कुल्लू: जिले के उपमंडल बंजार में हुए भीषण सड़क हादसे को आज 21 दिन बीत जाने के बाद भी बंजार घाटी में स्थिति वही बनी हुई है. प्रशासन की ओर से दुर्घटना वाली जगह पर क्रैश बैरियर लगाने के लिए दो डंडे तो खड़े किए गए हैं, लेकिन क्रैश बैरियर आज भी नहीं लग पाया है.
समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश सरकार लोगों की सुरक्षा का इतना ध्यान रखती है. उन्होंने जांच रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग रखी है. संजय शर्मा ने कहा कि बंजार हादसे में कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है और सरकार उनके प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है. अगर सरकार संवेदनशील होती तो जांच रिपोर्ट को अभी तक जनता के समक्ष पेश किया जाना चाहिए था ताकि जनता को भी हादसे की असली वजह का पता चल सके.
संजय शर्मा ने कहा कि कहीं जांच रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से ऐसा तो नहीं लगता कि सरकार दोषियों को बचाने में जुटी हुई है. अगर सरकार सचमुच जनता के साथ है तो उन्हें प्रदेश में हुए सभी बड़े बस हादसे की जांच को भी सार्वजनिक करना चाहिए ताकि उनके परिजनों को हादसे की असली वजह पता चल सके. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही सरकार नूरपुर, शिमला व बंजार हादसे की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करती है तो मजबूरन बंजार में युवाओं को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा. इस घटना के बाद बंजार घाटी में युवा काफी रोष में है और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है.
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संजय शर्मा ने कहा कि सरकार ने इस दुर्घटना में दो बच्चों को गोद लेने की बात कही थी, लेकिन उस दिशा में भी अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना में एक बच्ची जो अनाथ हो गई थी उसे वे गोद ले रहे हैं. उसकी पूरी पढ़ाई-लिखाई व उसके सारे खर्च को वे खुद वहन करेंगे ताकि मासूम बेटी को किसी भी तरह की परेशानी न झेलनी पड़े.
वहीं, बंजार के स्थानीय युवा चमन का कहना है कि सरकार ने सुरक्षा के नाम पर अभी भी बंजार घाटी की सड़कों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. बंजार घाटी की ग्रामीण सड़कों पर रोजाना खतरों पर खेलकर लोग गुजरते हैं. बस हादसे से सबक लेते हुए सरकार को जल्द से जल्द ब्लैक स्पॉट को ठीक करना चाहिए. उनका कहना है कि खोली लिए निगम की बस भेजने की बात स्थानीय विधायक द्वारा कही गई थी, लेकिन वो अभी तक शुरू नहीं हो पाई है और ओवरलोड के मामले में सामने आने लगे हैं.
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