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फल उत्पादक मंडल की सरकार से अपील, किसानों के लिए मजदूरों की व्यवस्था करने की मांग

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Published : May 15, 2020, 8:19 PM IST

कोरोना वायरस के चलते कुल्लू में किसानों व बागवानों को अपने उत्पादों के लिए मंडियों की व्यवस्था ना होने के चलते चिंता होने लगी है, जिसके चलते कुल्लू फल उत्पादक मंडल के पदाधिकारियों ने सरकार के समक्ष अपनी कुछ मांगें रखी है. कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों व बागवानों के लिए घाटी में मजदूरों की व्यवस्था करे.

press conference
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा.

कुल्लू: जिला कुल्लू में भी अब फलों का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना वायरस की लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर अब जिला कुल्लू के किसान बागबान भी चिंतित हो गए हैं. किसानों बागवानों को अब अपने उत्पादों के लिए मंडियों की व्यवस्था ना होने के चलते चिंता होने लगी है, जिसके चलते कुल्लू फल उत्पादक मंडल के पदाधिकारियों ने भी सरकार के समक्ष अपनी कुछ मांगें रखी हैं.

कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने पत्रकार वार्ता को आयोजित करते हुए कहा कि जिला कुल्लू का फल सीजन अधिकतर लदानी, व्यापारी व मजदूरों के सहारे ही चलता है. कोरोना वायरस के चलते सभी लोग अपने-अपने घरों में चले गए हैं और कुल्लू में इस समय मजदूरों की भी कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण किसान व बागवान चिंता में डूब गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही मजदूरों व फलों के लिए मंडियों की व्यवस्था नहीं की गई तो उन्हें इस साल लाखों का नुकसान उठाना होगा.

वीडियो.

प्रेम शर्मा का कहना है कि हर साल फल सीजन शुरू होते ही बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में मजदूर कुल्लू घाटी पहुंचते थे और बागवानी का काम पूरा होता था, लेकिन अब की बार कोरोना के चलते कोई भी मजदूर, लदानी व व्यापारी कुल्लू नहीं पहुंच पा रहा है. इसके लिए अब प्रदेश सरकार को व्यापक कदम उठाने चाहिए, जिससे किसानों व बागवानों की फसल को उचित दाम मिल सके.

वहीं, अध्यक्ष व बागवान प्रेम शर्मा का कहना है कि अगर कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं रुकता है तो सरकार कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद केंद्रीय सरकार की तर्ज पर किसानों व बागवानी को राहत देती है या नहीं. इस बारे में भी अभी ही सरकार को निर्णय लेना चाहिए, जिससे आगामी दिनों में बागवानों को किसी प्रकार की दिक्कतों से जूझना पड़े.

कोरोना के चलते जिला हुआ सुनसान:

बता दें कि जिला कुल्लू में कुछ ही दिनों में अब फलों का सीजन भी शुरू होने वाला है, लेकिन मंडियों में बाहरी राज्यों से व्यापारी ना आने से जिला वीराना छाया हुआ है. कुल्लू में अधिकतर बाहरी राज्यों से ही व्यापारी दस्तक देते हैं. वहीं, अपने स्तर पर फलों की खरीद कर उन्हें बाहरी मंडियों में ले जाने का इंतजाम भी करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते अब की बार बाहरी राज्यों से व्यापारियों का आना बिल्कुल बंद है.

कुल्लू: जिला कुल्लू में भी अब फलों का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना वायरस की लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर अब जिला कुल्लू के किसान बागबान भी चिंतित हो गए हैं. किसानों बागवानों को अब अपने उत्पादों के लिए मंडियों की व्यवस्था ना होने के चलते चिंता होने लगी है, जिसके चलते कुल्लू फल उत्पादक मंडल के पदाधिकारियों ने भी सरकार के समक्ष अपनी कुछ मांगें रखी हैं.

कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा ने पत्रकार वार्ता को आयोजित करते हुए कहा कि जिला कुल्लू का फल सीजन अधिकतर लदानी, व्यापारी व मजदूरों के सहारे ही चलता है. कोरोना वायरस के चलते सभी लोग अपने-अपने घरों में चले गए हैं और कुल्लू में इस समय मजदूरों की भी कोई व्यवस्था नहीं है, जिस कारण किसान व बागवान चिंता में डूब गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही मजदूरों व फलों के लिए मंडियों की व्यवस्था नहीं की गई तो उन्हें इस साल लाखों का नुकसान उठाना होगा.

वीडियो.

प्रेम शर्मा का कहना है कि हर साल फल सीजन शुरू होते ही बाहरी राज्यों से हजारों की संख्या में मजदूर कुल्लू घाटी पहुंचते थे और बागवानी का काम पूरा होता था, लेकिन अब की बार कोरोना के चलते कोई भी मजदूर, लदानी व व्यापारी कुल्लू नहीं पहुंच पा रहा है. इसके लिए अब प्रदेश सरकार को व्यापक कदम उठाने चाहिए, जिससे किसानों व बागवानों की फसल को उचित दाम मिल सके.

वहीं, अध्यक्ष व बागवान प्रेम शर्मा का कहना है कि अगर कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं रुकता है तो सरकार कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद केंद्रीय सरकार की तर्ज पर किसानों व बागवानी को राहत देती है या नहीं. इस बारे में भी अभी ही सरकार को निर्णय लेना चाहिए, जिससे आगामी दिनों में बागवानों को किसी प्रकार की दिक्कतों से जूझना पड़े.

कोरोना के चलते जिला हुआ सुनसान:

बता दें कि जिला कुल्लू में कुछ ही दिनों में अब फलों का सीजन भी शुरू होने वाला है, लेकिन मंडियों में बाहरी राज्यों से व्यापारी ना आने से जिला वीराना छाया हुआ है. कुल्लू में अधिकतर बाहरी राज्यों से ही व्यापारी दस्तक देते हैं. वहीं, अपने स्तर पर फलों की खरीद कर उन्हें बाहरी मंडियों में ले जाने का इंतजाम भी करते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते अब की बार बाहरी राज्यों से व्यापारियों का आना बिल्कुल बंद है.

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