कुल्लू: उपमंडल बंजार के कई गांव आज भी सड़क सुविधा से वंचित हैं. इसके चलते लोगों को कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं. अब शाकटी मरोड़ के गांव के लोगों का दर्द एक बार फिर से सामने आया है. दर्द तब छलका जब ग्रामीणों को एक बीमार महिला को 25 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा.
पैदल चलकर मरीजों को सड़क तक पहुंचाने के मामले
बीते दिनों तीर्थन घाटी की नाही पंचायत में एक महिला को पालकी में डालकर 4 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया गया था. आए दिन बंजार विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम गांव में ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. उपमंडल बंजार की गाड़ापारली पंचायत के दुर्गम गांव शाकटी में भी ऐसा मामला सामने आया है. एक बीमार महिला को ग्रामीणों ने 25 किलोमीटर पैदल चलकर निहारनी तक पहुंचाया.
महिला हरा दासी को पेट में दर्द था. जब उसका दर्द कम नहीं हुआ तो सोमवार सुबह ग्रामीणों ने उसे कुर्सी और पीठ पर उठाकर ही मुख्य सड़क निहारनी तक पहुंचाया. सैंज में एक निजी क्लीनिक में महिला का उपचार किया गया. अब महिला की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
25 किलोमीटर की दूरी तय कर मरीज को मिला उपचार
पहाड़ी रास्ते से ग्रामीणों ने महिला को कुर्सी और पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया. गांव तक सड़क नहीं निकाले जाने को लेकर ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष है. पंचायत प्रधान यमुना देवी, उपप्रधान अजय, पंचायत समिति सदस्य शैंशर धर्मपाल, वार्ड पंच निर्मला देवी ने कहा कि गांव सड़क से 25 किमी दूरी पर है.
गांव को सड़क से जोड़ने के लिए सीएम को सौंपा है ज्ञापन
गांव के पैदल रास्तों की हालत भी खस्ता है. जब कोई बीमार पड़ जाता है तो ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. ऐसे में कई बार मरीज आधे रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. सैंज संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि समिति ने शाकटी और मरोड़ गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है.
ज्ञापन के बाद भी मामला ठंडे बस्ते में है. पैदल रास्तों की मरम्मत भी नहीं हो रही है. शाकटी और मरोड़ के लिए एंबुलेंस सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए. इस बारे में बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि सड़क के लिए प्रपोजल बनाया गया है. लोग जमीन देते हैं तो सड़क की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है.
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