

वीडियो

अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में दी जानकारी

हिमाचल संस्था की स्पीच थैरेपिस्ट हमशी ने बताया कि इस दिन हर साल संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस बार सार्वजनिक रूप से ढालपुर मैदान में भी अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी गई.

उन्होंने कहा कि ऑटिज्म से ग्रसित बच्चा समाज से बिल्कुल अलग हो जाता है और वह अपनी उम्र के बराबर बच्चों के साथ ना तो सही तरीके से खेल पाता है और ना ही बोल पाता है. ऐसे में इन बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए स्पीच और फिजियो थैरेपी के अलावा स्पेशल एजुकेशन की भी जरूरत होती है. बच्चे थोड़े समय के बाद सामान्य व्यवहार करना शुरू कर देते हैं.

गौर रहे कि ऑटिज्म मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक विकार है. जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और संपर्क को प्रभावित करता है. इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है.

ये भी पढ़ेंः- कोरोना इफेक्ट: हिमाचल में अप्रैल में नहीं होंगी ग्राम सभाएं

कुल्लूः वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे पर कुल्लू में विशेष बच्चों के लिए कार्य कर रही हैंडी मांचल संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी गई. इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई. इस मौके पर विशेष रूप से नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया.

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दी जानकारी

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी छोटे बच्चों में ऑटिज्म बीमारी के चलते होने वाले विकारों के बारे में अभिभावकों को अवगत करवाया गया. साथ ही यह जानकारी दी गई कि समय पर विभिन्न प्रकार की थेरेपी के माध्यम से बच्चों को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. प्रदर्शनी में बच्चों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी सजाया गया.

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अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में दी जानकारी

हिमाचल संस्था की स्पीच थैरेपिस्ट हमशी ने बताया कि इस दिन हर साल संस्था की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस बार सार्वजनिक रूप से ढालपुर मैदान में भी अभिभावकों को ऑटिज्म के बारे में जानकारी दी गई.

उन्होंने कहा कि ऑटिज्म से ग्रसित बच्चा समाज से बिल्कुल अलग हो जाता है और वह अपनी उम्र के बराबर बच्चों के साथ ना तो सही तरीके से खेल पाता है और ना ही बोल पाता है. ऐसे में इन बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए स्पीच और फिजियो थैरेपी के अलावा स्पेशल एजुकेशन की भी जरूरत होती है. बच्चे थोड़े समय के बाद सामान्य व्यवहार करना शुरू कर देते हैं.

गौर रहे कि ऑटिज्म मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक विकार है. जो व्यक्ति के सामाजिक व्यवहार और संपर्क को प्रभावित करता है. इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहराव युक्त व्यवहार करता है.

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