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झिड़ी और तलोगी में 1 पैराग्लाइडर 3 राफ्टरों के काटे गए चालान, बिना सुरक्षा उपकरण के चला रहे थे राफ्ट - Kullu Paraglider Challan

जिला कुल्लू में नियमों को ताक पर रखकर पैराग्लाइडिंग की जा रही है. हादसों के बावजूद इससे सबक नहीं लिया. कुल्लू से कुछ ही दूरी पर पिरड़ी में पैराग्लाइडिंग हो रही है. इसके लिए बकायदा लैंडिंग प्वाइंट घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए पायलट ऐसी जगह पर लैंडिंग कर रहे हैं, जहां एक और घने पेड़ और साथ बिजली की तारें हैं.

Kullu Paraglider Challan
कुल्लू पैराग्लाइडर चालान
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Published : Jan 10, 2020, 1:20 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में नियमों को ताक पर रखकर पैराग्लाइडिंग की जा रही है. हादसों के बावजूद इससे सबक नहीं लिया. कुल्लू से कुछ ही दूरी पर पिरड़ी में पैराग्लाइडिंग हो रही है. इसके लिए बकायदा लैंडिंग प्वाइंट घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए पायलट ऐसी जगह पर लैंडिंग कर रहे हैं, जहां एक और घने पेड़ और साथ बिजली की तारें हैं.

ऐसा नहीं है कि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है, लेकिन यह पायलट इतने शातिर हैं कि विभाग की टीम ने पहुंचने पर पायलट उड़ान ही नहीं भरते हैं. इसके लिए तलोगी साइट से उड़ान भरी जाती है. जिला कुल्लू में लगातार हादसों के बाद भी ये पायलट अनजान बने हुए हैं. ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है.

वीडियो रिपोर्ट

पर्यटन विभाग की टीम ने झिड़ी और तलोगी का दौरा किया. इस दौरान बिना सुरक्षा उपकरण के राफ्ट और पैराग्लाइडर्स चलाए जा रहे थे. इसके चलते विभाग की टीम ने में 3 राफ्ट और एक पैराग्लाइडर का चालान किया. साथ ही उनसे 6 हजार का जुर्माना भी वसूला गया.

वहीं, टीम ने पैराग्लाइडर को तब तक चलाने की अनुमति नहीं दी जब तक उसका पंजीकरण नहीं करवाया जाता है. टीम ने झिड़ी राफ्टिंग साइट पर जब दबिश दी तो यहां पर बिना सुरक्षा उपकरण के ही सैलानियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था. इसके चलते विभाग ने चालान कर राफ्ट संचालकों को भी हिदायत दी है कि वे दोबारा इस तरह की गलती न करें.

ये हैं चिह्नित साइट

जिला में सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, रायसन, तलोगी, कोठी, गढसा साइट से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं. इन सात साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है. इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है. कुल्लू जिला में 500 के करीब पैराग्लाइडर पायलट हैं.

विभाग की टीम ने झिड़ी में 3 राफ्टरों के चालान कर 5 हजार और पैराग्लाइडर से 1 हजार रुपए जुर्माना वसूला है. तीनों नियमों को ताक पर रखकर राफ्टिंग करवा रहे थे. आगामी दिनों में भी विभाग की कार्रवाई जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: भारी बर्फबारी के कारण मणिकर्ण घाटी में फंसे 12 पर्यटक, पुलिस ने किया रेस्क्यू

कुल्लू: जिला कुल्लू में नियमों को ताक पर रखकर पैराग्लाइडिंग की जा रही है. हादसों के बावजूद इससे सबक नहीं लिया. कुल्लू से कुछ ही दूरी पर पिरड़ी में पैराग्लाइडिंग हो रही है. इसके लिए बकायदा लैंडिंग प्वाइंट घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए पायलट ऐसी जगह पर लैंडिंग कर रहे हैं, जहां एक और घने पेड़ और साथ बिजली की तारें हैं.

ऐसा नहीं है कि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है, लेकिन यह पायलट इतने शातिर हैं कि विभाग की टीम ने पहुंचने पर पायलट उड़ान ही नहीं भरते हैं. इसके लिए तलोगी साइट से उड़ान भरी जाती है. जिला कुल्लू में लगातार हादसों के बाद भी ये पायलट अनजान बने हुए हैं. ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है.

