कुल्लू: विधानसभा चुनावों में इस बार कुल्लू विधानसभा सीट भी हॉट सीट मानी जा रही है. यहां पर कांग्रेस ने वर्तमान विधायक सुंदर ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं, भाजपा ने शिक्षक नरोत्तम ठाकुर को मुकाबले में उतारा है. हालांकि, इससे पहले भाजपा ने वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह का टिकट काट दिया था. बीजेपी प्रत्याशी सेवानिवृत्त शिक्षक नरोत्तम ठाकुर (Narottam Thakur) संघ से जुड़े व्यक्ति है. तो वहीं, टिकट न मिलने से नाराज भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह आजाद प्रत्याशी के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार में डट गए हैं. ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश के सभी नेताओं की नजरें कुल्लू विधानसभा सीट पर टिक गई हैं. (himachal assembly election 2022)
कुल्लू विधानसभा सीट से आजाद प्रत्याशी राम सिंह के बात करें, तो वह बीते कई सालों से भाजपा संगठन से जुड़े हुए हैं. वह भाजपा के विभिन्न पदों पर भी रह चुके हैं. साल 2012 में भाजपा चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन उस दौर हिलोपा के प्रत्याशी महेश्वर सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी सुंदर ठाकुर तीसरे स्थान पर रहे थे. साल 2017 के चुनावों में भाजपा ने महेश्वर सिंह को टिकट दिया लेकिन साल 2022 के चुनावों में राम सिंह ने आखिर बगावत कर दी और वे अब निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर गए हैं. (Congress candidate Sunder Thakur)
राम सिंह लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में बैठक भी कर रहे हैं और अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. राम सिंह का कहना है कि कुल्लू विधानसभा क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है लेकिन इन प्राकृतिक सौंदर्य तक पहुंचने के लिए वर्तमान विधायक सड़कों की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं. ऐसे में वे कुल्लू विधानसभा के हर ग्रामीण क्षेत्र में सड़क पहुंचाने का मुद्दा जनता के बीच रख रहे हैं. इसके अलावा कर्मचारियों की पुरानी पेंशन का मुद्दा भी वे प्रदेश सरकार के समक्ष रखेंगे और अगर वे चुनावों में जीत हासिल करते हैं, तो वह भी पेंशन नहीं लेंगे और उसे समाजसेवा के कार्यो में खर्च करेंगे.
भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर भी प्रचार में जुटे: कुल्लू विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी नरोत्तम ठाकुर की अगर बात करें तो वह गांव-गांव में जाकर भाजपा की नीतियों का प्रचार कर रहे हैं. उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता में महेश्वर सिंह का साथ मिला है. जिससे उनकी ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़ मजबूत हुई है. वहीं, अपनी बैठकों के दौरान भी वे महेश्वर सिंह के साथ को भुनाना नहीं छोड रहे हैं. नरोत्तम ठाकुर का कहना है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह एक अनुभवी नेता है और उनके अनुभव के आधार पर वे जनता की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे. ऐसे में कुल्लू की जनता को भाजपा के बड़े नेताओं का साथ मिलेगा, जिससे यहां की समस्याओं को सुलझाने में काफी आसानी होगी.
कुल्लू विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी सुंदर ठाकुर वर्तमान में विधायक हैं. इस विधानसभा चुनावों में फिर भी अपनी किस्मत को आजमाने के लिए उतरे हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों मे वे कुल्लू विधानसभा क्षेत्र के साथ भाजपा सरकार के द्वारा किए गए भेदभाव का मुद्दा प्रमुखता से रख रहे हैं. कुल्लू के विधायक एवं प्रत्याशी सुंदर ठाकुर का कहना है कि भाजपा सरकार भूतनाथ पुल की मरम्मत आज तक पूरी नहीं कर पाई. इसके अलावा भुंतर में वैली ब्रिज का मुद्दा भी सरकार से पूरा नहीं हो पाया. इसके अलावा भी कुल्लू अस्पताल में डॉक्टरों की कमी लोगों को लिए बड़े परेशानी का सबब बनी और कांग्रेस के द्वारा इसके लिए कई बार आंदोलन भी किए गए. ऐसे में इन सभी मुद्दों को लेकर में जनता के बीच जा रहे हैं, ताकि इन सभी समस्याओं का समाधान जल्द किया जा सके.
2012 का गणित: इससे पहले साल 2012 के विधानसभा चुनावों में हिलोपा के उम्मीदवार महेश्वर सिंह को 18582 वोट मिले थे और उनकी जीत हुई थी, जबकि भाजपा की ओर से उम्मीदवार राम सिंह को 15597 वोट हासिल हुए तथा कांग्रेस के उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर को 14830 वोट हासिल हुए थे. वहीं, आजाद उम्मीदवार प्रेमलता ठाकुर को 7256 वोट हासिल हुए थे. साल 2017 के चुनावों में कुल्लू निर्वाचन क्षेत्र में 75.79 प्रतिशत मतदान हुआ था. उस समय निर्वाचन क्षेत्र में कुल 81,653 मतदाता थे, जिनमें 41766 पुरुष और 39887 महिलाएं शामिल रहीं.
2017 का गणित: कुल्लू विधानसभा के 2017 के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर को 31423 वोट मिले थे और वो कुल्लू से विधायक चुने गए हैं. तो वहीं भाजपा की ओर से महेश्वर सिंह को 29885 वोट मिले थे. इस दौरान दो आजाद उम्मीदवारों में से रेणुका डोगरा को 469 और कमल कांत शर्मा को 243 वोट मिले थे. वहीं, 2017 के चुनाव में 407 वोट नोटा को भी हासिल हुए थे.
कुल्लू सीट पर मतदाता: इस समय यहां पर 1 लाख 41 हजार 965 की जनसंख्या निर्वाचन आयोग के पास दर्ज है. ऐसे में अब की बार यहां पर 45 हजार 112 पुरुष मतदाता और 43 हजार 840 महिला मतदाता अपने वोट का प्रयोग करेंगे. इसके अलावा अबकी बार एक ट्रांसजेंडर वोट भी निर्वाचन आयोग के पास दर्ज हुआ है. ऐसे में 88 हजार 957 मतदाता कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की किस्मत को तय करेंगे.
क्षेत्र के प्रमुख समस्याएं: गौर रहे कि कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें आज भी लोगों के लिए समस्याएं बनी हुई हैं. हालांकि, कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे प्राकृतिक स्थल है, जो पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सकते हैं लेकिन वर्तमान में एक भी पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके अलावा भूतनाथ पुल की मरम्मत व भुंतर बेली ब्रिज का मुद्दा भी कई बार आंदोलन का कारण बना है. वहीं बिजली महादेव का रोप वे भी तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी नहीं बन पाया है. कुल्लू अस्पताल में आए दिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी रहती है और जिसके लिए कांग्रेस कई बार सड़कों पर उतर चुकी है. ऐसे में यह मुद्दे अब की बार विधानसभा चुनावों में प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं.
प्रत्याशियों की पत्नियां भी चुनाव प्रचार में जुटीं: कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में नेताओं के साथ कार्यकर्ता जहां चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. तो वही नेताओं की पत्नियां भी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं. आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे राम सिंह की धर्मपत्नी पुष्पा नेगी भी महिलाओं के साथ टोली बनाकर समर्थन की मांग कर रही हैं. तो वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी सुंदर ठाकुर की पत्नी इंदिरा ठाकुर भी महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार कार्य में जुट गई हैं. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी सुंदर ठाकुर के दोनों बेटे भी युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी मैदान में बैठ गए हैं.