वीडियो रिपोर्ट

पर्यटन विभाग की टीम ने झिड़ी और तलोगी का दौरा किया. इस दौरान बिना सुरक्षा उपकरण के राफ्ट और पैराग्लाइडर्स चलाए जा रहे थे. इसके चलते विभाग की टीम ने में 3 राफ्ट और एक पैराग्लाइडर का चालान किया. साथ ही उनसे 6 हजार का जुर्माना भी वसूला गया.

वहीं, टीम ने पैराग्लाइडर को तब तक चलाने की अनुमति नहीं दी जब तक उसका पंजीकरण नहीं करवाया जाता है. टीम ने झिड़ी राफ्टिंग साइट पर जब दबिश दी तो यहां पर बिना सुरक्षा उपकरण के ही सैलानियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था. इसके चलते विभाग ने चालान कर राफ्ट संचालकों को भी हिदायत दी है कि वे दोबारा इस तरह की गलती न करें.

ये हैं चिह्नित साइट

जिला में सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, रायसन, तलोगी, कोठी, गढसा साइट से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं. इन सात साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है. इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है. कुल्लू जिला में 500 के करीब पैराग्लाइडर पायलट हैं.

विभाग की टीम ने झिड़ी में 3 राफ्टरों के चालान कर 5 हजार और पैराग्लाइडर से 1 हजार रुपए जुर्माना वसूला है. तीनों नियमों को ताक पर रखकर राफ्टिंग करवा रहे थे. आगामी दिनों में भी विभाग की कार्रवाई जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: भारी बर्फबारी के कारण मणिकर्ण घाटी में फंसे 12 पर्यटक, पुलिस ने किया रेस्क्यू

Intro:झिड़ी व तलोगी में 1 पैराग्लाइडर व 3 राफ्टरो के चालान
बिना सुरक्षा उपकरण के चला रहे थे राफ्टBody:




जिले में नियमों को ताक पर रखकर पैराग्लाइडिंग की जा रही है। हादसों के बावजूद इससे सबक नहीं लिया। कुल्लू से कुछ ही दूरी पर पिरड़ी में पैराग्लाइडिंग हो रही है। इसके लिए बकायदा लैंडिंग प्वाइंट घोषित किया है, लेकिन पर्यटकों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए पायलट ऐसी जगह पर लैंडिंग कर रहे हैं, जहां एक और घने पेड़ और साथ बिजली की तारें हैं। ऐसा नहीं है कि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही है, लेकिन यह पायलट इतने शातिर हैं कि विभाग की टीम यहां पहुंचती है तो यह उड़ान ही नहीं भरते हैं। इसके लिए तलोगी साइट से उडान भरी जाती है। जिला कुल्लू में लगातार हादसों के बाद भी ये पायलट अनजान बने हुए हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।

बॉक्स

पर्यटन विभाग की टीम ने भी जब झिड़ी व तलोगी का दौरा किया तो यहां पर बिना सुरक्षा उपकरण के राफ्ट व पैराग्लाइडर्स चलाए जा रहे थे। जिसके चलते विभाग की टीम ने में 3 राफ्ट व एक पैराग्लाइडर का चालान किया और उनसे 6 हजार जुर्माना भी वसूला गया। वही टीम ने पैराग्लाइडर को तब तक चलाने की अनुमति नहीं दी जब तक उसका पंजीकरण नहीं करवाया जाता है। टीम ने झिड़ी राफ्टिंग साइट पर जब दबिश दी तो यहां पर बिना सुरक्षा उपकरण के ही सैलानियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। जिसके चलते विभाग ने चालान कर राफ्ट संचालकों को भी हिदायत दी है कि वे दोबारा इस तरह की गलती ना करें।

बॉक्स

ये हैं चिह्नित साइट

जिले में सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, रायसन, तलोगी, कोठी, गढसा साइट से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं। इन सात साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है। इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है। कुल्लू जिला में 500 के करीब पैराग्लाइडर पायलट हैं।

Conclusion:


बॉक्स

विभाग की टीम ने झिड़ी में 3 राफ्टरो के चालान कर 5 हजार और पैराग्लाइडर से 1 हजार रुपए जुर्माना वसूला है। तीनो नियमो को ताक पर रखकर राफ्टिंग करवा रहे थे। आगामी दिनों में भी विभाग की कार्रवाई जारी रहेगी।

-बीसी नेगी, जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू।
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